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Jyotiraditya Scindia: बीजेपी ने कार्यकर्ताओं को दी नसीहत, सिंधिया के बारे में बयानबाजी से बचें

ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ हो रही बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र जारी कर कहा है कि पार्टी का कोई भी सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कोई बयानबाजी न करें।
07:33 PM Dec 09, 2024 IST | Saraswati Chandra

Jyotiraditya Scindia: भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल ही हुए विधानसभा उपचुनावों में विजयपुर की सीट पर भाजपा को मिली हार के बाद पार्टी बहुत संभल कर आगे की रणनीति पर काम कर रही है। इस जीत को लेकर जिस तरह से कांग्रेस सरकार पर हमलावर है तो वहीं बीजेपी बैकफुट पर आ गई है। बीजेपी की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी कैंडिडेट रामनिवास रावत के प्रचार में न जाना बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी को बता रहा है। जिस तरह से पार्टी में सिंधिया को लेकर खुलकर बयानबाजी हो रही है, इसे देखते हुए पार्टी ने सिंधिया पर बयानबाजी को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है ।

सिंधिया पर क्या हिदायत दी प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा ने

विजयपुर उपचुनाव हारने के बाद पार्टी हाईकमान को अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिदायत देनी पड़ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ हो रही बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र जारी कर कहा है कि पार्टी का कोई भी सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कोई बयानबाजी न करें। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा ने लिखा कि विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के विषय में कांग्रेस द्वारा प्रायोजित खबरें निराधार व भ्रामक हैं। आधारहीन एवं सत्यहीन विषयों पर पार्टी कार्यकर्ता किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व टिप्पणी न करें।

जनसंघ के जमाने से सिंधिया परिवार जुड़ा है

वी. डी. शर्मा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को पार्टी का सम्मानित सदस्य बताया और कहा कि वे हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सम्मानित केंद्रीय मंत्री हैं। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक सिंधिया परिवार का पारिवारिक नाता है। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव सामूहिक नेतृत्व के आधार पर पूरी मजबूती से लड़ा गया था। बता दें कि विजयपुर चुनाव को लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है सिंधिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बीच की तल्खियां चर्चा का विषय है। तोमर पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत को बीजेपी में लाए थे, इससे सिंधिया नाराज थे और यही वजह है कि सिंधिया विजयपुर उपचुनाव में प्रचार के लिए एक दिन भी नहीं आए।

कांग्रेस बोली सिंधिया और तोमर के बीच वर्चस्व की लड़ाई

इस पूरे मामले पर बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि ये बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई है जो कि चुनाव में बाहर आ गई। बीजेपी के कार्यकर्ता नहीं चाहते थे कि रामनिवास रावत जीतें, इसी के चलते कार्यकर्ताओं ने उनका साथ नहीं दिया। पार्टी प्रवक्ता के. के. मिश्रा ने कहा कि सिंधिया की भी हालत वही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जमकर तनातनी है। अब जनता ने दिखा दिया कि गद्दारों के साथ क्या होता है। रामनिवास रावत ने खुद कहा था कि उन्हें पार्टी के लोगों का साथ नहीं मिला है, साथ ही बीजेपी के प्रदेश महामंत्री ने भी माना था कि सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) विजयपुर और बुधनी उपचुनाव में स्टार प्रचारक थे लेकिन वे प्रचार में नहीं पहुंचे।

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