Bonded Labourer Freed: प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के रहने वाले बंधुआ मजदूरों को कराया आजाद, नहीं मिलता था पर्याप्त खाना

Bonded Labourer Freed: शिवपुरी के सिरसौद थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव के एक कृषि फार्म से छत्तीसगढ़ के रहने वाले बंधुआ मजदूरों को छुड़ाया गया।
bonded labourer freed  प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के रहने वाले बंधुआ मजदूरों को कराया आजाद  नहीं मिलता था पर्याप्त खाना

Bonded Labourer Freed: शिवपुरी। जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव के एक कृषि फार्म से छत्तीसगढ़ के रहने वाले बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने की कार्रवाई एसडीएम और लेबर इंस्पेक्टर ने देहात और सिरसौद पुलिस की मदद से की। मजदूरों को बंधुआ बनाकर बोरवेल की मशीन पर कार्य कराया जा रहा था। उन्हें मजदूरी के पैसे से लेकर पर्याप्त खाना भी नहीं दिया जा रहा था। बता दें कि रिहा मजदूरों में कुछ नाबालिग भी शामिल हैं।

मजदूरी के बदले पर्याप्त खाना भी नहीं

लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला के लेबर इंस्पेक्टर द्वारा फोन पर उनके जिले के मजदूरों को बंधुआ बनाने की सूचना मिली थी। इसकी जानकारी कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी को दी गई थी। कलेक्टर ने तत्काल एसडीएम उमेश कौरव को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। शिवपुरी एसडीएम ने बताया कि सूचना के बाद आज शाम मानिकपुर गांव में धर्मेंद्र रावत के कृषि फार्म पर दविश दी गई थी। यहां उन्हें बोरवैल पर मजदूरी के लिए लाए गए छत्तीसगढ़ के 8 मजूदर मिले थे। जिनमें नाबालिग भी शामिल थे। मजदूरों के बयान लिए गए, जिसमें उन्हें मजदूरी के पूरे पैसे नहीं दिए गए। उन्हें पर्याप्त खाना भी नहीं दिया जा रहा था। साथ ही मजदूरों को वापस छत्तीसगढ़ भी नहीं जाने दिया जा रहा था।

दलाल के जरिए आए थे मजदूर

मजदूरों के मुताबिक उन्हें छत्तीसगढ़ से ग्वालियर मजदूरी के नाम लाया गया था। यहां उन्हें ग्वालियर के एक दलाल के सुपुर्द कर दिया था। दलाल ने वोरवेल के स्टाफ के सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद उन्हें भिंड ले जाया गया था। बाद में उन्हें बोरिंग मशीन पर ग्वालियर में काम कराया गया। तीन दिन पहले उन्हें शिवपुरी लाया गया था। एसडीएम ने बताया कि ठेकेदार और उसने सहयोगी पर मामला बनाया जा रहा है। सभी मजदूरों को छत्तीसगढ़ भेजा जाएगा।

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