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MP में केले पर वायरस के अटैक से लाखों का नुकसान, फसल उखाड़ कर फेंक रहे किसान, जानिए लक्षण और कारण

Burhanpur Banana Farming बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में इस साल किसानों ने 23 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले की फसल लगाई है। लेकिन, इस साल केले की फसल पर कुकुंबर मोजैक वायरस के दस्तक से...
10:45 AM Aug 29, 2024 IST | MP First

Burhanpur Banana Farming बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में इस साल किसानों ने 23 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले की फसल लगाई है। लेकिन, इस साल केले की फसल पर कुकुंबर मोजैक वायरस के दस्तक से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। इस वायरस से किसानों की केले की फसल खराब हो रही है। किसान अब केले की फसल उखाड़कर फेंक रहे हैं।

केले की फसल में रोग

बुरहानपुर जिले के पातोंडा गांव में केले की फसल ((Burhanpur Banana Farming)) में रोग लगने से किसान परेशान हैं। गांव में 40 से अधिक किसानों की केले की फसल कुकुंबर मोजैक वायरस की चपेट में आ गई है। फसल में वायरस लगने के बाद किसानों ने खेतों में मजदूर लगाकर पूरी फसल उखाड़कर फेंक दी है। अब किसान प्रदेश की मोहन सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

कुकुंबर मोजैक वायरस के लक्षण

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर पातोंडा गांव में केला उत्पादक किसानों की फसल पर सीएमवी (कुकुंबर मोजैक वायरस) ने कहर बरपाया है। कुकुंबर मोजैक वायरस के लक्षण शुरुआती तौर पर पत्तियों पर दिखाई पड़ते हैं। पौधे में वायरस लगने पर पत्तियों पर पीले रेशे दिखने लगते हैं इसके बाद पत्ती सूख जाती है।

इसके साथ ही पत्तोंं पर दाग धब्बे (cucumber mosaic virus attack on banana crop) आ जाते हैं। इस संक्रमण से पौधों का विकास भी प्रभावित होता है। केले की फसल में रोग लगने से परेशान किसान अब फसल उखाड़ कर फेंक रहे हैं।

किसान क्या करें?

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, अगर किसी एक पौधे में कुकुंबर मोजैक वायरस फैल गया है। उस पौधे पर हसिया, कुदाल आदि का इस्तेमाल करते हैं और फिर इसे अन्य स्वस्थ पौधे के पास भी लेकर जाते हैं तो इससे अन्य पौधों में भी वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। केले के बागान को साफ सुथरा रखें। केले के बागान के पास टमाटर, लत्तीदार  फसल, मिर्च आदि की खेती न करें। ऐसी फसलों से केले में वायरस अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

क्या है किसानों की मांग?

वहीं, किसान ओमराज बावस्कर ने कहा, "मैंने तीन महीने पहले तीन एकड़ रकबे में 5600 केले के पौधे लगाए। फसल को वायरस से बचाने के लिए 2 बार दवाइयों का छिड़काव भी किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। सीएम वायरस के प्रकोप से फसल खराब हो रही है। इससे पौधों की ऊंचाई बढ़ना रुक जाती है। मजबूरी में केले की फसल उखाड़ कर फेंक रहे हैं। इससे आर्थिक नुकसान भी रहा है। अब तक इस फसल में एक लाख रुपए से अधिक की लागत आई है। ऐसे में सरकार से मुआवजे की आस है।"

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