Burhanpur Collector Action: कलेक्टर का बड़ा एक्शन, बाबू को बना दिया चपरासी, पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान

Burhanpur Collector Big Action बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की कलेक्टर भव्या मित्तल ने ऐसा फैसला लिया है, जिसके चलते चारों तरफ उनकी चर्चा हो रही है। कलेक्टर भव्या मित्तल ने जिले में भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित...
burhanpur collector action  कलेक्टर का बड़ा एक्शन  बाबू को बना दिया चपरासी  पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान

Burhanpur Collector Big Action बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की कलेक्टर भव्या मित्तल ने ऐसा फैसला लिया है, जिसके चलते चारों तरफ उनकी चर्चा हो रही है। कलेक्टर भव्या मित्तल ने जिले में भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित चल रहे महिला बाल विकास विभाग के बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार साबित होने पर उसका निलंबन समाप्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने भ्रष्ट बाबू का डिमोशन करते हुए विभाग में खाली चपरासी के पद पर पदस्थ (Burhanpur Collector Demoted Clerk) करने का आदेश जारी कर दिया है।

बुरहानपुर कलेक्टर ने बाबू को बनाया चपरासी

बुरहानपुर कलेक्टर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। रिश्वत मांगने के आरोप में कलेक्टर भव्या मित्तल ने सुभाष काकड़े नामक एक बाबू का डिमोशन (Burhanpur Collector Big Action) कर चपरासी बना दिया है। कलेक्टर के इस फैसले से जिले के सभी सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मच गया है। वहीं, दूसरी ओर इस फैसले के बहाने कलेक्टर भव्या मित्तल ने सभी सरकारी अफसरों और कर्मचारियों को ईमानदारी से राम करने का संदेश दिया है। इस कार्रवाई के बहाने उन्होंने संदेश दे दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चाबुक चलता रहेगा।

Burhanpur Collector Big Action

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि, जुलाई 2024 में कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर भव्या मित्तल को शिकायत मिली थी कि महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय खकनार में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 सुभाष काकड़े ने आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर भर्ती के लिए रिश्वत मांगी थी। जनसुनवाई में इस शिकायत को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए आरोपी बाबू को फौरन निलंबित किया। इसके बाद अपर कलेक्टर और महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी को जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान आरोपी सहायक को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन सुभाष काकड़े का पक्ष संतोषजनक नहीं पाया गया। ऐसे जांच अधिकारियों ने जांच में आरोपी सुभाष को अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एमपी सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 13 और 14 का उल्लंघन किया जाना पाया गया। इसके बाद कलेक्टर ने यह कार्रवाई की है।

बुरहानपुर कलेक्टर का बड़ा एक्शन

जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कलेक्टर भव्या मित्तल ने सिविल सेवा वर्गीकरण एवं नियंत्रण और अपील नियम 1966 के नियम 10 के तहत कड़ी सजा दी है। सुभाष काकड़े का डिमोशन करते हुए उसे चपरासी के पद पर पदस्थ किया है। इसके साथ ही निलंबित (Collector Bhavya Mittal Demoted Clerk) अवधि को अकार्य दिवस माना गया है। यानी बाबू जितने दिन तक निलंबित रहा, उसके एवज में उसे कुछ नहीं मिलेगा। कलेक्टर भव्य मित्तल ने कहा है कि शिकायतों का निराकरण संतोषजनक तरीके से और निर्धारित समय सीमा के भीतर करें, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

क्या कहना है कलेक्टर भव्या मित्तल का?

वहीं, इस पूरे मामले में कलेक्टर भव्या मित्तल (Burhanpur Collector Bhavya Mittal) ने बताया, "विभागीय जांच की प्रक्रिया के तहत आरोप पत्र और आधार पत्र जारी किए गए थे। विभागीय जांच अधिकारी ने निलंबित कर्मचारी सुभाष काकड़े को सुनवाई का पर्याप्त अवसर भी दिया, लेकिन वह संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाया। पद के दुरुपयोग और वित्तीय लाभ लेने की श्रेणी में आकर उसने मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन किया है। इसके आधार पर सुभाष काकड़े का डिमोशन किया गया है। सभी को गंभीरता से काम करना होगा और कार्य में प्रगति लानी होगी। जो पटवारी महा अभियान के तहत काम नहीं कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

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