Burhanpur Haldi: विदेशों तक पहुंची बुरहानपुर की हल्दी, रूस ने दिया 20 टन ऑर्डर तो किसानों ने कर दी यह मांग

बुरहानपुर में 20 साल पहले किसानों ने हल्दी की खेती शुरू थी। वर्तमान में बुरहानपुर में 2500 हेक्टयर जमीन पर हल्दी की खेती करते हैं।
burhanpur haldi  विदेशों तक पहुंची बुरहानपुर की हल्दी  रूस ने दिया 20 टन ऑर्डर तो किसानों ने कर दी यह मांग

Burhanpur Haldi: बुरहानपुर। पीएम नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम 'एक जिला एक उत्पाद' में बुरहानपुर जिले में केले के साथ साथ हल्दी को भी शामिल किया गया है। हल्दी को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किए जाने के सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहे हैं। इससे बुरहानपुर में उत्पादित होने वाली हल्दी की विदेश में विशेष पहचान बनी है। पढ़िए एमपीफर्स्ट की खास रिपोर्ट।

रुस को पसंद आई बुरहानपुर की हल्दी, दिया 20 टन का ऑर्डर

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम एक जिला एक उत्पाद के अब सकारात्मक परिणाम तेज गति से सामने आ रहे हैं। अगर बुरहानपुर जिले की बात करें तो इस जिले में केला और हल्दी की अच्छी पैदावार होती है, लिहाजा केला और हल्दी को एक जिला एक उत्पाद स्कीम में शामिल किया गया। हाल ही जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय केला हल्दी फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। इसके बाद रूस के मास्को में 23 जनवरी से 09 फरवरी के बीच नमस्ते भारत प्रदर्शनी में बुरहानपुर जिले के केले से बने उत्पाद और हल्दी का प्रदर्शन किया गया।

Burhandpur Haldi News

यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संगठन व भारतीय रूसी मैत्री संगठन हारमनी के संयुक्त प्रयासों से किया गया, जिसमें भारत अतिथि देश के रूप में शामिल हुआ। इस प्रदर्शनी में बुरहानपुर की हल्दी (Burhanpur Haldi) और हल्दी पावडर को रूसी नागरिकों ने खूब पसंद किया। हल्दी के सैंपल रूस की लैब में टेस्ट के लिए मंगाए गए। लैब में सैंपल पास होने के बाद स्थानीय इको मोर संस्था ने बुरहानपुर की हल्दी का 20 टन का ऑर्डर दिया जिसका एमओयू करार किया गया।

20 वर्ष पहले शुरू की थी हल्दी की फसल, आज है दुनिया में मशहूर

बुरहानपुर में 20 साल पहले किसानों ने हल्दी की खेती शुरू थी। वर्तमान में बुरहानपुर में 2500 हेक्टयर जमीन पर हल्दी की खेती करते हैं। इस बारे में बुरहानपुर की विधायक अर्चना चिटनीस का कहना है कि भारत में मप्र और बुरहानपुर का भविष्य खेती किसानी के क्षेत्र में काफी उज्जवल है, क्योंकि हमारे किसान पारंपरिक खेती और आधुनिक खेती दोनों का संयुक्त रूप से उपयोग करने में सक्षम हैं। बुरहानपुर में हल्दी के क्षेत्र में और संभावना है, हम आगे और बेहतर से बेहतर हल्दी के बीज लाकर एक्सपर्ट क्वालिटी की हल्दी उत्पादित कर सकते हैं। उन्होने कहा कि आज जरूरत कृषि उत्पाद को कृषि आधारित उद्योग और निर्यात से जोडने की है, अगर ऐसा होता है तो देश में सांगली महाराष्ट्र के बाद बुरहानपुर हल्दी की बडी मंडी होगी।

किसानों ने सरकार से मांगे उन्नत किस्म के बीज

बुरहानपुर की हल्दी (Burhanpur Haldi) की मांग विदेशों में शुरू होने की खबर से बुरहानपुर के हल्दी उत्पादक किसान काफी खुश हैं। किसानों का कहना है कि अब उन्हें अपनी हल्दी बेचने के लिए महारष्ट्र की सांगली मंडी नहीं जाना पडेगा। किसानों ने सरकार से मांग की है कि विदेशों में बुरहानपुर की हल्दी की मांग बढने से जिले में हल्दी की खेती का रकबा भी बढेगा, ऐसे में किसानों को उन्न किस्म के प्रमाणिक हल्दी के बीज उपलब्ध कराए जाए। साथ ही समय-समय पर हल्दी की फसल में आने वाली बीमारियों के रखरखाव के लिए कृषि वैज्ञानिकों से परामर्श दिलाया जाए।

(बुरहानपुर से सोनू सोहेल की रिपोर्ट)

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