Burhanpur News: बारिश बनी विद्यार्थियों की आफत, कीचड़ भरे रास्ते से गिरते-पड़ते जाते हैं स्कूल
Burhanpur News: बुरहानपुर। मध्यप्रदेश सरकार एक तरफ तो सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की महत्वाकांक्षी मुहिम में जुटी हुई हैं वहीं दूसरी तरफ राज्य के बुरहानपुर जिले के नेपानगर तहसील के सीवल गांव में स्कूली बच्चों के लिए स्कूल जाने की डगर बहुत कठिन बन चुकी है। खास तौर पर यहां स्कूल जाना बच्चों के लिए किसी खतरनाक एडवेंचर गेम जैसा अनुभव होता है। गांव के जूनियर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास और हाई स्कूल के बीच की दूरी कुल 1.5 किलोमीटर है जो बारिश के मौसम में पूरी तरह कीचड़युक्त हो जाता है। ऐसे में विद्यार्थियों को स्कूल तक जाने में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
कोई दोस्तों के कंधे पर तो कोई नंगे पैर जाता है स्कूल
गांव के जूनियर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास और हाई स्कूल के बीच का डेढ़ किलोमीटर रास्ता खस्ताहाल बना हुआ है। यहां कीचड़ के चलते अधिकांश बच्चे नंगे पैर स्कूल जाते हैं, जिसकी वजह से कई बार उन्हें चोट भी लग जाती है। यहां विद्यार्थियों को कभी दोस्तों के कंधे पर तो कभी हाथों में हाथ पकड़कर स्कूल जाने की डगर पार करनी पड़ती है। कुछ बच्चे तो पैर में बिना सैंडिल या चप्पल पहने नंगे पैर ही निकल पड़ते हैं जिसकी वजह से वे हादसों का भी शिकार हो सकते हैं। हॉस्टल में लगभग 40 विद्यार्थी हैं, उनके अलावा गांव से आने वाले हाई स्कूल के अन्य विद्यार्थियों को भी इसी रास्ते से होकर स्कूल जाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने की ग्राम पंचायत से शिकायत
खराब रास्ते को लेकर ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से भी शिकायत की है परन्तु सरपंच द्वारा कोई रुचि नहीं ली गई। खबर (Burhanpur News) के मीडिया में आने के बाद स्थानीय नोडल अधिकारी ने समस्या पर संज्ञान लेते हुए इस संबंध में एक प्रस्ताव विभाग को भेज दिया है।
हर हॉस्टल के लिए है एक नोडल अधिकारी, फिर भी अनदेखी
इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि कलेक्टर भव्या मित्तल ने जिले के सभी हॉस्टल्स के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की हुई है। सीवल जूनियर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास की नोडल अधिकारी लोक निर्माण विभाग की कार्यपालन यंत्री पद्मारेखा श्रीवास्तव है। इसके बावजूद भी यह रास्ता खस्ताहालत में है। इस संबंध में जब कार्यपालन यंत्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रास्ते पर पक्की सड़क बनवाने का प्रस्ताव विभाग को भेज दिया गया है।
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