Burhanpur News: अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहा सतियारा श्मशान घाट, बारिश के बीच प्लास्टिक के नीचे चिता जलाने को मजबूर लोग
Burhanpur News: बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में किसी को सुकून की मौत भी नसीब नहीं हो रही है। महाजनापेठ स्थित सतियारा श्मसान घाट पर छत ना होने से बारिश में चिता जलाना मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि एक चिता जल रही है, लेकिन बीच में बारिश ने खलल डाल दिया और चिता बुझने लगती है। हालांकि,लोगों ने चिता को चारों ओर से प्लास्टिक से ढककर बुझने से बचाया। वहीं इस घटना को लेकर लोगों मे आक्रोश है, उनका कहना है कि मरने के बाद भी सुकून नहीं है।
दरअसल, यहां शुक्रवार को श्मशान घाट (Burhanpur News)पर चिता जलने के दौरान बारिश शुरू हो गई, वहां मौजूद लोगों ने प्लास्टिक ढांक कर चिता जलाई, जबकि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जलती चिता बीच में नहीं बुझनी चाहिए, इससे मृतक की आत्मा को शांति नही मिलती है।
सतियारा श्मशान घाट पर अर्थी को कंधा देने आए सांसद प्रतिनिधि आदित्य प्रजापति ने (Burhanpur News) भी इस मामले पर दु:ख व्यक्त किया है, उन्होंने कहा है कि श्मशान में छत ना होने से बारिश के दौरान खुले आसमान के नीचे चिता जलानी पड़ रही है, हम नगर निगम कमिश्नर से निवेदन करते हैं कि वह इस ओर देखें और तुरन्त ही श्मशान घाट की छत का कार्य शुरू करवायें।
#Burhanpur से नगर निगम की लापरवाही की बेहद ही शर्मनाक तस्वीर सामने आयी है। यहां महाजनापेठ स्थित सतियारा श्मशान घाट पर छत ना होने से बारिश में चिता जलाना मुश्किल हो गया है। #Socialmedia पर इसका Video भी #viral हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि एक चिता जल रही है,लेकिन बीच में… pic.twitter.com/SGtxiOMJCW
— MP First (@MPfirstofficial) June 29, 2024
नाराज लोगों निकाल चुके हैं सांकेतिक शव यात्रा
इससे पहले नगर निगम प्रशासन की अनदेखी से (Burhanpur News) नाराज लोग सांकेतिक रूप से नगर निगम आयुक्त की सांकेतिक शव यात्रा भी निकाल चुके हैं। इतना ही नहीं उनके पुतले को भी जला चुके हैं। इस दौरान उन्होंने जिम्मेदारों से अविलंब इस समस्या के हल करने की मांग भी की थी। आम लोगों की समस्या को देखते हुए मजदूर यूनियन अध्यक्ष मैदान में उतरे थे। उन्होंने नगर निगम से जल्द शेड बनाने की मांग की थी और वैकल्पिक व्यवस्था की डिमांड रखी, ताकि बारिश के दिनों में शव जलाने में समस्या से बचा जा सके।