Burhanpur Story: रंग लाई युवाओं की मेहनत, बंजर पहाड़ी को ओढ़ा दी हरियाली की चादर

Burhanpur Story: इंसान अगर ठान ले तो क्या कुछ नहीं कर सकता। इंसानी ज़िद का एक सकारात्मक उदाहरण सामने आया है उपनगर लालबाग क्षेत्र स्थित सतपुड़ा पहाड़ी इलाके से। यहां कुछ युवाओं ने अपने कड़े प्रयासों से बंजर क्षेत्र को...
burhanpur story  रंग लाई युवाओं की मेहनत  बंजर पहाड़ी को ओढ़ा दी हरियाली की चादर

Burhanpur Story: इंसान अगर ठान ले तो क्या कुछ नहीं कर सकता। इंसानी ज़िद का एक सकारात्मक उदाहरण सामने आया है उपनगर लालबाग क्षेत्र स्थित सतपुड़ा पहाड़ी इलाके से। यहां कुछ युवाओं ने अपने कड़े प्रयासों से बंजर क्षेत्र को हरा-भरा कर दिया है। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।

बंजर जमीन को पसीने से सींचकर कर दिया हरा-भरा

सतपुड़ा पहाड़ी का इलाका 6 साल पहले तक पूरी तरह से बंजर था। हालात ये थे कि उस समय लोग इस पहाड़ी पर जाने तक से घबराते थे। श्री गजानन महाराज वाटिका के सदस्यों ने इस क्षेत्र का कायाकल्प करने का निश्चय किया। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही परिणाम रहा कि अब इस इलाके की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। अब यहां हजारों पेड़-पौधों का बड़ा जंगल है। कभी बंजर रही इस पहाड़ी के कई एकड़ हिस्से ने अब हरियाली की नई चादर ओढ़ ली है।

लोग जुड़ते गए और कारवां आगे बढ़ता गया

ऐसा नहीं है कि इस बंजर भूमि को हरा-भरा करना कोई आसान काम था। शुरुआत में युवाओं की इस पहल का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। हालांकि, इन युवाओं ने हार नहीं मानी और निरंतर अपने प्रयास में लगे रहे। इन युवाओं ने इस बंजर भूमि पर साल 2018 से अब तक 5,000 से अधिक पौधे लगाए हैं। इन युवाओं की पहल के बाद जब हरियाली बढ़ने लगी तो और लोग भी इस मुहिम से जुड़ते चले गए।

हरियाली से बढ़ गया इलाके का जलस्तर

सतपुड़ा पहाड़ी इलाके में बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाने से बड़ा फायदा यह हुआ की लोगों का ताजा हवा मिलने लगी। इससे इलाके तापमान भी कुछ कम हुआ। इसके अलावा यहां का भूमिगत जल स्तर भी बढ़ गया। युवाओं की इस अनूठी पहल से कई प्रतिष्ठित लोग भी इस मुहिम से जुड़ने लगे। इस अभियान के तहत अब तक दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, विधायक अर्चना चिटनीस सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी जुड़ चुके हैं।

प्रशासन से नहीं मिल रही मदद

इन युवाओं के प्रयासों के चलते यहां आम, नीम, आंवले सहित कई फलदार और छाया वाले पेड़ तैयार हो गए हैं। इन पेड़-पौधों को ड्रिप नली से पानी दिया जाता था, लेकिन अब यहां का बिजली कनेक्शन बंद हो गया है। वन विभाग ने भी युवाओं की सहायता करना बंद कर दिया है। प्रशासन की बेरुखी के चलते अब पौधों को पानी देने में बाधा उत्पन्न हो गई है। श्री गजानन महाराज वाटिका के सदस्यों ने पौधों को जिंदा रखने के लिए जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

मदद की गुहार

श्री गजानन महाराज वाटिका के सदस्य उमेश तिवारी ने बताया कि इस बंजर पहाड़ी के 150 फीट ऊंचे हिस्से तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना बेहद मुश्किल काम था। शुरुआती दौर में हमारे पास साधन उपलब्ध नहीं थे। 2018 में युवाओं की पहल से एक खेत में स्थित निजी कुएं से पानी का प्रबंध किया। शुरुआत में तो प्लास्टिक के केन और बाल्टियों में पानी भरकर पहाड़ी के ऊपरी हिस्से पर पहुंचाया गया। फिर बड़ी टंकियों में पानी भरकर ड्रिप नलियों से पौधों को सींचा गया। हम लोगों ने चंदा जुटाकर सोलर पैनल की व्यवस्था की थी, लेकिन अब ये चोरी हो गए हैं। हम जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं कि इन पेड़ों को बचाने में हमारी सहायता करें।

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