शिक्षा विभाग की लापरवाही! छतरपुर में मृत शिक्षक को बोर्ड परीक्षा की कॉपियां चेक करने की जिम्मेदारी, अब हो रही किरकिरी

छतरपुर में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मृत शिक्षक को भी बोर्ड कॉपियों को चेक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कॉपी चेक करने के लिए आदेश भी जारी हो गया है।
शिक्षा विभाग की लापरवाही  छतरपुर में मृत शिक्षक को बोर्ड परीक्षा की कॉपियां चेक करने की जिम्मेदारी  अब हो रही किरकिरी

Chhatarpur Education Department Negligence छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते मृत शिक्षक को भी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों को चेक करने की जिम्मेदारी मिली है।  इस बार विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा है, जो विभाग के साथ पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला उजागर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने गलती स्वीकारते हुए दिवंगत प्राचार्य का नाम ड्यूटी से हटाने की बात कही है, लेकिन इस आशय का आदेश अभी तक सामने नहीं आया है।

छतरपुर में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही

अक्सर लापरवाही के लिए सुर्खियों में रहने वाले छतरपुर के शिक्षा विभाग का एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। बहरहाल जो भी हो लेकिन शिक्षा विभाग के इस कारनामे से न सिर्फ छतरपुर बल्कि संपूर्ण मध्य प्रदेश में यहां के अधिकारी-कर्मचारियों की किरकिरी हो रही है कि 13 मार्च से बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्य में जिले के लगभग 500 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

Chhatarpur Education Department Negligence

मृत शिक्षक को बोर्ड परीक्षा की कॉपियां चेक करने की जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि सैकड़ों शिक्षकों (Chhatarpur Education Department Negligence) में एक नाम चंद्रप्रकाश तिवारी का है जो कि हाई स्कूल सिमरिया के भूतपूर्व प्राचार्य और जीव विज्ञान विषय के शिक्षक रहे हैं। 13 दिसंबर 2024 को उनका निधन हो गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में वे आज भी जिंदा हैं। आदेश जारी होने के बाद अब शिक्षा विभाग पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

Chhatarpur Education Department Negligence

क्या कहते हैं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी?

दरअसल, मामला सामने तब आया जब जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 में 16 मार्च को उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 16 मार्च को प्रशिक्षण की दूसरी पारी यानी की दोपहर डेढ़ बजे से पांच बजे तक उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं, इस पूरे मामले में आर. पी. प्रजापति, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया है, "कितने शिक्षकों की ड्यूटी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगाई है। इसकी सही संख्या मुझे पता नहीं है। एक दिवंगत प्राचार्य की ड्यूटी लगाए जाने का मामला मेरे में संज्ञान में आया है। संबंधित प्राचार्य की नाम सूची से हटा दिया गया है।"

(छतरपुर से हिमांशु अग्रवाल की रिपोर्ट)

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