Mohan Yadav News: मुख्यमंत्री मोहन यादव को अचानक दिल्ली से बुलावा, पूर्वनिर्धारित सभी कार्यक्रम निरस्त

Mohan Yadav News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) को अचानक दिल्ली से बुलावा आया है। इसके बाद वह आज के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिल्ली रवाना हो गए हैं। अचानक उन्हें दिल्ली बुलावे के पीछे कई वजहें...
mohan yadav news  मुख्यमंत्री मोहन यादव को अचानक दिल्ली से बुलावा  पूर्वनिर्धारित सभी कार्यक्रम निरस्त

Mohan Yadav News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) को अचानक दिल्ली से बुलावा आया है। इसके बाद वह आज के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिल्ली रवाना हो गए हैं। अचानक उन्हें दिल्ली बुलावे के पीछे कई वजहें अहम मानी जा रही हैं। अटकलों के बाजार में नर्सिंग घोटाला और अन्य स्कैम को लेकर चर्चा है। दूसरी वजह मोहन कैबिनेट के विस्तार को लेकर भी गर्मागर्मी है।

मोहन कैबिनेट का विस्तार

मोहन कैबिनेट के विस्तार की पूरी तैयारी है। इसकी प्रमुख वजह ये है कि अमरवाड़ा उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। बीजेपी ने कमलेश शाह को मंत्री बनाने का आश्वासन दिया था जिसे अब पूरा करने का वक्त आ गया है। दूसरी ओर रामनिवास रावत को अभी तक विभाग नहीं मिला है। अब दिल्ली में मोहन यादव हाईकमान से परमिशन लेकर कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। इसके अलावा बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।

एक अनार सौ बीमार, कैसे बैठेगा तालमेल?

एमपी में मोहन मंत्रिमंडल में अभी 33 मंत्री है और कुल 35 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। ऐसे में एक मंत्री कमलेश शाह को बनाया जाता है तो सिर्फ एक और पद रह जाता है ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि यदि दूसरे चेहरों को शामिल किया जाता तो अभी मंत्री पद संभाल रहे लोगों की क्या छुट्टी हो सकती है?

गोपाल भार्गव:

संभावना है कि गोपाल भार्गव को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उनका दावा मजबूत है। रहली से विधायक गोपाल भार्गव मौजूदा विधायक हैं और उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 में लगातार 9वां चुनाव जीता था। गोपाल भार्गव ने पहला चुनाव 1985 में रहली विधानसभा से लड़ा था और इसके बाद से ही वह लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। 2003 में पहली बार उमा भारती मंत्रिमंडल में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

भूपेंद्र सिंह:

पार्टी सूत्रों के अनुसार, भूपेंद्र सिंह ने खुद को मंत्रिमंडल शामिल कराने के लिए दिल्ली दरबार में पैठ बनाई है। वह लगातार मंत्री बनने की जुगत में है। भूपेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी भी माने जाते हैं। चौहान के कार्यकाल में इन्हें गृह और नगरीय प्रशासन जैसे बड़े और मलाईदार विभागों की जिम्मेदारी मिली थी। इतना ही नहीं कमलनाथ सरकार गिरी थी तो इनकी भूमिका काफी अहम रही थी।

कमलेश शाह:

कमलेश साह छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से आते हैं। कभी कांग्रेस के मजबूत स्तंभ रहे कमलेश शाह का बीजेपी में शामिल होना किसी डील का हिस्सा हो सकता है। अब अमरवाड़ा में उपचुनाव जीतकर उन्होंने मंत्री पद के लिए अपना दावा और मजबूत कर लिया है। कमलेश शाह के मंत्री बनने की पूरी-पूरी संभावना है।

क्या वर्तमान मंत्रियों का पत्ता कटेगा?

जिन विधायकों को मंत्री पद मिला है, उनमें से कुछ ही छुट्टी भी हो सकती है। ऐसे में अगर इन मंत्रियों को हटाया जा सकता है तो बीजेपी को जातिगत समीकरण साधने में मुश्किल आ सकती है। साथ ही विरोध के स्वर भी मजबूत हो सकते हैं। लिहाजा किसका पत्ता कटा जाए और किसका नहीं, यह सवाल पार्टी के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।

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