Kisan Nyay Yatra: शिवराज के गढ़ में कांग्रेस करेगी बड़ा खेल! बढ़ी शिवराज सिंह की बेचैनी
Kisan Nyay Yatra: भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह अपने गढ़ मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता के चलते बैचेन दिखाई दे रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस अपनी किसान न्याय यात्रा निकाल रही है। इन यात्राओं में न केवल राज्य सरकार वरन केन्द्र सरकार पर भी हमला बोला जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन सभी यात्राओं (Kisan Nyay Yatra) में एमपी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी भी खुद शामिल होते हैं।
कांग्रेस के साथ-साथ दूसरे किसान संघ भी उठा रहे हैं किसानों की मांग
कांग्रेस की यह सक्रियता शिवराज सिंह की परेशानी का कारण है। इसकी वजह यह है कि शिवराज 19 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे और अब कृषि मंत्री हैं। कांग्रेस केंद्रीय मंत्री के गृह क्षेत्र में किसानों को बताने जा रही है कि आपके लिए सिर्फ बाते की गईं, लेकिन जो फसलों के दाम बढ़ाकर देने थे, वो नहीं दिए गए बल्कि उनको कागजों का गणित देकर छलावा किया गया। कांग्रेस के साथ ही संघ की संस्था भारतीय किसान संघ भी किसानों के साथ है और सरकार पर दबाव बना रही है तो वहीं किसान संयुक्त मोर्चा भी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने वाली है।
किसानों को डायरेक्ट जोड़ने की कवायद में जुटी कांग्रेस
कमलनाथ के नेतृत्व में भी कांग्रेस ने किसान न्याय यात्रा निकाली थी परन्तु उन यात्राओं में कमलनाथ खुद शामिल नहीं हो सके थे। इस वजह से ही किसान न्याय यात्रा अधिक सफल नहीं हो पाई। परन्तु इस बार न्याय यात्रा (Kisan Nyay Yatra) की कमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने खुद अपने हाथ में ले रखी है। यात्राओं के जरिए वे सरकार पर करारे हमले भी बोल रहे हैं। इस यात्रा में कांग्रेस किसानों के बीच जाकर कह रही है कि बीजेपी सरकार उनके साथ छलावा कर रही है। किसानों को आंकड़ों की हेराफेरी कर बताया जा रहा है जो आने वाले समय में भाजपा की दिक्कतें बढ़ा सकता है।
सोयाबीन, मक्का और गेहूं के दाम बढा़ने की कर रही है मांग
कांग्रेस अपनी यात्रा में सोयाबीन, मक्का और गेहूं की एमएसपी बढ़ाने की भी मांग कर रही है। कांग्रेस नेता कहते हैं कि सोयाबीन की लागत ही प्रति क्विंटल 3 से 4 हजार आ रही है लेकिन किसानों को सरकार 4892 रुपए प्रति क्विंटल दे रही है। सरकार खरीद भी तब करेगी जब किसान अपनी सोयाबीन की फसल बेच चुकी होगी। इसी तरह अब मक्का की फसल आने वाली है, उसके दाम भी 3100 रुपए करे और गेहूं की एमएसपी 3250 करने की मांग की गई है। हालांकि अभी गेहूं की फसल आने में देर है परन्तु कांग्रेस अभी से इसका समर्थन मूल्य 3250 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग कर रही है।
सीहोर जिले में सोयाबीन और गेहूं ज्यादा उगाए जाते हैं
मध्य प्रदेश में सीहोर जिले में इस वक्त सोयाबीन बहुत अधिक क्षेत्रफल मैं बोया गया है तो वही गेहूं भी ज्यादा मात्रा में बोया जाता है। कांग्रेस चाहती है कि सोयाबीन के दाम ₹6 हजार सरकार कर देती है तो उसे किसानों का साथ मिलेगा लेकिन सरकार ₹ हजार प्रति क्विंटल नहीं देती तो बीजेपी सरकार के खिलाफ किसान का गुस्सा फूटेगा।
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