चुनाव आयोग से कर्ज की जानकारी छुपाना कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को पड़ सकता है भारी, खतरे में विधायकी

Congress MLA Arif Masood जबलपुर: भोपाल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की विधायकी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ चुनाव में...
चुनाव आयोग से कर्ज की जानकारी छुपाना कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को पड़ सकता है भारी  खतरे में विधायकी

Congress MLA Arif Masood जबलपुर: भोपाल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की विधायकी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ चुनाव में प्रतिद्वंदी रहे बीजेपी प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह द्वारा चुनाव याचिका दायर कर आरिफ के निर्वाचन को शून्य करने की मांग की गई है। आरिफ मसूद और उनकी पत्नी पर 50 लाख रुपए के लोन की जानकारी चुनावी हलफनामे में जिक्र नहीं करके चुनाव जीतने का आरोप है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से आरिफ मसूद को कोई राहत नहीं मिली है।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट सख्त

भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें बढ़ने के साथ-साथ उनकी विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है। मलसन आरिफ मसूद के निर्वाचन को शून्य किए जाने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्ती बढ़ा दी है। इस मामले में बार-बार टल रही सुनवाई पर नाराजगी जताते हुए अब लगातार सुनवाई का आदेश दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच में सुनवाई के दौरान बैंक के कर्ज दस्तावेजों को सही ठहराया। हालांकि, बैंक अधिकारी ने कोर्ट में बयान बदलने की कोशिश की, लेकिन क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान उन्होंने दस्तावेजों की सच्चाई स्वीकार कर ली।

कोर्ट ने दस्तावेज को माना प्रमाणिक

कोर्ट ने दस्तावेजों को प्रमाणिक मानते हुए आरिफ मसूद (Congress MLA Arif Masood) के आवेदन को खारिज कर दिया। दरअसल कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर चुनावी हलफनामे में स्वयं एवं पत्नी के नाम से लिए गए 50 लाख रुपए के कर्ज की जानकारी को छुपाकर चुनाव आयोग को गलत चुनावी घोषणा पत्र दाखिल करने का आरोप है।

केस SC से HC में वापस

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीजेपी प्रत्याशी पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह (BJP candidate former MLA Dhruv Narayan Singh) ने हाईकोर्ट में चुनावी याचिका के तहत चुनौती दी है। याचिका पर पर आरिफ मसूद द्वारा बैंक ऋण के दस्तावेजों को फर्जी ठहराते हुए चुनाव याचिका खारिज करने की अपील सुप्रीम कोर्ट तक में की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में केस वापस लौटाते हुए इस मामले में संज्ञान एवं सुनवाई के आदेश दिए हैं।

चुनाव आयोग से बैंक ऋण की जानकारी छिपाने का आरोप

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ध्रुव नारायण सिंह के वकील अजय मिश्रा ने कोर्ट में बैंक मैनेजर के बयान सहित कई साक्ष्यों को प्रस्तुत किया। सीनियर एडवोकेट अजय मिश्रा के मुताबिक मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई एवं अंतिम तर्क हुए। हाईकोर्ट ने लोन जारी करने वाले बैंक अधिकारियों को बुलाकर उनसे पूछताछ की, पहले तो बैंक मैनेजर ने झूठ बोलने का प्रयास किया, लेकिन दस्तावेजों की जांच एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट में साबित हो गया कि 50 लाख रुपए के बैंक ऋण से संबंधित दस्तावेज पूरी तरह सही हैं।

खतरे में कांग्रेस MLA की विधायकी

बैंक से आरिफ मसूद ने पत्नी के नाम पर लोन लिया है और इसकी जानकारी विधानसभा चुनावी हलफनामे में छिपाई गई है। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि चुनाव आयोग को गुमराह करते हुए आरिफ मसूद ने जानबूझकर हलफनामे में गलत जानकारी दी है। लिहाजा इसे निर्वाचन शून्य करने की मांग की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होना है। ऐसे में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की विधायकी पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है।

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