Hostel Construction Corruption: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हॉस्टल का पुनर्निर्माण, लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी हालत जस के तस
Hostel Construction Corruption: ग्वालियर। एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च कर रही है। वहीं, दूसरी ओर सरकार के नुमांइदे सेंशन हुई रकम को बंदरबांट कर चूना लगाने में जुटे हुए हैं। मामला ग्वालियर के एमएलबी कॉलेज यानी महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय उत्कृष्ट महाविधालय का है। यहां सरकार की निर्माण एजेंसी ने 16 साल से बंद पडे हॉस्टल में 20 लाख रूपए खर्च कर दिए। इसके बाद भी निर्माण कार्य में हुए भ्रष्ट्राचार के चलते कॉलेज प्रबंधन ने हैंडओवर लेने से इंकार कर दिया है। आलम यह है कि हॉस्टल कैंपस अब जंगल में तब्दील हो गया तो भवन की हालत भी खस्ता है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हॉस्टल
16 साल से बंद पड़ा ग्वालियर का एमएलबी हॉस्टल अपने ऊपर हुए भ्रष्ट्राचार की कहानी खुद बयां कर रहा है। यहां प्रदेश सरकार ने उसकी जर्जर हालत को देखकर 20 लाख से अधिक का बजट तो दे दिया। लेकिन, उस बजट का किस तरह से इस्तेमाल हुआ आज तक कुछ पता नहीं चला। PWD के अधिकारी और उसके ठेकेदार पर यह रकम हजम करने के आरोप लगे। जब कॉलेज प्रबंधन ने मामले को उठाया तो PWD के ठेकेदार ने नाम मात्र के लिए हॉस्टल की रंगाई-पुताई करा दी।
हालांकि, हॉस्टल के निर्माण के नाम पर हुए भ्रष्ट्राचार के चलते कॉलेज ने उसे लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में छात्रों को अब काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि एमएलबी कॉलेज से ही स्व. पूर्व पीएम अलट बिहारी बाजपेयी ने अपनी उच्च शिक्षा हासिल की थी। इस हॉस्टल में पढ़कर निकलने वाले छात्र आज जज से लेकर अन्य पदों पर हैं।
NSUI करने जा रही आंदोलन
दरअसल, साल 2008 में ग्वालियर एमएलबी हॉस्टल की जर्जर हालत और उसके खराब सीवर सिस्टम को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने उसकी मरमत्त के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था। इसके बाद विभाग ने 17.25 का लाख रूपए का बजट सेंशन कर दिया था। इसे PWD ने मात्र 10 दिन में खर्च कर दिया और फिर से मेंटीनेस के नाम पर 2.5 लाख का बजट उच्च शिक्षा विभाग से ले लिया।
फिर भी हॉस्टल के हालत नहीं सुधरे। इसको लेकर हॉस्टल अधीक्षक ने 2010 से 2014 तक तकरीबन 15 से ज्यादा पत्र PWD विभाग के अधिकारी को लिख चुके हैं कि उनके हॉस्टल को ठीक करके उन्हें वापस दिया जाए लेकिन कोई किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा। अब हॉस्टल जंगल में तब्दील हो गया है। वहीं, एनएसयूआई इस मामले को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करने जा रही है। वहीं, कलेक्टर का कहना है कि वह उच्च शिक्षा विभाग से बात कर रही हैं। हॉस्टल के निर्माण से लेकर उसके रिकंट्रक्शन तक में घपला होने की बात कही जा रही है। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने बीते 16 सालों से कोई एक्शन नहीं लिया।
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