केंद्रीय मंत्री के बेटे कार्तिकेय चौहान के बयान पर बवाल, दिग्विजय सिंह बोले- तुम मेरे पोते जैसे, अपने पापा से कुछ सीख लो
Digvijaya Singh on Kartikeya Chouhan भोपाल: बुधनी विधानसभा सीट उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सूबे में सियासी पारा बढ़ता ही जा रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) के बेटे कार्तिकेय चौहान का एक बयान से प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है। कार्तिकेय चौहान के चुनावी सभा के बाद से कांग्रेस केंद्रीय कृषि मंत्री के बेटे कार्तिकेय चौहान को चौतरफा घेरने में जुट गई है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कार्तिकेय चौहान को अभी इस उम्र में इस तरह से भाषण न देने की नसीहत दी है। क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।
शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कार्तिकेय चौहान (Digvijaya Singh on Kartikeya Chouhan) के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, "कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता @ChouhanShivraj जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिल कर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा, लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया। आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज कानून में निर्माण काम करने के ज़िम्मेदारी सरपंच की होती है न कि विधायक की और आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान हैं। यह मेरी राय है आप मानें ना मानें आप जानें। जय सिया राम।"
कार्तिकेय चौहान ने क्या कहा?
बता दें कि, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान (Shivraj Singh Chouhan Son Karthikeya Video Viral) ने बुधनी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "बुधनी विधानसभा में अगर कांग्रेस का प्रत्याशी जीत गया तो एक भी ईंट नहीं लगेगी। हम मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री के पास किस मुंह से जाएंगे। काम के लिए नहीं जाना हमें क्या हमारे नेताओं के पास।" कार्तिकेय चौहान के इसी बयान पर सियासी घमासान मचा है।
कार्तिकेय चौहान पर जीतू पटवारी का हमला
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कार्तिकेय चौहान के बयान पर जमकर हमला बोला है। पीसीसी चीफ ने कहा है, "हर बेटे का आदर्श उसका पिता होता है,लेकिन दिग्विजय सिंह को सीख दे, ये सभ्यता नहीं है। मर्यादा तोड़ दी है,
कार्तिकेय युवा है, इसलिए बड़ों के बीच में बच्चों को नहीं बोलना चाहिए। कार्तिकेय की भाषा अहंकार का प्रतीक है।"
13 नवंबर को बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव
गौर रहे कि, 13 नवंबर को बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Budhni Assembly Seat By-Election) होने हैं। वहीं, 23 नवंबर को उपचुनाव का परिणाम आएगा। इस पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेता जोर-शोर जुटे हैं। एक ओर बीजेपी पर इस सीट पर जीत बनाए रखने का दबाव है तो वहीं, कांग्रेस भी इस सीट को हासिल कर शिवराज के किले में सेंध लगाने की तैयारी में है।
कार्तिकेय के बयान पर बीजेपी ने साधी चुप्पी
बीजेपी में अंदरूनी गुट बन गए हैं जो कि नहीं चाहते कि शिवराज के खास रमाकांत भार्गव वहां से जीत हासिल करें और कार्तिकेय भी खुद को टिकट नहीं मिलने से दुखी हैं। यही वजह है कि कार्तिकेय के इस तरह के बयान आ रहे हैं। हालांकि, बीजेपी को उपचुनाव जीतना है और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी अच्छे परिणाम देकर दिल्ली में अपने नंबर बढ़ाना चाहेंगे, लिहाजा भारतीय जनता पार्टी पूरे मन से चुनाव जीतना चाहेगी।
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