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Farmers worried fertilizer: खाद की समस्या से किसान परेशान, मंत्री जी कहां है आपका ध्यान?

Farmers worried fertilizer: मुरैना। जिले में डीएपी यूरिया खाद के लिए किसानों की जद्दोजहद बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना का गृह जिला मुरैना में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़...
10:44 PM Oct 07, 2024 IST | Akash Gour

Farmers worried fertilizer: मुरैना। जिले में डीएपी यूरिया खाद के लिए किसानों की जद्दोजहद बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना का गृह जिला मुरैना में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों से किसान, महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ रात्रि 2:00 बजे से लाइन लगाकर कृषि उपज मंडी में खाद के लिए खड़ा हो जाता है। इसके बावजूद भी किसानों को खाद की एक बोरी नसीब नहीं हो रही। किसानों की मानें तो टोकनों में भी कालाबाजारी की जा रही है।

खाद की कालाबाजारी

अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपने चहेते लोगों को खाद के टोकन दिला देते हैं। उसके बाद किसान रात्रि से लेकर तपती हुई धूप में सड़कों पर खाद के लिए खड़ा रहता है। इस पूरे मामले में कृषि मंत्री का कहना है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है लेकिन कृषि मंत्री ने कभी किसानों के बीच जाकर नहीं देखा कि किसान खाद के लिए कितना परेशान है। किसानों का आरोप है कि जिले में अधिकारियों के साथ-साथ दुकानदार खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना का कहना है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। किसानों को खाद भरपूर मात्रा में दिया जा रहा है लेकिन मंत्री जी को कौन समझाए के रात्रि से लेकर तपती दुपहरी में भी आपके जिले के किसान लाइन लगाकर दुकानों पर खड़े रहते हैं, जब कहीं जाकर दूसरे-तीसरे दिन उन्हें खाद मिल पा रही है।

खाद की नहीं कमी तो फिर परेशानी क्यों?

जिले में अब देखना होगा कि किसानों की सुनने के लिए कोई प्रतिनिधि आगे आता है या नहीं। कृषि मंत्री को तो किसानों की लाइन नजर नहीं आ रही है। उनके अनुसार तो ऐसा लग रहा है कि मुरैना जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। जिले में किसानों को पहले तो टोकन के लिए कई दिनों तक लाइन में खड़ा होना पड़ता है। उसके बाद जब उन्हें टोकन मिलता है तो उसके दो दिन बाद खाद नसीब होता है। फिर खाद के लिए कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं।

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