Farmers Problem: नील गाय और ब्लैक बक पकड़ने के लिए किराए पर आएगा हेलिकॉप्टर, 35 जिलों के किसानों की मिटेगी आफत

Farmers Problem: भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों को इन दिनों भारी वर्षा के साथ-साथ कई अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है। राज्य में पाए जाने वाले दो जंगली जानवर, नीलगाय और ब्लैक बक किसानों के साथ सरकार की...
farmers problem  नील गाय और ब्लैक बक पकड़ने के लिए किराए पर आएगा हेलिकॉप्टर  35 जिलों के किसानों की मिटेगी आफत

Farmers Problem: भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों को इन दिनों भारी वर्षा के साथ-साथ कई अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है। राज्य में पाए जाने वाले दो जंगली जानवर, नीलगाय और ब्लैक बक किसानों के साथ सरकार की भी आफत बने हुए हैं। आगर मालवा, शाजापुर, रतलाम सहित लगभग 35 जिलों के किसान (Farmers Problem) इन दोनों जंगली जानवरों से परेशान हैं। इसकी वजह है कि वे खेतों में खड़ी फसलों को पूरी चट कर रहे हैं।

हेलीकॉप्टर लिया किराए पर, साउथ अफ्रीका से आएंगे एक्सपर्ट्स

राज्य सरकार ने इन्हें पकड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्टस को बुलाया गया है। हेलिकॉप्टर की मदद से इन्हें खदेड कर बोमा में पकड़ा जायेगा। इन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग हेलिकॉप्टर रॉबिन्सन- 44 किराए पर ले रहा है। इसके लिए वन विहार नेशनल पार्क को नोडल एजेंसी बनाया गया है एवं इसके टेंडर भी रविवार को जारी कर दिए गए हैं।

राज्य के 35 जिलों के किसान है परेशान

ये दोनों ही जानवर खेतों में खड़ी किसानों की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो नील गाय में गाय शब्द जुड़ा होने के कारण इसे विशेष आस्था से जोड़कर देखा जाता है। यही वजह है कि इनका शिकार नहीं किया जाता है, लेकिन यह जिन इलाकों में रहती है, वहां की फसलों को पूरा चौपट कर देती है।

किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए वन विभाग इन्हें पकड़कर सुरक्षित जगह पहुंचाने की तैयारी में है। इसके लिए पूर्व में दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्ट की टीम शाजापुर और उसके आसपास के जिलों का सर्वे भी कर चुकी है। दक्षिण अफ्रीका से इस काम के लिए खास उपकरण भी आ चुके हैं। बारिश के यह टीम वापस आएगी।

अफ्रीका के एक्सपर्ट आकर पकड़ेंगे

एक्सपर्ट्स के आते ही दोनों वन्य प्राणियों को पकड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बाद में ग्रामीण क्षेत्रों से नील गाय और ब्लैक बक (Farmers Problem) को पकड़कर जंगलों में छोड़ा जाएगा। ऐसा प्रयोग एमपी में पहले भी एक बार हो चुका है। इसकी सफलता के बाद अन्य जगहों से दोनों वन्य प्राणियों को पकड़ा जाएगा। वन विहार को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है।

विशेष हेलिकॉप्टर रॉबिन्सन- 44 की ली जाएगी मदद, बोमा तकनीक से पकड़ा जाएगा

वन विभाग के मुताबिक नीलगायों और ब्लैक बक को बोमा तकनीक से पकड़ा जाएगा। इसमें कृत्रिम जंगलनुमा रास्ता बनाकर वन्य प्राणियों को बाड़े में पहुंचा दिया जाता है। असल में नील गाय बहुत तेज दौड़ती है, उन्हें पकड़ना मुश्किल होता है। इसके लिए विशेष प्रकार के हेलिकॉप्टर रॉबिन्सन-44 का उपयोग किया जाएगा। यह आकार में छोटा होता है और काफी नीचे आकर तेजी से मुड़ जाता है

हेलिकॉप्टर की आवाज की मदद से नील गाय और ब्लैक बग को बोमा में ले जाया जाएगा। उन्हें ट्रेन्कुलाइज नहीं किया जाएगा। दो से तीन घंटे में उनकी शिफ्टिंग कर दी जाएगी। साउथ अफ्रीका का दल इस काम में वन विभाग की मदद करेगा। समस्या से प्रभावित सभी जगहों पर इसी तरह इन दोनों जंगली जानवरों को पकड़ कर किसानों को उनके आतंक से मुक्ति दिलाई जाएगी।

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