Fertilizer Problems News: खाद नहीं मिलने से भड़के किसान, घंटों लाइन में लगकर हो रहे परेशान
Fertilizer Problems News: देवास। जिले के कृषि उपज मंडी में स्थित खाद वितरण केंद्र पर डीएपी नहीं मिलने से किसानों और खाद वितरण के अधिकारियों के बीच बहसबाजी देखने को मिली। किसानों का कहना था कि वह डीएपी के लिए सुबह से लाइन में लगे थे। इसके बाद खाद नहीं मिल रहा है जबकि गोदाम में डीएपी मौजूद है। किसानों को खाद खत्म होने का बहाना दिया जा रहा है। इससे किसानों में आक्रोश बना हुआ है। विरोध के बाद बैंक नोट प्रेस के पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाया। इसके बाद किसान वापिस चले गए।
अधिकारियों और किसानों के बीच हुई बहस
खाद वितरण केंद्र पर पहुंचे किसानों का कहना था कि अभी उन्हें डीएपी खाद की सख्त जरूरत है लेकिन उन्हें डीएपी खाद नहीं दिया जा रहा है। कई किसान तो ऐसे हैं जो कई किलोमीटर दूर से आए हैं। इससे उनमें नाराजगी देखी जा रही है। किसान कई घंटों से लाइन में लगे हुए हैं। ना तो उन्होंने कुछ खाया है और धूप में प्यासे लाइन में लगे हुए हैं। खाद की परेशानी सिर्फ देवास में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बड़े स्तर पर देखी जा रही है।
गुना में अन्नदाता परेशान
गुना जिले के नानाखेड़ी स्थित डबल लोक गोदाम पर इन दिनों किसानों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटों से किसान अपने कृषि कार्य के लिए आवश्यक खाद प्राप्त करने के लिए लाइन में खड़े हैं लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई है। गोदाम में खाद की भारी किल्लत होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समय में युवा, वृद्ध और महिलाएं सभी बिना थके खाद की उम्मीद में दिन-रात लाइन में खड़े हैं। कई किसान तो अपनी बिस्तर लेकर गोदाम के बाहर रात भर सोते रहे।
खाद की कमी, इंतजार लंबा
गुना जिले के किसान मुख्य रूप से डीएपी (डायमोनियम फास्फेट) खाद की मांग कर रहे हैं लेकिन गोदाम में इसका स्टॉक खत्म हो चुका है। अब केवल एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश) और यूरिया खाद उपलब्ध है। इनकी भी बहुत सीमित आपूर्ति हो रही है। इस अभाव के कारण किसानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि, डीएपी खाद कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खासकर फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बनाने में।
प्रशासन का बयान: कोशिश जारी
विस्तार अधिकारी अगरदीप श्रीवास्तव ने बताया कि गोदाम में डीएपी खाद का स्टॉक खत्म हो गया है। प्रशासन इस कमी को पूरा करने के लिए प्रयासरत है। किसानों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण सभी को खाद वितरण करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रशासन ने गोदाम में अधिकारियों की तैनाती की है। किसानों की बढ़ती संख्या के कारण स्थिति को संभालने में कठिनाई हो रही है। श्रीवास्तव ने आश्वासन दिया कि प्रशासन जल्द ही खाद की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठाएगा।
किसानों की चिंता बढ़ी
खाद की किल्लत के कारण किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित हैं। मौसम के अनुकूल समय में खाद की कमी का असर उनकी फसल पर पड़ सकता है, जो उनके जीवन और आजीविका के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस स्थिति में किसान अपने उत्पादन के लिए जरूरी खाद प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें उचित समय पर खाद की आपूर्ति न होने से निराशा हो रही है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही खाद नहीं मिलती तो उनका खेती कार्य प्रभावित हो सकता है। इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
आवश्यक कदम उठाने की जरूरत
किसानों के इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए प्रशासन को शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है। ताकि किसानों को खाद की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा प्रशासन को चाहिए कि वह खाद के वितरण व्यवस्था में सुधार लाए ताकि किसानों को बिना किसी परेशानी के समय पर खाद मिल सके और उनकी खेती प्रभावित न हो। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है। पूरे जिले की कृषि व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है।
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