Insurance Claim Frauds: पहले से भर्ती मरीज को एक्सीडेंट में घायल बता हॉस्पिटल ने उठाया एक्सीडेंटल इंश्योरेंस का पैसा, अब दर्ज होगी FIR
Insurance Claim Frauds: जबलपुर। मध्य प्रदेश में जबलपुर के सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एक्सिडेंटल क्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मामले में फर्जी क्लेम के लिये फर्जी दस्तावेज एवं बिल बाउचर बनाने का मामला सामने आया था जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुये हॉस्पिटल संचालक आरोपी डॉक्टर और मेडिकल स्टोर्स संचालक के खिलाफ ओमती पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
आखिर फर्जीवाड़ा हुआ कैसे?
सर्वोदय हॉस्पिटल के डॉक्टर पर आरोप है कि पहले से भर्ती मरीज को रोड़ एक्सीडेंट में घायल बताते हुये मेडिकल स्टोर संचालक से सांठगांठ कर फर्जी बिल तैयार कराए गए और हेल्थ इंश्योरेंस की बीमा राशि हड़पने का दावा किया गया परन्तु हाईकोर्ट में एक्सीडेंट केस के हर्जाने और बीमा राशि हड़पने के फर्जीवाडे़ की पोल खुल गई। अस्पताल में चिकित्सकीय उपचार और मेडिकल स्टोर की दवाओं के जो बिल केस डायरी में संलग्न किए गए थे, उनकी वजह से कोर्ट में डॉ. राजेश अग्रवाल और मेडिकल स्टोर संचालक प्रियांशु खुद ही फंस गए।
डॉक्टर व दवा दुकान संचालक को कोर्ट में तलब कर जब बयान दर्ज कराये गये तो खुलासा हुआ कि मरीज सोनू दाहिया 16 अक्टूबर से सर्वोदय हॉस्पिटल में भर्ती था और उसे ही हेल्थ बीमा एवं एक्सीडेंटल क्लेम के लिये 19 अक्टूबर को सड़क हादसे में घायल होना और उसी दिन भर्ती कर इलाज करना बता दिया गया। जांच में अस्पताल के कई दस्तावेज भी कोर्ट में बतौर साक्ष्य मिलने से फर्जीवाड़ा (Insurance Claim Frauds) उजागर हो गया।
एक्सीडेंट क्लेम और हेल्थ बीमा राशि हड़पने की साजिश
जबलपुर के सर्वोदय अस्पताल के संचालक डॉ. राजेश अग्रवाल और प्रियांशु मेडिकल स्टोर्स के संचालक प्रियांश के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर ओमती थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला लार्डगंज थाना में साल 2020 में एक रोड़ एक्सीडेंट की एफआईआर से जुड़ा है। सड़क दुर्घटना में सोनू दाहिया नाम के व्यक्ति को घायल बताया गया, जबकि प्रकरण में आवेदक मनीष लारिया था। लार्डगंज थाना में दर्ज रोड एक्सीडेंट केस को साल 2021 में 25वें अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में चार्जशीट दाखिल की।
इसके बाद एक ओर मामला अधिकरण में दायर हुआ, जिसमें घायल व्यक्ति जमना प्रसाद था, लेकिन अनावेदक मनीष लारिया ही था। एक्सीडेंट क्लेम (Insurance Claim Frauds) की सुनवाई के दौरान न्यायालय को जानकारी दी गई कि सोनू दाहिया 19 अक्टूबर 2020 को सड़क हादसे में घायल हुआ और इसी दिन 12 बजकर एक मिनिट पर घायल सोनू दाहिया को सर्वोदय अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर में भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया।
इलाज के पर्चे में खुद फंसा डॉक्टर, Insurance Claim Frauds का हुआ खुलासा
सोनू की उपचार रिपोर्ट में डॉ. अग्रवाल ने लिखा कि उसे 19 अक्टूबर को भर्ती करने के बाद उसके पैर से पस आने लगा था। उसका पैर भी काला पड़ गया था जबकि यदि वह 19 अक्टूबर को ही सड़क हादसे में घायल हुआ होता तो ऐसा नहीं होता। कोर्ट में वकील ने तर्क रखा कि जिस व्यक्ति का एक्सीडेंट 19 अक्टूबर को हुआ हो और उसी दिन इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कर दिया गया हो तो उसके पैर से पस आने की बात संभव ही नहीं है। कोर्ट में वकील की इसी दलील और डॉक्टर की रिपोर्ट के बाद डॉक्टर और दवा दुकान संचालक के फर्जीवाडे़ का खुलासा हो गया।
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