Fraud Kathavachak News: मंत्रियों के साथ फोटो डालकर फर्जी कथावाचक झाड़ता था रौब, DGP को मैसेज भेजकर कर दी बड़ी गलती
Fraud Kathavachak News: ग्वालियर। शहर में एक ऐसे फर्जी कथावाचक की जालसाजी सामने आई है, जो वीवीआइपी के साथ फोटो खिंचवाकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करता था और फिर रौब झाड़ता था। हालांकि, जैसे ही इस जालसाज ने मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना पर ट्रांसफर का दबाव बनाया वैसे ही कथावाचक के ग्रह-नक्षत्र उलटे पड़ गए।
जब कथावाचक का दांव उलटा पड़ा:
दरअसल, कहानी मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना के यहां से शुरू होती है। इस जालसाज का नाम पुष्पेंद्र दीक्षित है। इसने प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना को मैसेज करके दो थाना प्रभारी पंकज त्यागी और विनय यादव के ट्रांसफर के लिए बोला था। वह अपने आपको केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निजी सचिव बताया था। लेकिन, जब उसने डीजीपी को मैसेज किया तो उन्हें शासकीय भाषा को लेकर कुछ शक हुआ।
इसके बाद डीजीपी ने इस मैसेज की जांच के लिए ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना को जानकारी दी। ग्वालियर पुलिस ने मैसेज के बाद जब इसके बारे में जांच शुरू की तो एक के बाद एक कई खुलासे हुए। आरोपी के बारे में खुलासा हुआ है कि वह केंद्रीय मंत्रियों के साथ धार्मिक वेशभूषा में फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रसूख दिखाता था। आरोपी 10वीं तक पढ़ा है और ऊदलपाड़ा गांव का रहने वाला है। फिलहाल, वर्तमान में वह टेकनपुर रहता है।
कई बड़े मंत्रियों के साथ हैं फोटो:
जालसाज पुष्पेंद्र दीक्षित धर्म की आड़ में कथावाचक का चोला पहने हुए था और फर्राटेदार संस्कृत बोलकर कई नामी गिरामी हस्तियों पर प्रभाव जमाता था। वह जिससे भी मिलता उसके साथ फोटो खिंचवाता और फिर उसे सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर देता था। मध्य प्रदेश के दो मुख्यमंत्री रहे नेताओं के साथ उसके फोटो की चर्चा है। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्री से लेकर अभिनेताओं तक के साथ फोटो है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अभिनेता सलमान खान, संजय दत्त, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के अलावा कैलाश विजयवर्गी के साथ भी आरोपी के फोटो हैं।
फर्जीवाड़े में पकड़ा गया था आरोपी:
पुष्पेंद्र दीक्षित 2016 में दिल्ली में फर्जीवाड़े में पकड़ा गया था। उसने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम से फर्जी लेटरहेड बनाया। इस लेटरहेड पर डीजी बीएसएफ को तीन जवानों के स्थानांतरण के लिए पत्र लिखा। इसमें से एक का तबादला हो भी गया। बाद में यह फर्जीवाड़ा खुला तो उस पर दक्षिण दिल्ली के लोधी कालोनी थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। क्राइम ब्रांच की टीम को सिर्फ पुलिस ही नहीं बल्कि बीएसएफ, सीआरपीएफ, सेना, राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, आबकारी विभाग सहित अन्य विभाग के अफसरों को लिखे गए पत्र उसके पास से मिले हैं। इससे स्पष्ट है- वह लंबे समय से यह काम कर रहा है।
रसूख झाड़कर ऐंठे रूपए:
पुष्पेंद्र दीक्षित कई बड़े-बड़े यजमानों कि यहां धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रमों में जाता था। वह खुद को कभी मंत्री का पीए तो कभी रिश्तेदार और करीबी बनकर अफसरों को फोन करता था। फर्जी पंडित अफसरों से सीधे मिलने भी पहुंच जाता था। यह आरोपी (Fraud Kathavachak News) यजमानों से लाखों रूपए वसूलने के अलावा मंत्री, नेता, अफसरों के साथ अपने फोटो उन्हें दिखाकर यह विश्वास दिला देता था कि वह कोई भी काम आसानी से करा सकता है।
उसके पास से मंत्रियों के फर्जी लेटरहेड मिले हैं। वह सिर्फ तबादलों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि हथियार के लाइसेंस, जमीनों की लीज, खदानों की लीज तक कराने का ठेका लेने लगा था। बता दें कि यह कथावाचक किराए के मकान में रहता है लेकिन जालसाजी से जो कमाई उसने की उससे जमीन खरीदी और अब उस पर आलीशान कोठी बनवा रहा है।
पुलिस कर रही पूछताछ:
शातिर ठग ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने अपना साम्राज्य इंटरनेट पर सोशल मीडिया के जरिए ही बनाया है। पुष्पेंद्र दीक्षित हवाई यात्रा करके बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और देश के कई शहरों में गया, जहां वह अपने यजमानों के यहां शानों शौकत से ठहरता था। पूजा करने के नाम पर आडंबर करके लोगों को प्रभावित करता था।
जब पुलिस ने आरोपी (Fraud Kathavachak News) के मोबाइल फोन की डिटेल खंगाली तो इसमें कुछ बड़े लोगों के साथ संपर्कों का भी खुलासा हुआ। इसके अलावा एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि आने वाले समय में मोबाइल डिटेल निकालने के बाद एक बार फिर इस कथावाचक की रिमांड ली जाएगी। पुलिस को आरोपी पुष्पेंद्र दीक्षित के पास से पांच मोबाइल मिले हैं। इन्हें साइबर फॉरेंसिक में जांच के लिए भेजा गया है। फिलहाल, अभी जांच जारी है।
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