Gwalior Hospital Fire Case: ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में कैसे लगी आग, 7 सदस्यीय टीम करेगी जांच
Gwalior Kamla Raja Hospital Fire ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल समूह JAH की कमलाराजा अस्पताल (KRH) में AC में ब्लास्ट होने से हुई आगजनी की घटना के बाद ग्वालियर कलेक्टर द्वारा 7 सदस्य टीम का गठन किया गया है। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा गठित यह टीम 9 बिंदुओं पर अपनी जांच को अंजाम देगी। बारीकी से पूरी जांच करने के बाद यह टीम अपनी जांच रिपोर्ट 5 दिन के अंदर सौंपेगी। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि आगजनी की घटना के पीछे कौन दोषी है।
कमलाराजा अस्पताल में कैसे लगी आग?
जांच इन बातों को ध्यान में रखकर की जाएगी कि आग लगने का कारण क्या रहा? आग कब (Gwalior Kamla Raja Hospital Fire News) लगी, सबसे पहले आग अस्पताल की किस डिपार्टमेंट में लगी। अस्पताल में अग्निशमन यंत्र और कर्मचारियों की प्रशिक्षण तक को इस जांच में शामिल किया गया है। बता दें कि, ग्वालियर अंचल की सबसे बड़े जयारोग्य हॉस्पिटल समूह के KRH में AC में ब्लास्ट होने के बाद आग लग गई थी, जिसके बाद लेबर रूम यूनिट से लेकर आसपास के वार्ड से करीब 100 प्रसुताओं को सुरक्षित बाहर निकला गया था। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि, आग लगने के बाद KRH में सुरक्षा के इंतजाम पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।
AC में ब्लास्ट होने के बाद लगी आग
बता दें कि, कमलाराजा अस्पताल में AC ब्लास्ट होने पर आग लग गई थी। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग से लेबर रूम के पास एसी में ब्लास्ट (Gwalior Kamla Raja Hospital Fire) हुआ था। ब्लास्ट होने के बाद लेबर रूम से सटे प्रसूति वार्ड में धुआं भर गया था। हादसे के वक्त सैकड़ों प्रसूति एवं नवजात भर्ती थे। घटना के बाद ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने आनन-फानन में खिड़कियां तोड़कर 56 से ज्यादा महिलाएं एवं मरीज को वार्ड से सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में तुरंत शिफ्ट किया।
अग्निकांड से उठ रहे कई सवाल
कमला राजा अस्पताल ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह का हिस्सा है। KRH में हुई अग्निकांड की जैसे ही ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान को जानकारी मिली वह बिना देरी किए फौरन हॉस्पिटल पहुंच गईं। इस हादसे के बाद एक बार फिर JAH और उससे जुड़े अस्पताल में सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।
जांच समिति में शामिल किए गए हैं ये लोग
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान (Gwalior Collector Ruchika Chauhan) के आदेश में जिन अधिकारियों को जांच दल में शामिल किया गया है, उसमें SDM झांसी रोड विनोद सिंह, CSP इंदरगंज रॉबिन जैन अधीक्षक JAH अस्पताल डॉक्टर सुधीर सक्सेना सीएमएचओ डॉक्टर सचिन श्रीवास्तव, फायर ऑफिसर नगर निगम उमंग प्रधान, कार्यपालन यंत्री E&M लोक निर्माण विभाग आयुषी सचान और असिस्टेंट इंजीनियर विद्युत सुरक्षा आर एस वैश्य को शामिल किया गया है।
इन बिंदुओं पर करनी होगी जांच
- कलेक्टर ग्वालियर रुचिका चौहान ने घटना की जांच के लिए कुछ मानक निर्धारित किए हैं, जिसमें संपूर्ण जांच करने के बाद यह दल अपना जांच प्रतिवेदन उनको सौंपेगा जांच में 9 बिंदुओं को शामिल किया गया है।
- आगजनी की घटना का मुख्य कारण क्या है?
- आगजनी की घटना कैंपस में बने किस वार्ड में सबसे पहले शुरू हुई?
- आगजनी की घटना के बाद कितनी सरकारी एवं गैर सरकारी संपत्ति प्रभावित हुई?
- अस्पताल परिसर में फायर फाइटिंग सिस्टम एवं उससे संबंधित उपकरणों की व्यवस्था है या नहीं?
- अस्पताल में उपलब्ध स्टाफ क्या फायर फाइटिंग के लिए प्रशिक्षित किया गया है?
- अस्पताल प्रशासन द्वारा विद्युत सुरक्षा संबंधी प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी से लिया गया था या नहीं?
- अस्पताल परिसर में विद्युत सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं और यदि नहीं तो इसके पीछे क्या कारण है?
- आगजनी में कुल कितने का नुकसान हुआ, इसकी संपूर्ण जानकारी?
- इस घटना के लिए कौन-कौन व्यक्ति जिम्मेदार हैं और उनके नाम?
जांच के आदेश के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप
सभी बिंदुओं पर जांच दल को सूक्ष्मता से जांच कर अपना प्रतिवेदन बनाकर जिला कलेक्टर रुचिका चौहान के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। जिला कलेक्टर प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होनी चाहिए यह तय करेंगी। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, जिला कलेक्टर के द्वारा जांच की घोषणा के बाद सभी की हाथ-पांव फूल गए हैं।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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