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Ghost village in Khajuraho: भूतों के डर से खाली हो गया पूरा गांव, ग्रामीणों ने बताई अलग ही कहानी

Ghost village in Khajuraho: खजुराहो। मध्य प्रदेश में खजुराहो से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित चौका गांव को वहां रहने वाले लोग भुतहा गांव कहते हैं। आज से 15 वर्ष पहले तक इस गांव में 200 परिवार रहा करते थे...
05:25 PM Aug 21, 2024 IST | Gaurav Mishra

Ghost village in Khajuraho: खजुराहो। मध्य प्रदेश में खजुराहो से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित चौका गांव को वहां रहने वाले लोग भुतहा गांव कहते हैं। आज से 15 वर्ष पहले तक इस गांव में 200 परिवार रहा करते थे लेकिन भूतों के डर से एक-एक कर सभी परिवार गांव खाली कर गए और वर्तमान में गांव वीरान हो चुका है। अब गांव में केवल 3 लोग ही बचे हुए हैं, जिनमें से एक पंडित जी हैं, एक बुजुर्ग महिला और गांव का चौकीदार है। ये तीनों रात को गांव में ही सोते हैं, हालांकि ग्रामीणों के अनुसार इस गांव (Ghost village in Khajuraho) में जो भी रात गुजारता है, दूसरे दिन उसकी तबीयत खराब हो जाती है।

ग्रामीणों के इस दावे की पड़ताल के लिए MP first की टीम ने पूरी रात इस गांव में गुजारी। साथ ही गांव में रहने वाले पंडितजी, चौकीदार और बुजुर्ग महिला से बात की। खास बात ये है कि प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं है कि अंधविश्वास की वजह से ये गांव खाली हो चुका है।

MP First की टीम की जांच-पड़ताल में हुए ये खुलासे

MP first की टीम जब चौका गांव पहुंची तो दोपहर के 2 बजे थे। गांव जंगल के बीच में है। टीम जब अंदर पहुंची तो 50 से ज्यादा खंडहर मकान दिखाई दिए। कुछ घर पक्के थे, बाकी सभी कच्चे। पक्के घरों में ताला लगा हुआ था, कच्चे घर बारिश के चलते आधे से ज्यादा टूट चुके हैं। उनमें बड़ी-बड़ी घास और पेड़ उगे हुए हैं।

गांव में घूमते हुए टीम की मुलाकात गाय चरा रहे रामस्वरूप यादव से हुई। रामस्वरूप ने बताया कि वे भी पहले चौका गांव के ही रहते थे, लेकिन अब वहां नहीं रहते। रामस्वरूप ने एक खंडहर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये मेरा मकान था। रामस्वरूप से जब पूछा कि गांव के बाकी लोग अब कहां रहते हैं तो उसने कहा कि गांव से तीन किमी दूर ही सरकारी जमीन पर लोगों ने नए मकान बना लिए हैं। इस नए गांव का कोई नाम नहीं है। यहां रहने वाले आज भी खुद को चौका गांव का ही निवासी बताते हैं।

ग्रामीणों ने किया दावा, यहां देवताओं का वास, तांत्रिक भी कुछ नहीं कर सके

रामस्वरूप ने दावा किया कि गांव इसलिए खाली हुआ, क्योंकि यहां लोग लगातार बीमार पड़ने लगे थे। उनसे पूछा कि बीमार पड़ने की क्या वजह रही? रामस्वरूप ने बताया कि गांव में देवताओं का वास है। कुछ साल पहले गांव वालों ने तांत्रिकों को बुलाया था। गांव में रहने वाले देवताओं (Ghost village in Khajuraho) ने तांत्रिकों को बताया कि उन्हें गांव की जमीन और कुएं से दिक्कत नहीं है। गांव वालों से दिक्कत हैं, वे गांव छोड़कर चले जाएं।

मुस्लिम जानकार भी हुआ फेल

रामस्वरूप बताते हैं कि लोगों ने कोशिश की कि पूरा का पूरा गांव खाली न हो, लेकिन कई जानकारों ने कहा कि देवता उन्हें सुकून से रहने नहीं देंगे। गांव छोड़ने में ही भलाई है। किसी का कोई उपाय नहीं चल पाएगा। रामस्वरूप ने ये भी बताया कि यहां एक मुस्लिम जानकार भी आया था। उसने दावा किया था कि उसके सामने किसी का बस नहीं चलेगा। वो एक पुराने पेड़ के पास जैसे ही तंत्र मंत्र की क्रिया करने लगा तो उसके मुंह से झाग निकल गया और वो बेहोश हो गया।

ग्रामीण ने MP First टीम को दी रात को गांव में न रुकने की सलाह

इसके बाद शाम ढलने लगी तो रामस्वरूप ने MP first' की टीम को सलाह दी कि दिन के उजाले में गांव में घूम सकते हैं, लेकिन रात में गांव में न रुकें, नहीं तो बीमार पड़ जाएंगे। ये भी कहा कि पहले भी बाहरी लोगों के साथ ऐसा हो चुका है। जो गांव वाले परेशान हुए तो उन्होंने गांव छोड़ दिया। गांव से दो या तीन किमी दूर हर किसी ने नया मकान बना लिया। गांव में अब कोई नहीं आता।

अब गांव में रहते हैं केवल तीन लोग

इस समय चौका गांव में केवल तीन लोग रहते हैं। इनमें एक 80 साल की बुजुर्ग महिला दुर्जन राजा (उम्र 80 वर्ष) है। दूसरे एक पंडित आत्माराम तिवारी (उम्र 58 वर्ष) है और तीसरा व्यक्ति गांव का चौकीदार चिंटू बंसल (उम्र 55 वर्ष) है। ये तीनों रात में गांव में ही रुकते हैं। MP first की टीम को केवल बुजुर्ग महिला दुर्जन राजा अपने घर में काम करते हुए मिली। उनसे पंडित जी और चौकीदार के बारे में पूछा तो बोलीं- पंडित जी गाय चराने गए हैं, थोड़ी देर में लौटेंगे और चौकीदार भी शाम के वक्त ही लौटेगा।

बुजुर्ग महिला बोली- मुझे तो कभी भूत प्रेत नहीं दिखे

MP first ने बुजुर्ग महिला से बातचीत की। उनसे पूछा कि गांव में और कोई नहीं रहता, क्या उन्हें डर नहीं लगता? बोलीं- मैं यहां दिन भर अकेली रहती हूं। मेरे तीन बेटे हैं, वे भी अपने परिवार के साथ गांव छोड़ चुके हैं और रोड किनारे बस गए हैं। रात को मेरे साथ सोने के लिए पोते आ जाते हैं। उनसे पूछा कि यहां के लोग कहते हैं कि गांव में भूत प्रेत (Ghost village in Khajuraho) हैं। बुजुर्ग महिला बोलीं- यहां भूत-प्रेत जैसा कुछ नहीं है। मुझे तो कभी परेशान नहीं किया। बाकी मैं और कुछ बता नहीं सकती।

पंडित आत्माराम ने कहा- शक्तियां महिलाओं को उठाकर जमीन पर पटकती थीं

दुर्जन राजा के घर से करीब 150 मीटर दूर ऊंचाई पर पंडित आत्माराम तिवारी का कच्चा घर है। पंडित जी गाय चराने के बाद घर पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सभी लोग 2 किमी दूर रोड किनारे जाकर बस गए हैं। उनसे पूछा कि बुजुर्ग महिला दुर्जन राज ने कहा कि यहां भूत प्रेत जैसा कुछ नहीं है तो उन्होंने कहा- उनके साथ ये बुरा अनुभव नहीं हुआ।

पंडित तिवारी ने कहा कि यहां पीर बरम जैसी शक्तियां हैं जो केवल महिलाओं को परेशान करती हैं। जिन पर ये शक्तियां सवार होती वो महिला यहां वहां कूदती थीं, आखिर में बेहोश हो जाती थीं। उसके बाद उनकी तबीयत खराब हो जाती थी। गांव की बहू बेटियों को तकलीफ न हो इसलिए लोग गांव छोड़कर चले गए। ये शक्तियां पुरुषों को परेशान नहीं करती, केवल महिलाओं को करती हैं।

चौकीदार बोला- लोगों ने खजाना ढूंढा, इसलिए परेशान हुए

पंडित आत्माराम तिवारी से बातचीत होने के बाद टीम ने चिंटू बंसल से बातचीत की। उसने कहा कि यहां जो लोग अत्याचार करते थे, उन्होंने अपने कर्मों का फल भोगा है, इसलिए उन्हें गांव छोड़ कर जाना पड़ा। मैं और मेरे पोते मेरे साथ रहते हैं, लेकिन हमें कोई दिक्कत नहीं है।

चौकीदार से पूछा कि गांव वालों ने क्या अत्याचार किए? इस पर उसने जवाब दिया कि यहां दो घरों के आसपास की जमीन के अंदर खजाना है। कहा जाता है कि उसकी रक्षा देवता और गांव के पूर्वज करते हैं। जिन लोगों ने उसे निकालने की कोशिश की उन्हें दिक्कत हुई। देवताओं और पूर्वजों ने उनका जीना हराम कर दिया। अब मुझे तो वो दौलत चाहिए नहीं, इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं होती। लोग यहां आकर अभी भी खजाने की खुदाई करते हैं, लेकिन वे जहां रहते हैं वहां भी वे परेशान रहते हैं। मेरी तो आंखों देखी है, सब कर्म के फल है। आज गांव खंडहर हो गया।

गांव छोड़ने वाले लोग बोले- गांव में नहीं थीं बुनियादी सुविधाएं

चौका गांव को छोड़कर रोड किनारे बसे गांव में पहुंचे तो यहां मिले लोगों ने बताया कि गांव में कोई सुविधा नहीं थी इसलिए गांव छोड़ा। यहां कोई भूत प्रेत नहीं है। हम भला अपने गांव का नाम क्यों बदनाम करेंगे? सब सुनी सुनाई बाते हैं। अब गांव में किसी की शादी भी करना हो तो कोई सामुदायिक भवन तक नहीं है। रोड से तीन चार किमी अंदर है। यदि यहां सारी सुविधाएं हो तो लोग वापस आ जाएंगे।

एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि हमारा यहां पास ही खेत है। उतनी दूर से खेती के लिए आना पड़ता है। यहां सब व्यवस्था होती तो कोई क्यों जाता? रोड नहीं है, जगह की कमी थी, इसलिए लोगों ने सरकारी जमीन पर मकान बना लिए। एक व्यक्ति गया, फिर दूसरा, इस तरह से पूरा गांव खाली हो गया। गांव में कोई मूलभूत सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए लोग गांव खाली कर चले गए। यहां भूत-प्रेत या देवता होने की केवल अफवाह है।

सरपंच ने कहा- वहां क्या विकास करवाएंगे, पूरा गांव खाली है

चौका गांव कटारा ग्राम पंचायत में आता है जो चौका गांव (Ghost village in Khajuraho) से डेढ़ किमी दूर है। इस गांव की सरपंच एक महिला है। जब हमारी टीम ने उनसे बातचीत की तो सरपंच के पति संतोष यादव ने कहा कि बुजुर्ग और पूर्वज कहते हैं कि यहां भूत प्रेत रहते हैं। कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यादव ने कहा कि मैं खुद की बात करूं तो यहां मुझे ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया। केवल अंधविश्वास है। लोगों ने अपनी सुविधा और व्यवस्था के कारण गांव छोड़ा है। गांव में सिर्फ बिजली की व्यवस्था है, बाकी कोई सुविधा नहीं है, इसलिए पलायन हुआ।

जब उनसे पूछा कि आप विकास क्यों नहीं करवा रहे तो यादव ने कहा कि जब मैं सरपंच बना तब मैंने कोशिश की, लेकिन एक बात ये भी सामने आई कि वहां सरकार का पैसा खर्च करना बेकार है क्योंकि पूरा गांव ही खाली हो गया है। वहां केवल तीन लोग रहते हैं। जिनके गांव के आसपास खेत हैं वो जाते हैं, रात के वक्त कोई नहीं जाता। वहां का रास्ता खराब है। सरपंच के ससुर हीरा लाल यादव ने कहा कि हमने गांव का रास्ता बनवाने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार की तरफ से कोई फंड ही नहीं मिला। वैसे भी गांव में कोई रहता नहीं तो विकास क्या करवाएंगे।

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