मध्य प्रदेशराजनीतिनेशनलअपराधकाम की बातहमारी जिंदगीधरम करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बातपढ़ाई-रोजगारदुनिया

Parali Burning in MP: मध्य प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों की खैर नहीं, दर्ज होगी FIR

खेतों में पराली जलाने पर अब संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कार्रवाई होगी।
07:15 PM Nov 22, 2024 IST | Saraswati Chandra

Parali Burning in MP: भोपाल। किसानों द्वारा फसल कटाई के बाद जलाई जा रही पराली को लेकर सरकार सख्त हो गई है। खेतों में पराली जलाने पर अब संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कार्रवाई होगी। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भोपाल के किसानों के लिए आदेश जारी किए हैं। भोपाल सहित राज्य के कई जिलों में पराली जलाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।

पराली जलाने पर होगी कानूनी कार्रवाई

एनजीटी के निर्देशो पर जिले की सभी राजस्व सीमा में फसल की कटाई के बाद किसानों द्वारा पराली जलाने पर रोक लगा दी गई है। यदि अब किसी किसान द्वारा पराली में आग लगाई जाती है, तो उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी। उसके खिलाफ अन्य कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

वकील भी नहीं लड़ेंगे किसानों का केस

वहीं जबलपुर हाइकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों ने कहा है कि वे ऐसे किसानों की पैरवी नहीं करेंगे जो खेत में पराली (Parali Burning in MP) जलाते हैं। वकीलों के इस बयान पर भारतीय संघ ने विरोध जताते हुए कहा है कि वकीलों के इस तरह का बयान बता रहा है कि उनको किसान की मजबूरी पता ही नहीं है। बिना सोचे समझे इस तरह की बयानबाजी सिर्फ पब्लिसिटी स्टेंट है।

पराली जलाने के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के पैमाने के आसपास है और यदि इसे नहीं रोका गया तो हवा ज्यादा जहरीली हो जाएगी। सरकार द्वारा आदेश जारी करने के साथ ही प्रभावी हो गया है। अभी इसे 2 महीने लागू किया गया है, साथ ही गेहूं की फसल पर भी लागू होगा। इस संबंध में सभी एसडीएम, तहसीलदार और थाना प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

पराली क्यों जलाता है किसान और क्या है इसके नुकसान?

फसल कटने के बाद जो डंठल बचते हैं, वो खेत से हटाने के लिए किसान उसमें आग लगा देता है, खासतौर से धान जब हार्वेस्टर या फिर मजदूर काटता है तो बचे हुए डंठल और भूसा को खत्म करने के लिए किसान उनमें आग लगा देता है। खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल खेतों में पड़े रहने से खाद बनती है लेकिन उसके लिए किसान को अत्यधिक श्रम और पैसा लगता है। लेकिन पराली (Parali Burning in MP) को सड़ाने से मिट्टी की उर्वर क्षमता बनी रहती है। इसके विपरीत पराली में आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही खेतों में मौजूद प्राकृतिक वनस्पति, सहजीवी और फसल को फायदा पहुंचाने वाले जीवजंतु भी नष्ट हो जाते हैं।

क्या कर रही है सरकार

राज्य में वायु प्रदूषण को दूर करने और हवा को साफ करने के लिए सरकार द्वारा शहरों की सूची बनाई गई है। आगामी बैठक में कलेक्टर व कमिश्नर को प्लान तैयार प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। नॉन अटेनमेंट शहरों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, देवास एवं सागर शामिल हैं। शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए माइक्रो लेवल एक्शन प्लान बनाया जाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश स्तरीय कमेटी की बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें:

MP Air Pollution: दिल्ली के बाद एमपी की हवा हो रही जहरीली, इन शहरों के खराब हैं हालात?

MP Vidhan Sabha Chunav 2024: विजयपुर एवं बुधनी विधानसभा उपचुनाव में मतगणना को लेकर कांग्रेस ने की चुनाव आयोग से बड़ी मांग

MP Shlok Vachan Competition: गीता जयंती पर मध्य प्रदेश सरकार करवाएगी श्लोक वाचन प्रतियोगिता

Tags :
Madhya Pradesh Latest NewsMadhya Pradesh Newsmp firstMP First NewsMP Latest NewsMP newsParali burningParali Burning in MPstubble burningएमपी फर्स्टएमपी फर्स्ट न्यूज़मध्य प्रदेश न्यूज़मध्य प्रदेश लेटेस्ट न्यूज

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article