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Green Corridor Jabalpur: मर कर ‘अमर’ हो गए बलिराम, ब्रेन डेड बुजुर्ग ने बचाई दो जिंदगियां

जबलपुर में ब्रेन डेड 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा के अंगदान से दो जिंदगियां बचाई गई।
02:23 PM Jan 23, 2025 IST | Sunil Sharma

Green Corridor Jabalpur: जबलपुर। संस्कारधानी में 'अंगदान महादान' के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने का असर दिखने लगा है। लिहाजा जबलपुर में ब्रेन डेड 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा के अंगदान से दो जिंदगियां बचने वाली हैं। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जबलपुर से हार्ट भोपाल भेजा गया है,जबकि एयरलाइंस से लिवर को इंदौर रवाना किया गया। ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिये रात भर पुलिस एवं जिला प्रशासन, के साथ-साथ मेडिकल हॉस्पिटल प्रशासन ने तैयारियां की थी।

एक्सीडेंट में गंभीर घायल बुजुर्ग हुए ब्रेन डेड

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा के मुताबिक सागर निवासी 61 वर्षीय बलिराम कुशवाह को मंगलवार को रोड़ एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल होने पर इलाज के लिये नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल हॉस्पिटल के सुपर स्पेशलिटी यूनिट में भर्ती कराया गया था। उनके मस्तिष्क में गंभीर चोटें आई थीं। सागर में प्राथमिक इलाज के बाद जबलपुर रेफर किया गया था, जहां मेडिकल हॉस्पिटल में इलाज कर रहे न्यूरोसर्जन डॉक्टरों की टीम ने बुधवार को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

परिजनों ने जताई अंगदान की इच्छा

बलिराम कुशवाह को ब्रेन डैड घोषित करने के बाद चिकित्सकों ने परिजनों को उनके अंगदान के महत्व को समझाया। इस पर परिजनों ने अंगदान की इच्छा व्यक्त की। लिहाजा डॉक्टरों ने प्रदेश के मेडिकल हॉस्पिटल सहित अन्य हॉस्पिटलों में ये पता लगाया कि अंगों की जरूरत कहां है। जानकारी मिली कि भोपाल एम्स में हार्ट ट्रांसप्लांट और इंदौर के चैइथराम हॉस्पिटल में एक मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है।

ग्रीन कॉरिडोर बना हार्ट भोपाल और लिवर इंदौर भेजा

सड़क दुर्घटना में घायल बलिराम कुशवाह के परिजनों की सहमति मिलने और भोपाल एवं इंदौर में दो मरीजों की जिंदगी बचाने के लिये प्रशासन स्तर पर प्रयास शुरू किये गये। एक्सीडेंट में मरीज की किडनी फेल होने के कारण उपयोग नहीं की जा सकी, लेकिन हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों की जानकारी मिल गई। मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी देकर ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor Jabalpur) बनाने की तैयारियां शुरू कर दी।

रात भर तैयारियां में जुटे अधिकारियों ने न केवल ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया, बल्कि ब्रेन डेड मरीज के अंगों को ट्रांसप्लांट भी करवाया। हार्ट को भोपाल के एम्स भेजने के लिए मेडिकल कॉलेज से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor Jabalpur) बना कर रवाना किया गया है। जबकि तिलवारा में हेलीपेड बनाकर हेलिकॉप्टर के जरिए लिवर को इंदौर के चैइथराम हॉस्पिटल भेजा गया।

(जबलपुर से डॉ. सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट)

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