Guna Bhumafia: दिव्यांग लक्ष्मण सिंह के समर्थन में हनुमान चौराहे पर चक्का जाम

लक्ष्मण सिंह को झूठे मुकदमे में फंसाकर डेढ़ माह तक जेल में रखा गया था। जेल से लौटने के बाद मानसिक आघात के चलते ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गए।
guna bhumafia  दिव्यांग लक्ष्मण सिंह के समर्थन में हनुमान चौराहे पर चक्का जाम

Guna Bhumafia: गुना। भूमाफियाओं और कॉलोनाइजरों की प्रताड़ना के शिकार दिव्यांग लक्ष्मण सिंह अहिरवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर रविवार को उनके परिजनों और समाज के लोगों ने हनुमान चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। लक्ष्मण सिंह को झूठे मुकदमे में फंसाकर डेढ़ माह तक जेल में रखा गया था। जेल से लौटने के बाद मानसिक आघात के चलते ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन प्रशासन ने अब तक दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसी को लेकर परिजन और स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

परिजनों ने प्रशासन पर लगाया आरोपियों को बचाने का आरोप

चक्का जाम के कारण यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन पुलिस ने अंबेडकर चौराहे और हनुमान चौराहे की ओर जाने वाले मार्गों को खुला रखा, जिससे लोगों को आने-जाने में आंशिक रूप से राहत मिली। प्रदर्शनकारियों ने दोषी कोलोनाइजर शिशुपाल रघुवंशी, अंशुल सहगल, दीपक श्रीवास्तव सहित अन्य आरोपियों पर तत्काल मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की। उनका आरोप है कि प्रशासन आरोपियों (Guna Bhumafia) को बचाने में जुटा है और पीड़ित परिवार को केवल आश्वासन देकर मामले को टालने की कोशिश की जा रही है।

Guna Bhumafia

तहसीलदार और पुलिस अधिकारी पहुंचे मौके पर

काफी देर तक चक्का जाम जारी रहा, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तहसीलदार जीएस बैरवा और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने और शांतिपूर्वक रास्ता खोलने की अपील की, लेकिन जब लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे, तो पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को हटाया और चौराहे को खाली कराया। इस दौरान पीड़ित परिवार के साथ धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे आक्रोश और बढ़ गया। लक्ष्मण सिंह के परिजनों का कहना है कि उनकी हालत बेहद गंभीर है, लेकिन प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा। वे पहले ही अपनी संपत्ति बेचकर इलाज करा चुके हैं, अब उनके पास इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने दोषियों (Guna Bhumafia) के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित परिवार को ही परेशान किया।

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

चक्का जाम खत्म होने के बाद प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। परिजनों का कहना है कि जब तक प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। लक्ष्मण सिंह अहिरवार के समर्थन में उठी यह आवाज अब तेजी से फैल रही है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए जल्द न्याय दिलाने की मांग की है। इस घटना ने शहर में कानून व्यवस्था (Guna Bhumafia) पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कितनी तत्परता दिखाता है।

(गुना से सीताराम रघुवंशी की रिपोर्ट)

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