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Guna News: हेडमास्टर पिता और भाई की निर्दयता का शिकार हुई मासूम, खाने तक के लिए तरसा दिया था बेटी को

बच्ची ने अस्पताल में बताया कि उसका पिता और भाई दोनों ही शराब के आदी हैं। वे उसे दिन-रात घर में बंद रखते थे, पीटते थे और खाने तक के लिए कुछ नहीं देते थे। उसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उससे खड़ा तक नहीं हुआ जाता था।
06:54 PM Mar 19, 2025 IST | Sunil Sharma

Guna News: गुना। समाज में बेटियों को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, लेकिन इसी समाज में कुछ निर्दयी पिता और भाई भी हैं, जो अपनी ही बेटी और बहन के साथ अमानवीय अत्याचार करते हैं। ऐसी ही दिल दहला देने वाली एक घटना गुना के आदर्श कॉलोनी से सामने आई है। यहां एक नाबालिग बच्ची गरिमा उइके को उसके पिता और भाई ने घर में कैद कर रखा था। उसे न सिर्फ बेरहमी से पीटा जाता था, बल्कि खाने तक के लिए भी तरसा दिया जाता था। इस अमानवीय घटना की जानकारी जब एक समाजसेवी संस्था को मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस और समाजसेवी संस्था के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को मुक्त कराया। जब बच्ची को घर से बाहर निकाला गया, तो उसकी हालत बेहद दयनीय थी। वह इतनी कमजोर हो गई थी कि ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। उसकी बिगड़ती हालत को देखते हुए तुरंत उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

सरकारी स्कूल में हेडमास्टर होते हुए भी बेटी के लिए पिता बना हैवान

बच्ची का पिता लक्ष्मण उइके पेशे से एक सरकारी स्कूल का हेडमास्टर है। एक शिक्षक को समाज में ज्ञान और नैतिकता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब एक गुरु ही अपनी बेटी पर अत्याचार करने लगे, तो इसे क्रूरता की हद ही कहा जाएगा। बच्ची ने अस्पताल में बताया कि उसका पिता और भाई दोनों ही शराब के आदी हैं। वे उसे दिन-रात घर में बंद रखते थे, पीटते थे और खाने तक के लिए कुछ नहीं देते थे। उसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उससे खड़ा तक नहीं हुआ जाता था। बच्ची का मोबाइल भी छीन लिया गया था, ताकि वह किसी से मदद न मांग सके। गरिमा उइके खुद एक हॉकी खिलाड़ी थी, लेकिन पिता की प्रताड़ना और कुपोषण के कारण उसका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया। उसे जबरन घर में कैद कर दिया गया, जिससे उसका खेल और जीवन दोनों बर्बाद होने लगे।

अस्पताल में भी बच्ची को धमकाने पहुंच गए पिता और भाई

जब समाजसेवियों की मदद से बच्ची को अस्पताल पहुंचाया गया, तो उसके पिता और भाई वहां भी धमकाने पहुंच गए। उन्होंने बच्ची (Guna News) पर दबाव बनाया कि वह किसी को उनके अत्याचारों के बारे में न बताए। लेकिन इस बार बच्ची अकेली नहीं थी—समाजसेवियों और पुलिस की सतर्कता ने उनकी साजिश को नाकाम कर दिया। इस घटना के उजागर होते ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी। लेकिन खबर लिखे जाने तक आरोपी पिता और भाई फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है। इस अमानवीय घटना के बाद गरिमा फिलहाल, जिला अस्पताल में इलाजरत है और समाजसेवी उसकी देखभाल कर रहे हैं।

अब देखना है कि प्रशासन आरोपी पिता और भाई के खिलाफ क्या एक्शन लेता है

इस घटना (Guna News) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि समाज में अभी भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो अपनी ही संतान के लिए दानव बन जाते हैं। एक शिक्षक, जिसे बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी दी गई थी, जब अपनी ही बेटी को यातनाएं देने लगे, तो यह पूरे समाज के लिए शर्मनाक स्थिति बन जाती है। इस घटना ने समाज को एक बड़ा सवाल सौंपा है—आखिर कब तक बेटियों को ऐसे अत्याचार झेलने पड़ेंगे? कानूनों के बावजूद बेटियों पर होने वाले अत्याचार नहीं रुक रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है और कब तक निर्दयी पिता और भाई को सलाखों के पीछे डाला जाता है

(गुना से सीताराम रघुवंशी की रिपोर्ट)

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