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दिल्ली से भी जहरीली 'हिंदुस्तान के दिल' की हवा, सांस लेना हुआ दुश्वार, ग्वालियर में AQI 300 के पार

Gwalior Air Pollution ग्वालियर: सर्दी के दस्तक के साथ ही दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच गया...
09:58 AM Nov 21, 2024 IST | Suyash Sharma

Gwalior Air Pollution ग्वालियर: सर्दी के दस्तक के साथ ही दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है। प्रदेश में सबसे अधिक ग्वालियर की हवा जहरीली बनी हुई है। ग्वालियर में पिछले कुछ दिनों से AQI (Gwalior Air Quality Index) 300 के पार दर्ज किया जा रहा है। आखिर शहर की हवा दिन-प्रतिदिन जहरीली क्यों होती जा रही है, विशेषज्ञों का क्या कहना है आइए विस्तार से जानते हैं।

दिल्ली से भी जहरीली ग्वालियर की हवा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में AQI सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है। पिछले कुछ दिनों से ग्वालियर में औसतन 300 के पार AQI दर्ज किया जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो ग्वालियर के बाद उज्जैन में स्थिति चिंताजनक (Gwalior Air Pollution) है। उज्जैन का AQI 220 दर्ज किया गया है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगातार बढ़ते AQI ने सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। आलम यह है कि ग्वालियर समेत प्रदेश के कई शहरों में लगातार AQI बढ़ने से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है।

ग्वालियर में लगातार तीसरे दिन AQI 300 के पार

शासन और प्रशासन के लिए चिंता की बात यह है कि ग्वालियर शहर में लगातार तीसरे दिन AQI 300 के पार (Gwalior Air Quality Index) दर्ज किया गया है। यहां की हवा एक तरह से जहरीली (MP Air Pollution Index) साबित हो रही है। यहां सबसे अधिक DD नगर में AQI 323 दर्ज किया गया है। इसके अलावा महाराजबाड़ा में AQI 310 और सिटी सेंटर में AQI 309 दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि पीएम-10 बढ़ाने के चलते शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इसके अलावा शहर में खुले में कचरा जलाने, बदहाल सड़कें और ट्रैफिक लोड को भी लगातार बढ़ते प्रदूषण का कारण बताया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में ज्यादा पराली जलाने से बढ़ी परेशानी!

बताया जा रहा है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल मध्य प्रदेश में अधिक पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पराली जलाने से प्रदूषण के स्तर में तेजी से बदलाव आता है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों सुबह की सैर (Morning Walk) पर जाना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। खराब हवा के चलते सांस से जुड़ी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि जिन्हें सांस संबंधित बीमारी है वे घर पर रहें और सुरक्षित रहें।

कौन घोल रहा हवा में मौत का जहर पराली या प्रशासन?

जानकारों का ऐसा मानना है कि इन दिनों उत्तरी क्षेत्र से आ रही हवा के कारण सर्दी ने आमद दर्ज की है, क्योंकि हवा दिल्ली होते हुए आ रही है। इस कारण सर्दी के साथ प्रदूषण भी साथ ला रही है। हालांकि, प्रदूषण बढ़ने में खुले में जल रहा कचरा, सड़कों पर उड़ने वाली धूल और सवारी वाहनों से निकलने वाला धुआं भी बड़े कारण हैं। इन पर अंकुश लग जाए तो दिल्ली की हवा का असर आधा रह जाएगा। मध्य प्रदेश में शासन और प्रशासन की व्यवस्था नाकाम क्यों रही, जबकि यहां पर हर साल कृषि विभाग और प्रशासन के पास पराली जलाने वाले पॉइंट्स की सेटेलाइट इमेज पहुंचती है। वर्तमान में ग्वालियर जिले के भितरवार,डबरा क्षेत्र के कई गांव में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी है। सवाल यह है कि आखिर हवा में मौत का जहर आखिर कौन घोल रहा है।

सर्दी में इसलिए भी बढ़ता है प्रदूषण

विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में गिरावट के साथ वायु प्रदूषण बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण टेंपरेचर इन्वर्शन (Gwalior Pollution Control Board) रहता है। इसमें जमीन से ऊपर जाने पर तापमान घटने की जगह बढ़ता है, जबकि गर्मी के दिनों में ऊपर की तरफ जाने पर तापमान घटता है। यही वजह है कि सर्दियों में प्रदूषण तत्व आसानी से ऊपर की तरफ जाकर वातावरण में मिक्स हो जाते हैं, जबकि सर्दियों में तापमान कम होने और नमी के कारण प्रदूषण तत्व ऊपर नहीं जा पाती।

जहरीली हवा से कैसे बचें?

खुले में कचरा जलाने से आसपास की डेढ़ से 2 किलोमीटर क्षेत्र की हवा जहरीली (Gwalior Air Pollution Index) हो जाती है। घर से बाहर जब भी जाएं तो मास्क लगाकर जाएं। घर के अंदर रहें तो एसी चलाएं। इस मौसम में घर की खिड़की दरवाजे बंद रखना चाहिए। फिर भी यदि प्रदूषण का असर दिखे तो ऐसे में 27 से 29 डिग्री तक एसी चला सकते हैं। घर में एयर प्यूरीफायर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि सांस लेने में अधिक परेशानी न हो।

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