ग्वालियर में स्कूल संचालकों-प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की मनमानी पर शिकंजा, कलेक्टर ने जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश
Gwalior Collector Issued Restrictive orders ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अब स्कूल संचालकों-प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की एकाधिकार प्रवृत्ति खत्म करने के लिए जिला कलेक्टर ने बड़ा कदम उठाया है। जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 (1) (2) के तहत स्कूल संचालकों, प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की एकाधिकार प्रवृत्ति को खत्म करने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। आखिर इस आदेश में क्या है और इससे स्कूल संचालकों-प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की मनमानी पर लगेगी कैसे रोक लगेगी आइए विस्तार से जानते हैं।
स्कूल संचालकों-प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की मनमानी पर शिकंजा
आदेश के अनुसार, मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस एवं संबंधित विषयों पर विनियमन) अधिनियम 1917 के नियम 2020 के अनुसार निजी विद्यालय प्रबंधक द्वारा विद्यालय प्रवेश प्रारंभ की तिथि एवं प्रक्रिया, विद्यालय के उपयोग में लाए जाने वाली पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोर्ट्स किट, ट्रांसपोर्ट सुविधा, फीस अथवा परीक्षा या परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से ली जाने वाली धनराशि का विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड अथवा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है।
8 मार्च तक सूची अपलोड करने के निर्देश
ऐसे में जिन विद्यालय संचालक, प्राचार्य जिन्होंने उक्त जानकारी वेबसाइट पर नहीं डाली है, उन्हें 8 मार्च 2025 तक अपने विद्यालय की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से ऐसी सूची अपलोड (Gwalior Collector Issued Restrictive orders) करनी है। इसके अलावा विद्यालय परिसर में सार्वजनिक पटल स्थल पर चस्पा करने होंगे। मान्य नियमों के अंतर्गत स्कूल की स्वयं की वेबसाइट होना अनिवार्य है।
विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को बाध्य नहीं कर पाएंगे विद्यालय संचालक-प्राचार्य
आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि विद्यालय संचालक-प्राचार्य द्वारा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को पुस्तकें एवं कॉपियां, सम्पूर्ण यूनीफॉर्म आदि संबंधित स्कूल-संस्था अथवा किसी एक दुकान विक्रेता, संस्था विशेष से खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। इसके साथ ही विद्यालय संचालक प्राचार्य विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें परीक्षा परिणाम अथवा उनके पूर्व खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। सभी विद्यालय पाठ्यक्रम के संबंध में नियामक संस्था/बोर्ड (सीबीएसई, आईसीएसई, एमपीबीएसई) आदि के द्वारा जारी निर्देशों का पालन करेंगे।
अब स्कूल संचालक एवं प्रकाशक नहीं कर पाएंगे बाध्य
विद्यालय संचालकों द्वारा पुस्तकों के सेट की कीमत बढ़ाने के लिए अनावश्यक सामग्री कोई निश्चित या ब्रांडेड स्कूल बैग, बोतल, पेन, पेंसिल, स्टेशनरी आदि जो निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं है उसे खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे सेट खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेगा। विद्यालय प्रशासन शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निर्धारित नियमानुसार यूनीफॉर्म का निर्धारण करेगी और एक बार निर्धारित यूनीफॉर्म को तीन वर्ष से कम समयावधि में बदला नहीं किया जाएगा।
नियमों के अवहेलना करने पर इन सभी लोगों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जिला कलेक्टर ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव (Gwalior Collector Issued Restrictive orders) से लागू कर दिया है। आदेश जारी होने के साथ ही हिदायत दी गई है कि इस नियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, पुस्तक स्टेशनरी विक्रेता आदि के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-223 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत कार्रवाई की जा जाएगी। विद्यालय द्वारा आदेश की अवहेलना किए जाने पर स्कूल के प्राचार्य/संचालक के साथ ही स्कूल के प्रबंधक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सभी सदस्य दोषी होंगे। इस आदेश को 4 मार्च से 3 मई 2025 तक प्रभावशील रखा गया है।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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