Gwalior Consumer Court Action ग्वालियर में उपभोक्ता आयोग की बड़ी कार्रवाई, बिरला अस्पताल पर लगाया 8 लाख रुपए का जुर्माना
Gwalior Consumer Court Action ग्वालियर। ग्वालियर में चिकित्सकीय लापरवाही पर उपभोक्ता आयोग ने शहर के बिरला अस्पताल पर आठ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता आयोग ने एमसीआई और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि ग्वालियर के बिरला अस्पताल के चिकित्सकीय और प्रशासनिक सेवाओं की उच्च स्तरीय जांच कर रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करें।
इलाज में लापरवाही और एक्सपायरी डेट की दवा देने का मामला
बता दें कि ग्वालियर का विरला अस्पताल अपनी लापरवाहियों और अवैध धंधों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है। ताजा मामला अयोग्य डॉक्टरों द्वारा इलाज कराने और एक्सपायरी दवा देने से मरीज की मौत का है। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उपभोक्ता आयोग ने कड़ी कार्रवाई की है। मामला 2017 का है जब मुरैना निवासी अतुल गोयल ने अगस्त 2017 में अपने पिता को बिरला हॉस्पिटल ग्वालियर में उल्टी एवं पेट में दर्द की शिकायत के साथ भर्ती कराया था। जांच में हर्निया पाए जाने पर इसकी सर्जरी डॉक्टर दीपक प्रधान द्वारा की गई थी। ऑपरेशन के बाद रोगी की हालत बिगड़ गई । मरीज को उल्टी आई जो उसकी स्वांस नली में चली गई । स्वांस नली को साफ करने के लिए कोई दक्ष डॉक्टर अस्पताल में नहीं था । इलाज मेंदेरी होने से मरीज की मौत हो गई ।
चिकित्सक को नहीं आती सामान्य अंग्रेजी
अपने पिता की मौत के बाद अतुल गोयल ने उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया। जांच में हैरान कर देने वाले खुलासे हुए। जांच में पता चला कि हॉस्पिटल में नियुक्त डॉक्टर न केवल अयोग्य है बल्कि उसे सामान्य अंग्रेजी का भी ज्ञान नगीं है। उसने डेथ रिपोर्ट में बड़ी – बड़ी गलतिया की हैं। डेथ नोट्स में अपात्र चिकित्सक ने अस्पिरेट की जगह Exprate, ओ 2 support की जगह ओ 2 Sport, pupils dilated की जगह pipil Delete लिखा है। उक्त चिकित्सक का कोई शपथ पत्र या योग्यता प्रमाण पत्र भी बिरला अस्पताल प्रशासन ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है।
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