ग्वालियर में आवारा कुत्तों का आतंक, 7 साल के बच्चे को कुत्तों ने ऐसा काटा कि सुनकर दहल जाएगा दिल, लगे 107 टांके

Gwalior Dog Bites ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में डॉग बाइट की अब तक की सबसे वीभत्स और दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। ग्वालियर रामकृष्ण मिशन के शारदा बालग्राम आश्रम में रहने वाले 7 साल के बच्चे पर...
ग्वालियर में आवारा कुत्तों का आतंक  7 साल के बच्चे को कुत्तों ने ऐसा काटा कि सुनकर दहल जाएगा दिल  लगे 107 टांके

Gwalior Dog Bites ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में डॉग बाइट की अब तक की सबसे वीभत्स और दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। ग्वालियर रामकृष्ण मिशन के शारदा बालग्राम आश्रम में रहने वाले 7 साल के बच्चे पर कुत्तों ने हमला कर दिया। हमले में बच्चे के सिर-चेहरे सहित 18 जगह घाव हो गए। कुत्ते मासूम बच्चे के सिर की खाल तक खा गए। आनन-फानन में बच्चे को जेएएच के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने ढाई घंटे ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। उसे 107 टांके आए हैं।

ग्वालियर में कुत्ते ने 7 साल के बच्चे को काटा

घायल बच्चे रविकांत पटेल का ऑपरेशन करने वाले जे ए एच के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. जितेंद्र ग्रोवर ने कहा, "बच्चे की बेहद हालत गंभीर थी। डॉग बाइट के केस आमतौर पर आते हैं, लेकिन इतना वीभत्स केस मेरे सामने चिकित्सकीय कैरियर मे पहली बार आया है। आवारा कुत्तों ने बच्चे को 17 से 18 जगह बुरी तरह से काटा (Gwalior Dog Bites) था। सिर की ढाई इंच लंबी और इतनी ही चौड़ी खाल कुत्ते खा गए। बच्चे की स्थिति को देखते हुए मैंने सर्जन डॉ. चित्रांगद और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. नमृता जैन के साथ मिलकर ऑपरेशन प्लान चढ़ाना पड़ा। बच्चे के करीब 107 से अधिक टांके आए हैं। ऑपरेशन बाद बच्चे की पट्टी कर दी गई है। बाद में इसकी प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी."

पिछले 2 साल में और बढ़ गया कुत्तों का आतंक

वहीं, गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर. के. एस. धाकड़ का कहना है, "शहर में बीते 2 साल में डॉग बाइट्स के केस बहुत बढ़े हैं। कुत्तों के द्वारा बच्चों को शिकार बनाना चिंताजनक हैं, क्योंकि उनका साइज छोटा होता हैं। जिस तरह से बच्चा गंभीर हुआ है, उससे लगता है कि उस पर समूह में हमला किया गया, क्योंकि एक कुत्ता इतने घाव नहीं कर सकता। राहत की बात यह है कि बच्चा समय रहते सुपर स्पेशलीटी में आ गया। उसका ऑपरेशन काफी जटिल और लम्बी प्रक्रिया वाला था, लेकिन टीम बनाकर इसे सफलता पूर्वक किया गया।"

स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी पर साढ़े तीन साल में 1.89 करोड़ खर्च

एक तरफ आवारा कुत्तों का सड़कों पर आतंक हैं, लेकिन नगर निगम का दावा है कि वह ग्वालियर में स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी पर तीन साल में 1.89 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। हैरानी की बात यह है कि नसबंदी के बाद कुत्तों की संख्या में कमी आने के बजाय कुत्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। अब हालात ये हैं कि शहर में हर 200 मीटर की दूरी पर स्ट्रीट डॉग्स की टोलियां नजर आती हैं।

कम होने के बदले बढ़ती जा रही कुत्तों की संख्या

वर्तमान में भी शहर की सिद्धांत सोसाइटी स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी प्रोजेक्ट (Gwalior Dog Bites seven year old child) पर काम कर रही है। एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत काम करने वाली कंपनी को स्ट्रीट डॉग्स को पकड़कर नसबंदी करना है। सेंटर पर आवारा पशुओं के इलाज, भोजन, वैक्सीनेशन की व्यवस्था करना है। दावा है कि कंपनी 4 हजार डॉग्स की नसबंदी कर चुकी है। 2 महीने का कार्यकाल और बचा है।

निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप

शारदा बाल ग्राम के संजय करकरे ने बताया, "आश्रम के पीछे लोग मरे हुए जानवर फेंक हैं, जिन्हे कुत्ते खाते हैं। ये कुत्ते आश्रम में आकर लोगों को काटते हैं। इस बाबात निगम अधिकारियों को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। निगम अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब यह दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। कुत्तों ने बच्चे को बुरी तरह से नोच डाला था।"

एक सप्ताह में जेएएच एवं जिला अस्पताल में कुत्ता काटने के 477 मामले सामने आए हैं

  1. 25 जनवरी 71मरीज
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  7. 18 जनवरी 52
  8. 19 जनवरी 5

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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