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Gaushala Destination Wedding: ग्वालियर में बनी गौशाला में पहली डेस्टिनेशन वेडिंग, बैलगाड़ी में हुई दुल्हन की विदाई

Gwalior Gaushala Destination Wedding ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बनी देश की पहली और सबसे बड़ी गौशाला में डेस्टिनेशन वेडिंग की शुरुआत हो गई है। ग्वालियर की आदर्श गौशाला (Largest Cow Shelter in Madhya Pradesh) में एक नया इतिहास जुड़...
09:27 AM Jan 23, 2025 IST | Amit Jha

Gwalior Gaushala Destination Wedding ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बनी देश की पहली और सबसे बड़ी गौशाला में डेस्टिनेशन वेडिंग की शुरुआत हो गई है। ग्वालियर की आदर्श गौशाला (Largest Cow Shelter in Madhya Pradesh) में एक नया इतिहास जुड़ गया है। गौशाला में अब डेस्टिनेशन वेडिंग की शुरुआत हो गई है। खास बात यह है कि भारतीय संस्कृति और गोवंश आधारित शादी समारोह हुआ है। सबसे पहले इस शादी में गौशाला में रहने वाली गायों के लिए हरे चारे का भंडारा करवाया गया। वहीं, शादी में आए मेहमानों के लिए गोबर का लेप लगाकर वैदिक विधि से करीब 40 कुटिया बनाई गई हैं।

ग्वालियर की गौशाला में पहली डेस्टिनेशन वेडिंग

ग्वालियर में मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी लाल टिपारा गौशाला इन दिनों एक बार फिर अपने अनूठे प्रयोग के लिए चर्चाओं में है। इस बार चर्चा बेहद खास है, क्योंकि आज के आधुनिक दौर में युवा कहीं न कहीं अपनी सांस्कृतिक विरासत को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में ग्वालियर की लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला में अब डेस्टिनेशन वेडिंग भी करवाई जा रही है। यहां पूरा विवाह आयोजन विधि-विधान से वैदिक मंत्रों के साथ संपन्न कराया गया है।

ग्वालियर की इस शादी की देश भर में हो रही चर्चा

एक ओर जहां युवा अपनी शादी के खास दिन को बड़ी धूमधाम और चमक-धमक के साथ आधुनिक तौर तरीके से मनाना चाहते हैं। ऐसे में ग्वालियर के रहने वाले दूल्हे शिवम ने अंजलि से भारतीय संस्कृति और विरासत के साथ गौ संरक्षण का संदेश देते हुए शादी (Gwalior Gaushala Destination Wedding) करने का फैसला लिया। शिवम एक केबल ऑपरेटर हैं और लंबे समय से गौ संरक्षण को लेकर भी कार्य कर रहे हैं। शिवम के इस फैसले की चारों ओर चर्चा हो रही है।

 

बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई

मेहमानों के लिए गोबर का लेप कर वैदिक विधि से करीब 40 कुटिया बनाई गई हैं। एक कुटिया में 10 मेहमानों के रुकने की व्यवस्था की गयी। दुल्हन की विदाई के लिए जो बैलगाड़ी तैयार की गई है, उसमें भी गाय के गोबर का प्रयोग (Bride Farewell Conducted in Bullock Cart) किया गया है। वहीं, शिवम और अंजलि की शादी देखने के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग की बड़े-बड़े कॉलेजों के स्टूडेंट्स भी पहुंचे है। उन्होंने संकल्प भी लिया है कि वे भी अब इसी रीति रिवाज से शादी करेंगे।

तानसेन की संगीत नगरी ग्वालियर में शहनाई वादन के साथ शादी

गोवंश के गोबर के प्रयोग के अलावा उनके दूध और उससे बनने वाले दही और घी का भी प्रयोग (Destination Wedding at Gwalior Lal Tipara Gaushala) किया गया। भोजन में जैविक और मोटे अनाज के व्यंजन बनाए गए। इस पूरी शादी में फास्ट फूड और नशे पर पूरी तरह प्रतिबंध रखा गया। कुल मिलाकर पुराने दिनों की यादों को ताजा करते हुए संगीत सम्राट तानसेन की संगीत नगरी ग्वालियर में शहनाई वादन के साथ सांस्कृतिक झलकें शादी में आकर्षण का केंद्र बना रहा।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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