प्रेम का प्रतीक है ग्वालियर का गुजरी महल: राजा ने की थी गुर्जर कन्या से शादी, गुर्जर कन्या ने रख दी थी चौंकाने वाली शर्तें, फिर...

Gwalior Gujari Mahal ग्वालियर: आगरा में बने ताजमहल को प्यार की निशानी भी कहा जाता है। एक प्यार की निशानी हिंदुस्तान के दिन यानी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी स्थित है। यहां एक गुजरी महल (Gujari Mahal Archeological...
प्रेम का प्रतीक है ग्वालियर का गुजरी महल  राजा ने की थी गुर्जर कन्या से शादी  गुर्जर कन्या ने रख दी थी चौंकाने वाली शर्तें  फिर

Gwalior Gujari Mahal ग्वालियर: आगरा में बने ताजमहल को प्यार की निशानी भी कहा जाता है। एक प्यार की निशानी हिंदुस्तान के दिन यानी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी स्थित है। यहां एक गुजरी महल (Gujari Mahal Archeological Museum) है, जिसे राजा मानसिंह ने अपने प्यार के लिए बनवाया था। उन्हें एक गुर्जर लड़की से पहले ही नजर में प्यार हो गया और इस महल का निर्माण करा दिया। आखिर क्या है इस महल की खासियत और यह ताजमहल से अलग एवं खास क्यों है आइए विस्तार से जानते हैं।

प्रेम का प्रतीक है ग्वालियर का गुजरी महल

हम जब भी किसी से प्यार की निशानी की बात करते हैं तो जेहन में सबसे पहले आगरा के ताजमहल की तस्वीर सामने आ जाती है। मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज की याद में इस महल को बनवाया था। इसके अलावा अगर आपसे कोई पूछे कि शाहजहां के अलावा वह कौन सा राजा है, जिसने अपनी पत्नी या प्रेमिका के लिए किसी महल का निर्माण किया था तो शायद ही कोई इसका जवाब दे पाएगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्वालियर में भी एक ऐसा महल है, जिसे प्रेम का प्रतीक माना गया है। मानसिंह तोमर ने अपनी पत्नी के लिए इस महल का निर्माण करवाया था। इस महल को गुजरी महल (Gwalior Gujari Mahal) के नाम से जाना जाता है।

Gwalior Gujari Mahal

किले के हर कोने में रानी के होने के एहसास

14-15वीं शताब्दी में बनवाए गए ग्वालियर किले के गुजरी महल से भी प्रेम की एक ऐसी ही अनूठी दास्तां (Valentine Day 2025) सामने आती है जो अद्भुत और अनोखी है। वक्त के थपेड़ों के साथ संग्रहालय में तब्दील हो चुका ग्वालियर का ये वो खूबसूरत गुजरी महल है, जिसमें कभी बला सी खूबसूरत रानी रहा करती थी। वैसे रानी की कोई तस्वीर या फिर कोई पहचान तो मौजूद नहीं है, लेकिन किले की हर ईंट, हर कोना, हर आशियाना उसके होने का एहसास कराता है। उस रानी को किसी ने निन्नी कहा, किसी ने गुजरी कहा तो किसी ने मृगनयनी की उपाधि दी।

Gwalior Gujari Mahal

गुजरी महल को लेकर कई कहानियां प्रचलित

दरअसल, इस गुजरी महल को लेकर एक प्रचलित किवदंती है। कहा जाता है एक बार ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर शिकार के लिए निकले थे। शिकार के दौरान उन्होंने गुजरी को दो भैंसे के साथ युद्ध करते देखा। देखने में बेहद खूबसूरत गुजरी के इस बल कौशल को देकर राजा मान सिंह तोमर उसके कायल हो गए और गुजरी के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। लेकिन, गुजरी ने राजा के प्रस्ताव को मानने से पहले उनके सामने तीन शर्तें रख दीं।

Gwalior Gujari Mahal

गुजरी ने राजा के सामने रखी ये तीन शर्तें

गुजरी ने जो तीन शर्तें रखी उनमें से पहली शर्त यह थी कि ग्वालियर किले में गूजरी के रहने के लिए अलग से महल बनवाया जाए। गुजरी के पीने के लिए उसके गांव राई से सांक नदी का पानी महल में लाया जाए और तीसरा वो किसी से पर्दा नहीं करेगी। राजा मान सिंह तोमर ने गुजरी के प्रति अपने प्यार का सम्मान करते हुए तीनों शर्तों पर हामी भर दी। ग्वालियर किले में अलग से महल बनवाया गया। गुजरी का प्रस्ताव मानते हुए किले में गुजरी महल बनवाया गया। इसके अलावा राई गांव से गूजरी महल तक 16 मील लंबी मिट्टी की पाइप लाइन बिछाकर सांक नदी का पानी लाया गया।

Gwalior Gujari Mahal

मृगनयनी और मानसिंह तोमर की प्रेम गाथा

कहते हैं गुजरी हमेशा राजा मान सिंह तोमर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहीं। आज न मृगनयनी (Raja Man Singh Tomar Built Palace) है और न ही राजा मान सिंह तोमर। राई गांव भी समय के थपेड़े नहीं सह पाने के कारण अपना अस्तित्व विसर्जित कर बैठा है। उसके भग्नावशेष सांक नदी पर बने तिघरा बांध में डूब गए। लेकिन, गुजरी महल आज भी गर्व के साथ हर दिन मृगनयनी और मानसिंह तोमर की प्रेम गाथा को दोहरा रहा है।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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