मध्य प्रदेशराजनीतिनेशनलअपराधकाम की बातहमारी जिंदगीधरम करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बातपढ़ाई-रोजगारदुनिया

Ahmad Al Makki: फर्जी पासपोर्ट से भारत आया तो हाईकोर्ट ने सुना दी यह सजा

ग्वालियर हाईकोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत में घुसने के आरोप में पकड़े गए अहमद अल मक्की मामले में बड़ा फैसला सुनाया है।
01:02 PM Dec 11, 2024 IST | Suyash Sharma

Ahmad Al Makki: ग्वालियर। ग्वालियर हाईकोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत में घुसने के आरोप में पकड़े गए अहमद अल मक्की मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर आतंकी अहमद अल मक्की को देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर गोलपाड़ा में रखा जाएगा। यह डिटेंशन सेंटर असम में है और देश में मौजूद चार डिटेंशन सेंटर में सबसे बड़ा है। मक्की को देश में अवैध रूप से घुसने तथा पुलिस हिरासत से भागने के आरोप में सजा सुनाई गई थी।

खुद को बताया था सऊदी अरब का नागरिक

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में विदेशी युवक अहमद अल मक्की के मामले में बुधवार को अहम सुनवाई हुई। आज से दस वर्ष पूर्व ग्वालियर पुलिस ने पडाव थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन बजरिया से एक संदिग्ध युवक को पकड़ा था। उसकी पहचान अहमद अल मक्की के रूप में की गई थी। उसने पहले खुद को सऊदी अरब का नागरिक बताया था। परंतु सऊदी अरब के दूतावास ने उसको अपने यहां का नागरिक होने से इंकार कर दिया था। इसके बाद आरोपी अहमद अल मक्की ने अपने आप को बांग्लादेशी नागरिक बताया। बाद में कोर्ट के आदेशों पर 21 सितंबर 2014 को पकड़े गए अहमद अल मक्की को फर्जी पासपोर्ट से देश में घुसने पर 3 साल की सजा हुई थी।

नमाज पढ़ने आया था, पुलिस को चकमा देकर भाग निकला

अहमद अल मक्की (Ahmad Al Makki) की सजा सितंबर 2017 में पूरी होने के बाद उसे पडाव थाने में बनाए गए अस्थाई डिटेंशन सेंटर में 9 महीने तक रखा गया। कलेक्टर के आदेश पर पडाव थाने में बनाए डिटेंशन सेंटर में उसे रखा गया था। अलमक्की महालेखाकार कार्यालय के पास स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए साथ में आए पड़ाव थाने के आरक्षक को चकमा देकर 2018 में भाग निकला था। बाद में उसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में उस पर एक मुकदमा और दर्ज किया गया। पुलिस अभिरक्षा यानी डिटेंशन सेंटर से भागने के आरोप में उसे फिर तीन साल की सजा सुनाई गई।

हाईकोर्ट के आदेश पर भेजा जाएगा असम के डिटेंशन सेंटर में

उसी यह सजा पूरी होने के बाद जिला दंडाधिकारी यानी कलेक्टर के आदेश पर उसे फिर ग्वालियर सेंट्रल जेल में अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाकर जेल भेज दिया गया। इस मामले को अल मक्की के वकील अकरम खान ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। दायर याचिका में दावा था कि कलेक्टर को अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाने या सजा के बाद जेल में रखने का अधिकार नहीं है। इसका फैसला केंद्र को करना होता है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता और राज्य शासन से इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अहमद अल मक्की को असम के गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर में भेजने के आदेश दिए हैं। खास बात यह है कि अभी तक अहमद अल मक्की (Ahmad Al Makki) की नागरिकता सिद्ध नहीं हो सकी है कि वह आखिर किस देश का नागरिक है। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के भीम सिंह केस का जिक्र भी इस सुनवाई के दौरान किया था जिसका ग्राउंड लेकर हाईकोर्ट ने इस मामले से जुड़े अहम निर्देश दिए।

यह भी पढ़ें:

Morena Crime News: रिटायर्ड फौजी ने पत्नी को उतारा मौत के घाट, खुद को भी मारी गोली, बच्चों ने भागकर बचाई जान

Gwalior Crime News: ग्वालियर से गायब हुई युवती गुजरात में मिली, भगाने वाले पिता-पुत्र अहमदाबाद से गिरफ्तार

MP IAS Transfer: मध्य प्रदेश में फिर 15 IAS अधिकारियों के तबादले, यहां जानिए किसे कहां मिली जिम्मेदारी?

Tags :
Ahmed Al Makkidetention centrefake passportgwalior city newsGwalior High CourtGwalior newsMadhya Pradesh Latest NewsMadhya Pradesh Newsmp firstMP First NewsMP Latest NewsMP newsएमपी फर्स्टएमपी फर्स्ट न्यूज़मध्य प्रदेश न्यूज़मध्य प्रदेश लेटेस्ट न्यूज

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article