ग्वालियर में नाबालिग छात्र ने खुद के अपहरण की रची ऐसी साजिश, 2 जिले की पुलिस भी रह गई दंग, वजह जान हो जाएंगे हैरान
Gwalior Kidnaping Case ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक 13 वर्षीय नाबालिग छात्र ने खुद के अपहरण की ऐसी साजिश रची कि 2 जिलों की पुलिस भी दंग रह गई। छात्र ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उसे वैन में खींचा और मुरैना जिले की सीमा में लेकर भाग निकले। मुरैना के टोल प्लाजा पर पुलिस चेकिंग के दौरान बदमाश टोल प्लाजा से पहले ही उतरकर उसे छोड़कर फरार हो गए। हालांकि, पुलिस की सूझबूझ और सीसीटीवी फुटेज की मदद से साजिश की पोल खुल गई। आखिर छात्र ने खुद के अपहरण की साजिश क्यों रची थी। पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। आखिर क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।
नाबालिग छात्र ने रची खुद के अपहरण की साजिश
दरसन, पिछले दिनों ही एक किडनैपिंग की घटना हुई थी, इसको देखते हुए पुलिस हर चौराहे पर चौकस थी। ग्वालियर के शिवाय की जो किडनैपिंग हुई थी उसको भी बदमाश मुरैना की दिशा में लेकर भागे थे। छात्र ने बताया कि पुलिस के डर से अपहरणकर्ता उसको टोल प्लाजा से पहले ही छोड़कर भाग गए। वहां से वह खुद टोल प्लाजा के कर्मचारियों को पास पहुंचा और आप बीती बताई। कर्मचारियों ने उसके पिता फूल सिंह राजपूत को कॉल किया और पूरी घटना की जानकारी दी। टोल कर्मचारियों के द्वारा उनके पिता को यह बताया गया कि उनका बच्चा मुरैना टोल प्लाजा पर मौजूद है। टोल प्लाजा पर आकर उसे ले जाएं टोल। इसके साथ ही प्लाजा कर्मचारियों ने मुरैना सिविल लाइन थाना पुलिस को भी इसकी सूचना दी।
अपहरण की झूठी कहानी सुन पुलिस भी रह गई दंग
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, कुणाल राजपूत जो कि ग्वालियर में अभिनव विद्या मंदिर (Gwalior Kidnaping Case) का छात्र है। वह हर रोज की तरह अपने घर से लक्ष्मण तलैया स्थित गुरुकुल एकेडमी में कोचिंग के लिए साइकिल से निकला था। वह जब शब्द प्रताप आश्रम के पास पहुंचा तो पीछे से आ रही एक वैन ने उससे उसका नाम पूछा और वैन में बैठे बदमाशों ने छात्र को अपनी ओर वैन में खींच लिया। छात्र की कहानी से पुलिस को कुछ शक हुआ। इसके बाद पुलिस ने रास्ते में कुछ सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो पुलिस भी दंग रह गई।
कोचिंग जाने के बहाने घर से फरार हुआ था छात्र
पुलिस के अनुसार, कुणाल के पिता फूल सिंह राजपूत मुरैना जिले के सिकरौदा गांव के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है। वह ग्वालियर में ही एक कंपनी में अकाउंटेंट का काम करते हैं। उन्हें पहले तो यकीन (Kidnapping of Minor Student in Gwalior) ही नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने जब पर पूछा और कोचिंग पर फोन कर पूछा तो बताया गया कि बच्चा कोचिंग आया ही नहीं था। इसके बाद उन्होंने पुलिस के माध्यम से इस सारी घटना का पता लगाया।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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