Gwalior News: जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के काम अटके, लोगों के विभागों के लगाने पड़ रहे हैं चक्कर
Gwalior News: ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र (Birth and Death Certificate) का काम अटक गया है। स्कूलों में एडमिशन का काम चल रहा है और अभिभावकों को बच्चों के आधार कार्ड भी बनवाने हैं, लेकिन बिना जन्म प्रमाण पत्र के यह काम हो नहीं सकता। इतना ही नहीं मैरिज सर्टिफिकेट और मृत्यु प्रमाण पत्र का काम भी ठप पड़ा है। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।
लोगों ने बताई अपनी आपबीती
ग्वालियर के रहने वाले लोकेन्द्र सिंह और आलोक शर्मा पिछले कई दिनों से नगर निगम के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में चक्कर लगा रहे हैं। आलोक शर्मा अपने पिताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आए हैं तो अनिल सिंह राजावत पिछले कई दिनों से अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र के लिए परेशान हो रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कई नव दंपति अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बार-बार चक्कर लगा रहे हैं। ये लोग जब भी नगर निगम के ऑफिस पहुंचते हैं हर बार यही जवाब मिलता है कि वेबसाइट पर काम चल रहा है इसलिए अभी काम नहीं हो पाएगा।
लोकेन्द्र सिंह
विभाग का वही रटा रटाया जवाब
इन आवेदकों की परेशानी देख जब एमपी फर्स्ट न्यूज ने इसका कारण जानना चाहा तो हकीकत यह सामने आई कि ऐसी समस्या केवल ग्वालियर में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल समेत कई बड़े जिलों में भी देखने को मिल रही है। जन्म मृत्यु पंजीयन कार्यालय में जब इस समस्या के बारे में जानकारी ली गई तो वही रटा रटाया जवाब सुनने को मिला। जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय के प्रभारी डॉ. उपेंद्र यादव ने कहा कि जन्म-मृत्यु और मैरिज सर्टिफिकेट सांख्यिकी विभाग के द्वारा बनाए जाते हैं और जिस वेबसाइट पर डाटा अपलोड होकर सर्टिफिकेट बनाया जाता है उस पर अपग्रेडेशन का काम चल रहा है।
अकेले ग्वालियर में 600 आवेदन पेंडिंग
विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है की रोज बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र बनाए थे, लेकिन जब से वेबसाइट को अपग्रेड करने का काम शुरू हुआ है तब से दिन में दो-तीन ही प्रमाण पत्र बन पाते हैं। अकेले ग्वालियर में अभी 600 से ज्यादा आवेदकों के आवेदन पेंडिंग हैं। अधिकारियों का कहना है कि अन्य जिलों में लगभग इतने ही आवेदन पेंडिंग पड़े हैं।
अजय शर्मा
वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए थी
सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे आवेदकों का कहना है कि जब वेबसाइट को अपग्रेड करना था तो प्रमाण पत्र जारी करने के वैकल्पिक इंतजाम करने चाहिए थे। किसी के बच्चे का एडमिशन नहीं हो पा रहा तो कोई पेंशन के लिए परेशान हो रहा है। कोई मैरिज सर्टिफिकेट ना बन पाने से विदेश नहीं जा पा रहा तो किसी के बैंक का काम अधूरा पड़ा है। 1 जुलाई से पहले ज्यादातर जिलों में बच्चों के स्कूल खुल जाते हैं ऐसे में जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड न बनने से पालकों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है।
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