Gwalior Road Accident: ‘ब्लैक स्पॉट’ पर हर साल बढ़ रहे हैं एक्सीडेंट के मामले, पिछले 4 सालों में 1400 की मौत

ग्वालियर अंचल ओर शहर की सड़कों पर चलना अब जोखिम भरा हो गया है। कौन, कब, कहां आपसे भिड़ जाए, यह 'ब्लॉक स्पॉट (अंधी सड़क)' पर निर्भर करता है।
gwalior road accident  ‘ब्लैक स्पॉट’ पर हर साल बढ़ रहे हैं एक्सीडेंट के मामले  पिछले 4 सालों में 1400 की मौत

Gwalior Road Accident: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल में लगातार हो रहे सड़क हादसों में मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं। वर्ष 2021 से वर्ष 2024 तक के बीच हुए रोड़ एक्सीडेंट्स में 1400 से अधिक लोग अपनी जान गवा चुके हैं और इन हादसों का कारण बने 7 पुराने "ब्लैक स्पॉट", परन्तु सुधार की रफ्तार धीमी रही। अब अंचल में 12 और नए ब्लैक स्पॉट बन गए हैं यानि कि अब खतरा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन अभी तक भी हादसों को रोकने की ठोस प्लानिंग ना तो जिला प्रशासन के पास है और ना ही शहर के माननीयों के पास।

पिछले 3 वर्षों में बन गए 12 नए ब्लैक स्पॉट

ग्वालियर अंचल ओर शहर की सड़कों पर चलना अब जोखिम भरा हो गया है। कौन, कब, कहां आपसे भिड़ जाए, यह "ब्लॉक स्पॉट (अंधी सड़क)" पर निर्भर करता है। खून से सनी सड़कों वाले ये "ब्लैक स्पॉट" अब तक कई लोगों की जान ले चुके हैं। लेकिन इन "ब्लैक स्पॉट" में सुधार नहीं हो सका है। जिम्मेदार अफसरों के दावों की हकीकत इसी से पता चलती है कि हर साल एक्सीडेंट में होने बाली मौतों का आंकड़ा कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही पुराने सात "ब्लैक स्पॉट" पर भी सुधार नहीं हो पाया है और पिछले 2-3 सालों में 12 और नए "ब्लैक स्पॉट" तैयार हो गए हैं।

Gwalior Road Accident

पिछले चार सालों में हुए लगभग 8000 एक्सीडेंट

अगर आधिकारिक आंकड़े देखे जाएं तो वर्ष 2021 में 1830 एक्सीडेंट (Gwalior Road Accident) हुए थे जिनमें 359 लोगों की मृत्यु हुई थी। इसी तरह वर्ष 2022 में 2057, वर्ष 2023 में 2064 तथा वर्ष 2024 में 2040 एक्सीडेंट हुए थे जिनमें क्रमशः 353, 344 एवं 350 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। पिछले चार वर्षों में इतने अधिक हादसे और मौतें होने के बावजूद भी सरकार इन हादसों को रोकने के लिए अभी तक कुछ नहीं कर पाई है।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सदस्य ने लगाई जनहित याचिका

इस विकट स्थिति में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सदस्य एडवोकेट अनूप शिवाहरे एक जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं। सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं ग्वालियर से बीजेपी सांसद भरत सिंह कुशवाहा का कहना है कि अफसरों से रिपोर्ट मांगी गई है। चिन्हित किए गए "ब्लैक स्पॉट" पर आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि ग्वालियर रेंज के IG अरविंद कुमार सक्सेना का कहना है कि हादसों को रोकने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक एजुकेशन के लिए स्कूल और कॉलेज में अभियान चलाना चाहिए। साथ ही ट्रैफिक के नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती भी बहुत जरूरी है।

meeting to stop Gwalior Road Accident

इन जगहों पर बने ब्लैक स्पॉट

बहरहाल माननीयों ओर अंचल के अफसरों के पास सड़क हादसों (Gwalior Road Accident) को रोकने की कोई प्लानिंग नहीं है। यही कारण है कि साल 2024 में हर दिन औसतन 5 से अधिक एक्सीडेंट की घटनाओं में 350 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई है। ANHI के अंडर में आने वाले नेशनल हाईवे पर ये वो ब्लैक स्पॉट हैं जैसे सिकरौदा तिराहा, जौरासी घाटी, सिमरिया टेकरी, कल्याणी चौराहा, अरुं तिराहा, बिलौआ तिराहा, रायरू-झांसी बायपास, शर्मा फार्म रोड एवं आनंद ट्रस्ट हॉस्पीटल को ब्लैक स्पॉट माना गया है।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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