Gwalior Saurabh Sharma: कम नहीं हुईं सौरभ शर्मा की मुश्किलें, अब इस मामले में मां-बेटे पर FIR दर्ज!
Gwalior Saurabh Sharma: ग्वालियर। परिवहन विभाग के पूर्व धन कुबेर आरक्षक सौरभ शर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ गई है। भोपाल मुख्यालय से हरी झंडी मिलते ही ग्वालियर पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए दिए गए फर्जी शपथ पत्र की जांच के बाद FIR दर्ज की है। शपथ पत्र में सौरभ शर्मा और उसकी मां ने अपने बड़े बेटे सचिन सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में नौकरी करने की बात छुपाई थी। जांच में सामने आया कि सचिन साल 2013 से शासकीय सेवा में है।
सौरभ शर्मा की बढ़ी मुश्किलें
करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने वाले परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक धन कुबेर सौरभ शर्मा मामले में अब ग्वालियर पुलिस की भी एंट्री हो गई है। जबकि, ED, लोकायुक्त, आयकर विभाग और DRI पहले से ही सौरभ शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई को जारी रखे हुए है। ऐसे में अब सौरभ शर्मा (Gwalior Saurabh Sharma) और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ अनुकंपा नियुक्ति को लेकर दिए गए फर्जी शपथ-पत्र के मामले में सहायक परिवहन आयुक्त किरण कुमार की शिकायत पर ग्वालियर की सिरोल थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
क्या है पूरा मामला
ग्वालियर के रहने वाले सौरभ शर्मा ने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए जो शपथ-पत्र प्रस्तुत किया था वह झूठा था। सौरभ शर्मा पर कार्रवाई करते हुए 18 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त ने छापा मारा था। जिसके बाद खुलासा हुआ था कि सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा ने अपने पति की मौत के बाद अपने छोटे बेटे सौरभ को परिवहन विभाग में आरक्षक बनाए जाने के लिए शपथ-पत्र प्रस्तुत किया था। शपथ पत्र में लिखा था कि मेरे घर में कोई शासकीय सेवा में नहीं है। जबकि, उमा शर्मा का बड़ा बेटा और सौरभ शर्मा का बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ के भिलाई में शासकीय सेवा में हैं।
नियम कहते हैं कि मृतक कर्मचारी का कोई भी एक आश्रित अगर शासकीय सेवा में है तो दूसरे को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होती। इसलिए झूठा शपथ-पत्र प्रस्तुत कर शासकीय नौकरी पाने के मामले में सौरभ शर्मा और उसकी मां के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
सौरभ शर्मा पर हुई कार्रवाई
इसके बाद सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने 18 दिसंबर को छापेमार करवाई की थी। भोपाल रातीबड़ में डोरा के जंगल में एक इनोवा में 54 किलो सोना और 11 करोड़ नकदी आयकर विभाग की टीम ने बरामद किया था। इनोवा गाड़ी सौरभ के पार्टनर बचपन के दोस्त चेतन सिंह गौर की थी, जिसका इस्तेमाल सौरभ शर्मा के ऑफिस में होता था। 27 दिसंबर 2024 को ED ने सौरभ, चेतन और शरद जायसवाल के यहां छापेमार करवाई की और लोकायुक्त ने सौरभ, चेतन और शरद को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेजा।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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