इस मां के हौसले को सलाम! जंगली जानवर के जबड़े से कलेजे के टुकड़े को खींच लाई मां, 7 मिनट का संघर्ष, 14 घाव और 120 टांके
Gwalior Wild Animal Attacks Child ग्वालियर: चंबल अंचल के श्योपुर विजयपुर के पास उमरी कला गांव में घर के आंगन में खेल रहे 9 साल के मासूम पर अचानक जंगली जानवर (मां के मुताबिक चीता) ने हमला कर दिया। जानवर ने मासूम का चेहरा और गर्दन अपने जबड़े में जकड़ लिया। मासूम की चीख सुन पास ही जानवरों को चारा डाल रही, उसकी मां सुरक्षा धाकड़ दौड़कर अपने मासूम के पास पहुंची और चीता के चंगुल में फंसे अपने मासूम को खींचने लगी। एक ओर मां बच्चे को अपनी ओर खींच रही थी, वहीं दूसरी तरफ चीता जोर लगा रहा था। करीब 7 मिनट तक चीता और मासूम की मां के बीच संघर्ष चलता रहा। जद्दोजहद के बाद मां अपने बेटे को चीते के मुंह से खींच लाई, लेकिन इस दौरान जानवर के दांत, नाखून और पंजे से मासूम के चेहरे और सिर पर आधा दर्जन से ज्यादा घाव हो गए।
बच्चे के चेहरे और गर्दन पर 14 घाव और 120 टांके
घटना के बाद फौरन उस मासूम को ग्वालियर रेफर किया गया। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे की जिंदगी बचाने की जंग (Gwalior Wild Animal Attacks Child) शुरू की। ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ढाई घंटे चले ऑपरेशन के बाद मासूम को 120 टांके लगाए गए हैं, तब जाकर मासूम बच्चे की जान बची। वन विभाग का कहना है बच्चे पर तेंदुए ने हमला किया था। जबकि, मासूम की मां का कहना है कि जब बेटे की चीख उन्हें सुनाई दी तब वह जानवरों को चारा डाल रही थी। बेटे की चीख पुकार सुनकर मां दौड़कर वहां पहुंची और चीते के पंजे में उसे दबा देख उसके जबड़े से उसे खींच लाई।
बेटे के लिए चीते के सामने यमराज बन गई थी- घायल बच्चे की मां
जंगली जानवर के हमले में घायल मासूम बच्चे की मां ने कहा, "मेरा बेटा उससे संघर्ष कर रहा था, तभी मैं वहां पहुंची और मैंने बेटे का हाथ पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा। लेकिन, ऐसा लगा कि सामने से जैसी 50 आदमी खींच (Mother Fought With Wild Animal) रहे हैं। अपने बेटे के लिए मैं यमराज का रूप लेकर वहां सामने आकर खड़ी हो गई। मैं अपनी पूरी शक्ति लगाकर अपने बेटे को चीते के जबड़े से खींच रही थी, उसमें मुझे सफलता भी हासिल हुई। जब बच्चा मेरे गोद में आया तब उसका चेहरा पूरी तरीके से खराब हो चुका था, लेकिन डॉक्टरों की प्रयास से आज मेरा बेटा सुरक्षित है।"
डॉक्टर की निगरानी में घायल बच्चा
जिस बच्चे को जंगली जानवर ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया था, उसे गंभीर हालत में ग्वालियर की JSH समूह के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे का ऑपरेशन किया। चेहरे और गर्दन में 14 घाव थे। ढाई घंटे चले इस ऑपरेशन में डॉक्टर ने मासूम को 120 टांके लगाए हैं।फिलहाल, डॉक्टर ने बच्चे को 48 घंटे के लिए अपनी निगरानी में रखा है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को 120 टांके लगाए गए हैं। तेंदुए की लार से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। इसलिए उसे अभी कुछ समय तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा जाएगा।
घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत
इस घटना के बाद गांव वाले अभी भी दहशत में हैं। एक दिन पहले भी चीता देखने के बाद से ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं। वहीं, वन विभाग अभी उलझन में है कि हमला करने वाला तेंदुआ था या चीता। घटना के बाद वन विभाग का अमला राउंड लगाकर चला गया। यही वजह है कि उमरी कला गांव के लोग बच्चों को घर से बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं, साथ ही डंडा लेकर अपने जानवरों की भी निगरानी कर रहे हैं।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)