Mosque Poster Controversy: मस्जिद पर लगाया ‘गजवा-ए-हिंद’ का विवादित पोस्टर, हिंदू संगठनों के विरोध पर हटाया
Mosque Poster Controversy: इंदौर। मध्य प्रदेश में इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में एक मस्जिद पर विवादित पोस्टर लगाए जाने की घटना के चलते एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई है। मस्जिद पर विवादित पोस्टर लगाने की जानकारी जब हिंदू जागरण मंच सहित तमाम हिंदू संगठनों को मिली तो यह सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया। फिलहाल विवाद की स्थिति के चलते मस्जिद पर लगे विवादित पोस्टर को उतार लिया गया लेकिन अब इस मुद्दे पर एक बार फिर दोनों समाज आमने-सामने हो चुके हैं। ऐसे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा, यह देखने वाली बात है।
यह है पूरा मामला
अब तक मिली जानकारी के अनुसार इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में मौजूद एक मस्जिद पर एक पोस्टर लगाया गया था। जब इस पोस्टर की जानकारी हिंदू संगठनों को लगी तो पूरे ही मामले का सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध जताया गया। हिंद रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एकलव्य गौड़ ने फेसबुक पर उस पोस्टर को शेयर करते हुए लिखा कि इंदौर के कागदीपुरा क्षेत्र में एक मस्जिद पर लगाया गया गजवा ए हिंद के आतंक को दर्शाता यह पोस्टर प्रशासन की शांति व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है। जिहादी मानसिकता के द्वारा शहर को आतंकित करने के मंसूबों से लगाए गए इस पोस्टर की अनुमति आखिर किस कट्टरपंथी ने दी है। प्रशासन से निवेदन है कि इसे तत्काल संज्ञान में लेकर पोस्टर (Mosque Poster Controversy) लगाने वाले पर कठोरतापूर्वक कार्रवाई करें।
हिंदू रक्षक संगठन ने कहा, हिंदुओं का देश है हिंदुस्तान
फिलहाल हिंदू रक्षक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एकलव्य गौड़ ने जिस तरह से फेसबुक पर तमाम तरह की बातें लिखकर इस पोस्टर को शेयर किया, इसके बाद से लगातार सोशल मीडिया के साथ ही इस पोस्टर को लेकर विरोध बढ़ता गया। विश्व हिंदू परिषद के नेता ने तो सार्वजनिक बयान देते हुए कहा कि गजवा-ए-हिंद (Mosque Poster Controversy) क्या होता है, यह तो हिंदुओं का स्थान हिंदुस्तान है। यदि यह गजवा के साथ हिंद लगा रहे हैं तो यह हिंदुस्तान है और यह भी स्वीकार कर रहे हैं। यह देश में अराजकता है और कुछ लोग देश में अशांति का माहौल बनाना चाहते हैं। इस पोस्टर के माध्यम से वे यह संदेश देना चाहते हैं तो मैं इन विधर्मियों को स्पष्ट संदेश देता हूं कि यह हिंदुओं का हिंदुस्तान है, सनातनियों का हिंदुस्तान है और यह सनातन देश है।
उन्होंने आगे कहा कि कर्बला जो है, हमें नहीं पता क्या है, हमें यह पता है कि यह सनातन संस्कृति का देश है जहां भारत माता की आरती होती है या भारत माता पूजी जाती है। यह हिंदुस्तान है, हिंदुओं का देश है, यहां ना कोई कर्बला है, ना कुछ है, यहां पर केदारनाथ है, यहां पर विश्वनाथ है, यहां पर मथुरा में हमारे मोहन जी बैठे हैं। भारत एक शक्तिशाली देश बन रहा है और आज कुछ लोग भारत के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए इस प्रकार की अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं।
पोस्टर लगाने वाले भी आए सामने, पोस्टर को कर्बला से संबंधित बताया
फिलहाल इस पोस्टर पर जमकर विवाद हो रहा है। पोस्टर लगाने वाले क्षेत्रीय लोग भी सामने आए और उन्होंने पोस्टर को लेकर कहा कि यह पोस्टर हमारे धर्म से संबंधित है। कर्बला में जब 1400 साल पहले जो जंग हुई थी उसको दर्शाने वाला यह पोस्टर है और उस पोस्टर में बच्चों और महिलाओं पर जिस तरह से जुल्म हुए थे, वह दर्शाया गया है और पोस्टर में भी कुछ इसी तरह से दिखाया गया है। इस पोस्टर में किसी हिंदू संगठन या किसी धर्म की धार्मिक भावना को आहत करने का उद्देश्य नहीं था।
पोस्टर लगाने वालों ने आगे कहा कि जिस तरह से ऐसे सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों के द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है, हम प्रशासन से मांग करेंगे कि जिस भी सोशल मीडिया एकाउंट से यह पोस्टर वायरल किए जा रहे हैं, उन पर करवाई की जाए। इस तरह केजो अकाउंट बने हुए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और इस तरह के पोस्टर हम आज नहीं लगा रहे हैं बल्कि समय-समय पर इस तरह के पोस्टर (Mosque Poster Controversy) लगाते हैं। इस पोस्टर का गजवा-ए-हिंद से इसका कोई ताल्लुक नहीं है और यह पोस्टर कर्बला का है और यह पोस्टर शिया समाज से संबंधित है। कानून के हिसाब से हमें इसे हटाने के लिए कहा गया और हमने इसे हटा दिया।
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