Holi 2025: होली पर इस गांव में रहता है मातम सा माहौल, 130 सालों से डहुआ में होली खेलने पर क्यों है प्रतिबंध?
Holi 2025: बैतूल। देश में आज होली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की बधाइयां दे रहे हैं। लेकिन, बैतूल जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां लोगों ने वर्षों से होली नहीं मनाई। आज होली के दिन भी इस गांव में मातम छाया हुआ है। करीब 130 सालों से इस गांव में होली मनाने पर प्रतिबंध है। इसके चलते होली पर इस गांव में मातम छाया रहता है।
इस गांव में सालों से नहीं खिली होली
बैतूल जिले के मुलताई तहसील के डहुआ गांव में करीब 130 सालों से ग्रामीण होली का पर्व नहीं मानते। गांव के प्रधान की करीब 130 साल पहले होली के दिन बावड़ी में डूबने से हुई मौत के बाद से ग्रामीणों द्वारा उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए होली नहीं खेलने का निर्णय लिया गया था। जब से इस गांव में होली खेलने पर प्रतिबंध है। होली के दिन कोई भी ग्रामीण होली नहीं खेलता। ग्रामीण आज भी इस फैसले को मानते हैं और होली नहीं मनाते। जिससे गांव में मातम सा माहौल रहता है।
प्रधान की मौत से नहीं मनाते होली
गांव के बुजुर्ग मनचित मगरदे ने बताया कि जब हम छोटे-छोटे थे। तब से ही होली का पर्व गांव में नहीं मनाया जाता। हमें बुजुर्गों ने बताया है कि गांव के प्रधान नड़भया मगरदे की होली के ही दिन गांव के एक बावड़ी में डूबने से हुई मौत हुई थी। इस घटना के बाद प्रधान को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए होली ना मनाने का फैसला लिया था। आज भी इस फैसले को ग्रामीण मान रहे हैं।
युवाओं ने किया असफल प्रयास
गांव के युवा मनोज बारंगे ने बताया कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं। गांव में कोई भी होली नहीं खेलता। होली के दिन गांव में मातम का माहौल रहता है। गांव की युवाओं द्वारा एक बार होली मनाने का प्रयास किया गया लेकिन युवा सफल नहीं हो पाए। अब युवाओं का भी होली खेलने का मन नहीं रहा। गांव में बहू बनकर आईं कविता ने बताया कि मायके में होली मनाते हैं, लेकिन ससुराल में जब से शादी हुई है। गांव में होली नहीं मानने की परंपरा गांव के सभी ग्रामीण मानते हैं।
(बैतूल से मनोज देशमुख की रिपोर्ट)
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