Homestay Balaghat News: जनजातीय ग्रामीण इलाकों में 6 होमस्टे का शुभारंभ, ग्रामीण संस्कृति को जानेंगे लोग, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
Homestay Balaghat News: बालाघाट। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड और जिला प्रशासन के प्रयासों से नगर से सटे जनजातीय ग्रामीण क्षेत्र टेकाड़ी, केरा और पिपरटोला में छह होमस्टे स्थापित किए गए। टेकाड़ी पंचायत के तीन गांव टेकाड़ी, केरा और पीपरटोला में छह होमस्टे की सौगात सांसद श्रीमती भारती पारधी ने ग्रामीणों को समर्पित की। इस दौरान सांसद पारधी ने कहा कि देश को विश्व गुरु बनाने में ऐसे कार्य भी महत्वपूर्ण हैं।
जिससे ग्रामीण युवाओं और महिलाओं की आय सुनिश्चित हो सके। साथ ही पर्यटक व शोधार्थी ऐसे स्थलों का लाभ लेकर ग्रामीण सभ्यता-संस्कृति को करीब से जान सकें। उन्होंने कहा कि भले ही शहरों में बड़े-बड़े होटल व रिसॉर्ट बन गए है। लेकिन, आज भी एकांत में रहकर रचनात्मक कार्य होते हैं। साथ ही मन की शांति के लिए एकांत ज्यादा पसंद किया जाता है। ऐसे स्थल हो जहां प्राकृतिक नजारे हों, जल-जंगल और झरने हों। ये सब टेकाड़ी, गांगुलपारा, केरा और पिपरटोला की पहचान है।
होमस्टे का संचालन हुआ शुरू
अनुपमा एजुकेशन संस्था और ग्राम पर्यटन समिति द्वारा इन होमस्टे का संचालन अब प्रारंभ हो गया है। होम स्टे के शुभारंभ को लेकर एमपीटी, डीएटीसीसी और पर्यटन प्रबंधक द्वारा प्रयास किए गए। अनुपमा संस्था की जिला कोर्डिनेटर भूमि गेडाम के अनुसार मप्र पर्यटन बोर्ड के माध्यम से जनजातीय पर्यटन परियोजना के तहत ग्राम पंचायत टेकाड़ी को चुना गया। इसमें केरा में 04, टेकाड़ी और पीपरटोला में 01-01 होम स्टे तैयार किए गए। इसका उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के बीच ठहरने का मौका देने के साथ ही ग्रामीणों को पर्यटकों के लिए लोक संस्कृति परंपराओं को प्रदर्शित करना एवं रोजगार से जोड़ऩा है।
संस्कृति से रूबरू होंगे पर्यटक
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण नर्तकों व संगीतकारों में खासा उत्साह रहा। मंगलवार को शुभारंभ को देखते हुए बैगा जनजाति के ग्रामीण जनों ने सांसद पारधी का स्वागत ग्रामीण जनजाति परिवेश व वेशभूषा में सजधज कर किया। इन होमस्टे से पीपरटोला टेकाड़ी में पर्यटकों को जिले की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। सांस्कृतिक दल के लिए वाद्ययंत्र एवं वेशभूषा के इंतजाम किए गए हैं। इन गांवों में पर्यटन परियोजना के बेहतर संचालन के लिए ग्राम पर्यटन समितियों का भी गठन किया गया। ताकि ग्रामीण पर्यटन और इको पर्यटन के क्षेत्र में सामूहिक रूप से काम किया जा सके। इस तरह के प्रयास से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। गांव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
अनुदान पर बनाए गए होमस्टे
अनुपमा शिक्षा संस्था के प्रमोद तिवारी ने बताया कि ग्रामीण पर्यटक विकास निगम द्वारा प्रदेश में 30 से 35 गांवो में वर्ष 2019 से परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मप्र टूरिज्म बोर्ड और भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। यहां 11 होमस्टे बनने है, जिसमें 6 होमस्टे तैयार हो चुके है। जनजातीय परियोजना के तहत बालाघाट नगर से करीब 15 किमी.पर स्थित गांगुलपारा जलाशय से लगे गांव टेकाड़ी, पिपरटोला और केरा हैं।
इन गांवो में गांगुलपारा की नहर से तीनों गांव लगे हैं। यहां पर्यटकों को होमस्टे के चारों ओर छोटे-छोटे धान के खेत, अनेकों प्रजाति की वनस्पति, पक्षियों का कलरव, गांगुलपारा जलाशय व झरना है। साथ ही होमस्टे का ग्रामीण परिवेश और ग्रामीण व्यंजन आकर्षित करेंगे। इन होमस्टे की जानकारी पर्यटकों को निश्चित तौर पर मिले इसके लिए मप्र टूरिज्म बोर्ड और मेक माय ट्रिप एप्प पर भी इसकी जानकारी व लोकेशन फ्लैश करने की तैयारी की गई है।
(बालाघाट से अशोकगिरी गोस्वामी की रिपोर्ट)
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