पति के जिंदा होते हुए पत्नी का नाम जुड़ा विधवा पेंशन में, 1 साल से नाम कटवाने के लिए भटक रही महिला
Chhatarpur News छतरपुर :मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक रोचक मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति के जीवित होते हुए उसकी पत्नी को सरकारी कागजों में विधवा बना दिया गया। इतना ही नहीं कागजों में विधवा पत्नी को एक साल से विधवा पेंशन भी दी जा रही है।
विधवा पेंशन योजना में जुड़ गया नाम
दरअसल, बड़ा मलहरा की एक महिला ने 1 साल पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना में नाम जुड़वाने के लिए नगर परिषद बड़ा मलहरा में आवेदन दिया था। हालांकि उसका नाम लाडली बहन में न जोड़कर विधवा पेंशन योजना में जोड़ दिया गया है, जबकि उसका पति अभी जीवित है। अब महिला विधवा पेंशन से नाम कटवाने के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट रही है। इस दौरान महिला के पति ने कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में आवेदन देकर महिला का विधवा पेंशन से नाम कटवाने की कलेक्टर से मांग की है।
सरकारी ऑफिसों में जिंदा होने के सबूत देते फिर रहा व्यक्ति
नगर परिषद के लापरवाह कर्मचारियों की वजह से बृजेश विश्वकर्मा की पत्नी को लाडली बहना योजना का लाभ न मिलकर विधवा पेंशन के 400 रुपये हर महीने मिल रहे हैं। बृजेश पिछले 1 साल से स्थानीय प्रशासन से लेकर छतरपुर कलेक्ट्रेट और भोपाल तक अपने जिंदा होने का सबूत देते फिर रहे हैं, लेकिन लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते एक जिंदा व्यक्ति को कागजों में जिंदा नहीं किया जा सका और उसकी पत्नी कागजों में विधवा है।
कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन
जनसुनवाई में बृजेश छतरपुर कलेक्टर (Chhatarpur Collector) के पास पहुंचा और खुद के जिंदा होने का सबूत देते हुए दस्तावेजों में सुधार कराए जाने की गुहार लगाई है। उनके अनुसार कलेक्टर छतरपुर ने आवेदन लेकर जांच की बात कही है। देखना दिलचस्प होगा कि एक जिंदा इंसान को कागजों में जिंदा होने के लिए अभी और कितनी जद्दोजहद करनी पड़ेगी।
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