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Indian Monalisa shalabhanjika: ग्वालियर के प्रसिद्ध किले में रखी है विश्व प्रसिद्ध इंडियन मोनालिसा शालभंजिका की मूर्ति

Indian Monalisa shalabhanjika ग्वालियर: इंडियन मोनालिसा के नाम से प्रसिद्ध शालभंजिका की प्रतिमा ग्वालियर के प्रसिद्ध गुजरी महल संग्रहालय में रखी हुई है। बेहद आकर्षक दिखने वाली इस मूर्ति में तीन विशेषताएं भी हैं। इन विशेषताओं में सबसे खास यह है...
02:43 PM Feb 12, 2025 IST | Amit Jha

Indian Monalisa shalabhanjika ग्वालियर: इंडियन मोनालिसा के नाम से प्रसिद्ध शालभंजिका की प्रतिमा ग्वालियर के प्रसिद्ध गुजरी महल संग्रहालय में रखी हुई है। बेहद आकर्षक दिखने वाली इस मूर्ति में तीन विशेषताएं भी हैं। इन विशेषताओं में सबसे खास यह है कि इस पत्थर की मूर्ति में चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव स्पष्ट दिखाई देते हैं। यही वजह है कि जो भी पर्यटक इस मूर्ति को देखता है, बस देखता ही रह जाता है और इंडियन मोनालिसा का दीवाना हो जाता है।

ग्वालियर में है इंडियन मोनालिसा शालभंजिका की मूर्ति

इंडियन मोनालिसा की मुस्कान बिल्कुल लियोनार्डो द विंची की मोनालिसा जैसी है। इसकी कीमत अनमोल है। शरीर की बनावट ऐसी है, जिससे नजरें हटाने का कभी दिल ही न करे। एक प्रतिमा में कई विशेषताएं विद्यमान हैं। 10वीं शताब्दी की प्राचीन प्रतिमा (इंडियन मोनालिसा) में तमाम खूबियों और सौंदर्य में मौजूद है। बेहद मनमोहक दिखने वाली इंडियन मोनालिसा की प्रतिमा ग्वालियर के गुजरी महल संग्रहालय में रखी हुई है।

मूर्ति शारीरिक सौंदर्य और मनमोहक मुस्कान के लिए प्रसिद्ध

शालभंजिका (इंडियन मोनालिसा) यह एक ऐसी महिला की प्रतिमा है जो अपनी शारीरिक सौंदर्य और मनमोहक मुस्कान की वजह से कई देशों में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। त्रिभंग मुद्रा में खड़ी एक महिला की दुर्लभ और अद्वितीय पत्थर की मूर्ति इंडियन मोनालिसा विदिशा के पास ग्यारसपुर गांव में खुदाई के दौरान मिली थी। चेहरे पर आकर्षक मुस्कान के कारण इसे इंडियन मोनालिसा (Indian Monalisa shalabhanjika) भी कहा जाता है।

मनमोहक है मूर्ति की मुस्कान

इतिहासकारों की मानें तो इंडियन मोनालिसा की तीन विशेषताएं हैं, जिसके चलते दुनिया भर में इसे बहुमूल्य माना गया है। यह भले ही पत्थर की मूर्ति है फिर भी इसके चेहरे पर मुस्कुराहट का भाव स्पष्ट दिखाई देता है। 10वीं और 11वीं शताब्दी की इस प्रतिमा में ऐसे अधोवस्त्र दिखाई देते हैं जो आज के आधुनिक समाज में दिखाई दे रहे हैं।
इंडियन मोनालिसा के नाम से प्रसिद्ध इस मूर्ति की मुस्कान बिल्कुल लियोनार्डो द विंची की मोनालिसा जैसी है। यही वजह है कि जो भी इस प्रतिमा को पहली बार देखता है वह उसका कायल हो जाता है।

1000 साल बाद भी श्रेष्ठ कृतियों में शुमार शालभंजिका की मूर्ति 

10वीं शताब्दी में बनी शालभंजिका की इस मूर्ति को देश के लिए गौरव माना जाता है। बता दें कि विदेश में भी इसे इंडियन मोनालिसा और मास्टर पीस ऑफ आर्ट्स जैसे नाम से जाना जाता है। इन्हीं खूबियों के चलते यह भारत में 1000 साल बाद भी श्रेष्ठ कृतियों में शुमार है। इंडियन मोनालिसा की प्रतिमा की कीमत करीब 200 करोड़ रुपए बताई जाती है। बेहद ही अनमोल यह मूर्ति ग्वालियर किले के गुजरी महल में स्थित एक कमरे में रखी हुई है।

मूर्ति की सुरक्षा में 24 घंटे 4 गार्ड मौजूद

जानकारों की मानें तो गुजरी महल (Gwalior Gujari Mahal Archeological Museum) में स्थित इंडियन मोनालिसा को विशेष सुरक्षा के घेरे में रखा गया है। गुजरी महल के बीचो-बीच स्थित एक कमरा है और इस कमरे में इंडियन मोनालिसा की प्रतिमा रखी हुई है। इस कमरे के पास हर समय 4 गार्ड 24 घंटे मौजूद रहते हैं। इंडियन मोनालिसा के नाम से पहचानी जाने वाली इस प्रतिमा की कीमत अनमोल और बेशकीमती है।

विदेश में भी इंडियन मोनालिसा की भारी डिमांड

शालभंजिका की प्रदर्शनी के लिए इसे एक विशेष सुरक्षा के घेरे में कई देशों में भेजा भी गया। इंडियन मोनालिसा के नाम से जानी जाने वाली इस मूर्ति की विदेशों में भी भारी डिमांड है। ग्वालियर किले के गुजरी महल में कमरों में कैद इंडियन मोनालिसा को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। कहते हैं जो भी इस मूर्ति को पहली बार देखा है वह उसका कायल हो जाता है। यही वजह है कि इंडियन मोनालिसा की सुंदरता के कद्रदान भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारी तादाद में हैं। वहीं, जो पर्यटक इस इंडियन मोनालिसा को देखता है, वह उसे निहारता ही रह जाता है।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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