Indore Crime News: कांग्रेस नेता के बेटे हर्ष का मर्डर करने वाले दोषियों को मिली फांसी की सजा, फिरौती में मांगे थे 4 करोड़ रूपए
Indore Crime News: इंदौर। मां-बाप अपने बच्चों के लिए क्या नहीं करते? अगर बच्चे को जरा सी भी खरोंच आ जाए तो माता-पिता का दिल तड़पने लगता है। तो सोचिए कि एक 6 साल के मासूम को अगवा कर उसकी हत्या कर दी जाए तब उस मां पर क्या बीतेगी? उस पिता की बेबसी को समझिए जिसकी उंगली थामके चलने वाला बच्चा अब उन्हीं की गोद में बेसुध पड़ा था।
बात एक साल पुरानी जरूर है लेकिन जख्म अभी भी ताजे हैं। मासूम हर्ष (Harsh) के मुंह में कपड़ा ठूंसकर बुरी तरह से मारा गया। आरोपियों ने फिरौती में चार करोड़ रुपए की डिमांड रखी लेकिन जब पकड़े जाने का डर लगा तो मासूम का बेरहमी से कत्ल कर दिया। आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद केस चलता रहा और पूरे 16 महीने के बाद कोर्ट के फैसले से परिजनों ने राहत भरी सांस ली। (Indore Crime News)
यह है पूरा मामला
मामला एक साल पुराना है। इंदौर के किशनगंज थाना क्षेत्र में पिगडंबर (Pigdamber) में कांग्रेस नेता जितेंद्र ठाकुर रहते हैं। वे अपने हंसते-खेलते परिवार के साथ अच्छे से जीवन जी रहे थे। जितेंद्र चौहान अपने सात साल के बेटे हर्ष चौहान के साथ खुश थे। लेकिन तभी एक घटना ने उन्हें पूरा हिलाकर रख दिया। अचानक उन्हें पता चलता है कि उनके बेटे हर्ष चौहान का किसी ने किडनैप कर लिया। (Indore Crime News)
मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस लगातार आरोपियों की खोजबीन कर रही थी। इधर, घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ जा रहा था तो उधर आरोपियों (Indore Crime News) की तलाश में हर एंगल से जांच की जा रही थी। अपहरणकर्ताओं ने जितेंद्र चौहान से 4 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती नहीं मिलने और पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने मासूम का बेरहमी से गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार (Murder) दिया। इस घटना से हर कोई स्तब्ध था।
अपनो ने ही किया था कत्ल
एडवोकेट आशीष शर्मा के मुताबिक, जांच में पता चला कि आरोपी और कोई नहीं बल्कि जितेंद्र चौहान के ही रिश्तेदार ऋतिक और विक्रांत थे। दोनों आरोपियों ने रूपयों की लालच में इस वारदात को अंजाम दिया था। आरोप था कि ऋतिक और विक्रांस ने मासूम हर्ष को कार में बैठाने के बाद उसके मुंह में कपड़ा ठूंसकर ऊपर से टेप लगा दिया था। (Indore Crime News)
इस वारदात में शाजापुर का हरिओम नामक युवक भी था, जिसने मित्र विक्रांत को सिम लाकर दी थी। हरिओम को कोर्ट ने बरी कर दिया है। फिलहाल, जितेंद्र के घर का चिराग बुझ चुका था और घर में गूंजने वाली बेटे की हंसी की बजाय सन्नाटा पसरा हुआ था। आखिरकार दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े ही गए और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा। कोर्ट में केस चला और पेशियों का दौर शुरू हो गया। (Indore Crime News)
इस पूरे मामले में इंदौर कोर्ट के समक्ष पुलिस ने विभिन्न तरह के साक्ष्य प्रस्तुत किए। 16 महीने चली सुनवाई में 30 गवाहों ने भी आरोपियों के खिलाफ गवाही दी। सारे सबूतों और गवाहों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को एक साल बाद फांसी की सजा सुनाई। वहीं, एक-एक हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट के फैसले के बाद मृतक हर्ष के माता-पिता को खोया हुआ बेटा तो नहीं मिल सकता लेकिन अपराधियों को मिली सजा से थोड़ा सुकून जरूर मिला होगा। अब देखना होगा कि अपराधियों को फांसी कब दी जाती है। (Indore Crime News)
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