Indore Cyber Police Disclosure: इंदौर साइबर सेल का खुलासा, निजी बैंक में 5 माह में 15 खातों में ठगी के 138 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन

Indore Cyber Police Disclosure इंदौर। एमपी के इंदौर में राज्य साइबर पुलिस ने अकाउंट को किराए पर देकर उसमें ठगी के रुपए जमा कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में एक और बड़ा खुलासा किया...
indore cyber police disclosure  इंदौर साइबर सेल का खुलासा  निजी बैंक में 5 माह में 15 खातों में ठगी के 138 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन

Indore Cyber Police Disclosure इंदौर। एमपी के इंदौर में राज्य साइबर पुलिस ने अकाउंट को किराए पर देकर उसमें ठगी के रुपए जमा कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में एक और बड़ा खुलासा किया है। गिरफ्तार इंडसइंड बैंक के मैनेजर ने पूछताछ के दौरान बताया है कि उसने पिछले 5 माह में ही 15 खातों में फर्जी तरीके से 138 करोड़ रुपए जमा करवाए थे।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल राज्य साइबर सेल ने साइबर ठगी के मामले में इंडसइंड बैंक के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर और डिलीवरी ब्वॉय को दो दिन पहले गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि वे अपने दो अन्य साथियों से मिलकर दुबई माड्यूल को फर्जी बैंक खातों की सप्लाई कर रहे थे। इन खातों में देश-विदेश में होने वाली साइबर ठगी का रुपया जमा हो रहा था।

पुलिस को मिली अहम जानकारी

गौरतलब है कि गिरफ्तार बैंक मैनेजर और डिलीवरी ब्वॉय ने पूछताछ में अहम जानकारी दी है। बैंक मैनेजर ने बताया है कि उसने ऐसे 15 फर्जी करंट अकाउंट खुलवाए थे। जिसमें 5 महीने के भीतर करीब 138 करोड़ का लेनदेन हुआ था। बता दें कि एसपी जितेन्द्र सिंह की टीम ने इंडसइंड बैंक सियागंज के मैनेजर जांबाज को पकड़ा था। उसने राकेश त्रिपाठी के नाम से अकाउंट खोल कर उसमें बड़ी राशि की हेराफेरी की थी। साइबर पुलिस न जानकारी दी है कि सभी खाते सियागंज, एअरपोर्ट रोड ओर साउथ तुकोगंज ब्रांच में खोले गए थे। पुलिस को तफ्तीश के दौरान पता चला है कि ये सभी  खाते इंदौर के साथ ही नीमच, धार और सेंधवा की संदिग्ध फर्म के नाम से चल रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि इसमें से सबसे ज्यादा 58 करोड़ रुपए संजय कमोडिटी के अकाउंट में जमा हुए।

पिपलियाहाना में भी मिले 4 संदिग्ध अकाउंट

राज्य साइबर सेल के मुताबिक पिपलियाहाना में भी 4 संदिग्ध अकाउंट मिले हैं। इन संदिग्ध खातों को  तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र की पुलिस ने फ्रीज करवाए हैं। अकेले इन चार खातों में 30 करोड़ की राशि जमा की गई थी। जांच में यह भी पता चला है कि इसमें अधिकतर राशि ऑनलाइन गेम्बलिंग में विदेशों के खातों में गई है। साइबर पुलिस ने बताया है कि इस पूरे मामले में बैंक मैनेजर जाबाज के परिजनों  के बैंक खातों और संपत्ति की डिटेल भी खंगाली जा रही है।

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