Indore Digital House Arrest: ED अधिकारी बन बदमाशों ने किया बुजुर्ग को हाउस अरेस्ट, लगाया 39 लाख का चूना
Indore Digital House Arrest इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में डिजिटल हाउस अरेस्ट का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शातिर बदमाशों ने ईडी अधिकारी बन बुजुर्ग को हाउस अरेस्ट कर 39 लाख से अधिक का चूना लगाया है। दरअसल एक छोटी सी गलती बुजुर्ग को भारी पड़ गया है। आखिर क्या है पूरा मामला और ठगी के इस नए रूप से कैसे बच सकते हैं आइए विस्तार से जानते हैं।
बदमाशों ने किया बुजुर्ग को डिजिटल हाउस अरेस्ट
इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रिटायर्ड 72 वर्षीय बुजुर्ग के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी का गंभीर मामला सामने आया है। बदमाशों ने 72 वर्षीय बुजुर्ग को स्काइप ऐप डाउनलोड कर कर घंटों मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी (Indore Digital House Arrest) देकर पूछताछ की। इस दौरान शातिर बदमाशों मे ईडी अधिकारी बनकर बुजुर्ग पर काफी दबाव बनाया।
मनी लॉन्ड्रिंग में फंसने के डर से बुजुर्ग ने गंवाए 39 लाख 60 हजार
पीड़ित के अनुसार, बदमाशों ने मनी लॉन्ड्रिंग सहित अलग-अलग मामलों से बचने के लिए 39 लाख 60 हजार रुपए अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा। फंसने के डर से बुजुर्ग ने बिना कुछ सोचे फौरन बताए गए अकाउंट में 39 लाख 60 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। पैसे ट्रांसफर होने के चंद सेकंड बाद शातिर बदमाशों ने फोन बंद कर दिया। उसके बाद बुजुर्ग ने परिजनों से ठगी के बारे में बताया। उसके बाद पुलिस को इसकी शिकायत की।
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— MP First (@MPfirstofficial) August 9, 2024
डिजिटल हाउस अरेस्ट गिरोह हरियाणा और जामताड़ा में सक्रिय
वहीं, एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, "इंदौर में हाउस अरेस्ट की यह 10वीं घटना है। बुजुर्ग की शिकायत पर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आमतौर पर हरियाणा के मेवात गैंग सहित झारखंड के जामताड़ा गिरोह के सदस्य इस तरह की वारदातों का अंजाम दे रहे हैं। जल्द ही इस पूरे मामले से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इससे पहले भी हाउस अरेस्ट के जरिए कई लोग धोखाधड़ी के शिकार हो चुके हैं।"
AI की भी मदद ले रहे साइबर अपराधी
साइबर अपराधी इस दौरान AI जेनरेटेड वॉयस कॉल या फिर वीडियो कॉल भी करते हैं। कई बार रिश्तेदार की आवाज में बात कर व्यक्ति को जाल में फंसाते हैं। हो न हो अगर आप भी साइबर अपराधियों के जाल में फंसते हैं तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
क्या होता है डिजिटल हाउस अरेस्ट?
डिजिटल हाउस अरेस्ट ऑनलाइन साइबर ठगी (What is Digital House Arrest) का नया तरीका है, जिसमें शातिर साइबर अपराधी खुद को ईडी, सीबीआई या फिर अन्य बड़े अधिकारी बताकर व्यक्ति को निशाना बनाते हैं। साइबर अपराधी फोन कॉल, वीडियो कॉल या फिर अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति को जाल में फंसाते हैं और फिर मोटी रकम ऐंठते हैं।
भूलकर भी न करें ये गलती
आज डिजिटल युग में हर कोई बिना मेहनत कम समय में फोन के माध्यम से अपना काम निपटा लेना चाहता है। अधिकांश लोग शॉपिंग या फिर मनोरंजन के लिए फोन पर ही निर्भर रहते हैं। साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस की मानें तो, कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किसी के साथ बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर अन्य डिजिटल जानकारी साझा न करें। दरअसल, कोई भी बैंक या सरकारी-गैर सरकारी संस्थान आपसे OTP या पिन आदि नहीं पूछता है, ऐसे में यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि अगर कोई आपसे इस तरह की जानकारी मांगता है तो भूलकर भी न बताएं।
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