Indore District Court News: कोरोना काल में हुआ था एक्सीडेंट, कोर्ट ने बीमा कंपनियों से दिलाए 1 करोड़ 86 लाख रुपए
Indore District Court News: इंदौर। इंदौर के जिला कोर्ट ने एक्सीडेंट के दो मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए बीमा कंपनी को कोरोना काल में हुए सड़क हादसों के लिए मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। इन दोनों ही मामलों में कोर्ट ने 3 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद अपना निर्णय (Indore District Court News) सुनाते हुए बीमा कंपनियों को कुल एक करोड़ छियासी लाख का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
यह है पूरा मामला
कोर्ट द्वारा सुनाया गया पहला मामला इंदौर से कुछ किलोमीटर दूरी पर मौजूद देवास जिले का है। देवास जिले में बीएनपी थाना क्षेत्र में कोरोना काल के दौरान आशीष अग्रवाल अपनी कार के माध्यम इटारसी कंपनी के काम से जा रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार से आ रहे ट्रोले ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर के तुरंत बाद ट्रोला भी कार पर ही उलट गया, जिसके कारण आशीष अग्रवाल की मौके पर ही मौत हो गई। इस पूरे मामले को लेकर अधिवक्ता राजेश अग्रवाल ने कोर्ट के समक्ष दुर्घटना मोटर एक्ट के तहत दावा प्रस्तुत किया।
ब्याज के 16 लाख रुपए भी दिलवाएं
इस दौरान कोर्ट के समक्ष एडवोकेट ने विभिन्न तरह के तथ्य प्रस्तुत किए। साथ ही कोर्ट को इस बात की जानकारी भी दी कि मृतक के परिवार में उसकी पत्नी मंजुला, तीन बच्चे और मृतक की मां मौजूद हैं और उनकी देखरेख का जिम्मा मृतक के पास ही था। अतः मृतक की अचानक मौत होने के कारण पत्नी, बच्चों और मां की देखरेख नहीं हो पा रही है और आर्थिक रूप से वह काफी कमजोर हो चुके हैं। अतः तमाम तरह के तर्कों को एडवोकेट ने कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। एडवोकेट द्वारा दिए गए तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने बीमा कंपनी को 77 लाख 2620 रुपए देने के फरमान दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि वह इस राशि पर ब्याज भी दे। कोर्ट ने 77 लाख 2620 रुपए पर 16 लाख 25000 रुपए का ब्याज भी लगाया है। इस तरह से बीमा कंपनी को कुल 93,48,520 रुपए देने के फरमान दिए हैं।
तेज गति से आ रहे ट्रक से हुई थी मौत, अब मिले 93 लाख रुपए
दूसरा मामला नरसिंहगढ़ थाना क्षेत्र का है। नरसिंहगढ़ थाना क्षेत्र में कोरोना काल के समय भारतीय डाक विभाग में पदस्थ मुकंदी लाल को तेज गति से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इससे डाक विभाग में पदस्थ मुकंदी लाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस पूरे मामले में भी पीड़ित परिवार की ओर से राजेश खंडेलवाल एडवोकेट द्वारा कोर्ट के समक्ष पूरा मामला रखा गया। उसके बाद क्षतिपूर्ति के रूप में लाखों रुपए की डिमांड पीड़ित परिवार की ओर से कोर्ट के समक्ष रखी गई। कोर्ट में पूरे मामले में सुनवाई हुई और कोर्ट ने इस पूरे मामले में विभिन्न तरह के तर्कों से सहमत होते हुए बीमा कंपनी को ब्याज सहित 93,63,480 रुपए पीड़ित परिवार को देने के आदेश दिए हैं।
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