International Tiger Day: मध्य प्रदेश के टाइगर भेजे जाएंगे दूसरे राज्यों में, CM मोहन यादव ने दिए संकेत

International Tiger Day: सोमवार को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल टाइगर डे (International Tiger Day) मनाया जा रहा है। हाल के वर्षों में टाइगरों को संरक्षण देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा काफी प्रयास किए गए हैं। खासकर मध्य...
international tiger day  मध्य प्रदेश के टाइगर भेजे जाएंगे दूसरे राज्यों में  cm मोहन यादव ने दिए संकेत

International Tiger Day: सोमवार को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल टाइगर डे (International Tiger Day) मनाया जा रहा है। हाल के वर्षों में टाइगरों को संरक्षण देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा काफी प्रयास किए गए हैं। खासकर मध्य प्रदेश ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। सोमवार को इंटरनेशनल टाइगर डे के मौके पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया मोहन यादव (Mohan Yadav) ने कहा कि मध्य प्रदेश से टाइगर दूसरे राज्यों को भी दिए जाएंगे, ताकि दूसरे राज्यों में भी इनका संरक्षण हो सके। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।

सीएम ने जताई चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मध्य प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां के वन विभाग ने बहुत अच्छा काम किया है। इन्हीं के प्रयासों के चलते हमारे प्रदेश में टाइगरों की संख्या बढ़ी है और मध्य प्रदेश के टाइगर स्टेट (Tiger State) का दर्जा मिला है। जल्द ही मध्य प्रदेश में नई सेंचुरी भी विकसित की जाएगी। देश में भोपाल ऐसा इकलौता शहर है जहां टाइगर नगर निगम की सीमा में घूमता है। अब तो हमारे पास चीता भी है। चीते के संरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश में गांधी सागर वन क्षेत्र को भी भविष्य के लिए विकसित किया जा रहा है। मेरा मानना है कि प्रदेश में किंग कोबरा का संरक्षण भी किया जाना चाहिए। यह प्रजाति मध्य प्रदेश में विलुप्त होने की कगार पर है। प्रजाति है,इस मौके पर सीएम मोहन यादव ने हाल ही वन मंत्री बने रामनिवास रावत का भी उल्लेख किया।

ये आंकड़े शर्मनाक

इस साल अब तक देश में कुल 75 टाइगर की मौत हो चुकी है। हैरानी की बात है कि इस दौरान टाइगरों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 23 मौत हुई हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है जहां 14 मौतें हुई हैं और तीसरे स्थान पर कर्नाटक है जहां 12 टाइगरों की जीवन लीला समाप्त हो चुकी है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) के मुताबिक, देश में टाइगर की सर्वाधिक मौतें बांधवगढ़ में ही हो रही हैं। 2012 से 2022 के बीच बांधवगढ़ में 65 टाइगरों की मौतें हुई थी, जो देशभर में किसी भी टाइगर रिवर्ज में हुई मौतों में सर्वाधिक रही।

जांच के नाम पर लीपापोती

4 माह पहले एनटीसीए ने मध्य प्रदेश वन विभाग से बांधवगढ़ में टाइगर की मौतों के कारणों की पड़ताल करने को कहा था। मार्च, 2024 में विभाग ने बांधवगढ़ में 3 साल में हुई मौतों के कारणों की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। बांधवगढ़ में बाघों की सभी मौतें प्राकृतिक या टेरिटोरियल फाइट नहीं हैं। इनमें आधी मौतों का कारण पदस्थ मैदानी स्टाफ की लापरवाही को भी माना गया है। वहीं रिपोर्ट में शिकारियों से वन विभाग के कर्मचारियों का कनेक्शन और संबंधों का जिक्र भी किया गया है।

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