Interstate Cyber Thugs: मंडला पुलिस के हत्थे चढ़े अंतरराज्यीय साइबर ठग, चौंकाने वाला है नेटवर्क का खुलासा
Interstate Cyber Thugs: मंडला। ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम से ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह को गिरफ्तार करने में मंडला पुलिस को सफलता मिली है। अंजनिया चौकी क्षेत्र में हुई 17 लाख रूपए की एक ठगी मामले की पड़ताल करते हुए पुलिस गुजरात तक जा पहुंची। यहां से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मंडला लाया गया। इन आरोपियों पर देश के 16 राज्यों में 48 शिकायतें हैं, जिनमें 6.96 करोड़ से भी अधिक की ठगी के आरोप हैं।
ऑनलाईन ट्रेडिंग से मुनाफे का झांसा
पीड़ित एडवोकेट अंकुश झारिया ने बताया कि उन्हें 25 अगस्त को व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया था। इसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कमाने का झांसा दिया गया। इससे वे प्रभावित हो गए। उसके बाद उन्हें एक एप की लिंक भेजी गई और 20 हजार रूपए जमा कराए गए। लिंक से कोटेक का फर्जी एप डाऊनलोड कराया गया। इसके बाद इन्हें व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के माध्यम से और पैसे जमा करने बोला गया।
अंकुश ने 28 अगस्त को पुनः 15 हजार रुपये जमा कर दिए। एप में इनके द्वारा जमा राशि मुनाफे के साथ दिखती रही। इससे अंकुश का विश्वास बढ़ गया। इन्हें फिर से 4 सितंबर को व्हाट्सएप कॉल और मैसेज आए। इसमें बड़ी रकम जमा कर परमानेंट मेम्बर बनने के साथ ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया। इसके बाद उन्होंने बताए हुए खाते में 17 लाख रूपए जमा कर दिए।
आईपीओ खरीदते ही अकाउंट माइनस में पहुंचा
16 सितंबर को इन्हें आईपीओ खरीदने के लिए बोला गया। इन्होंने आईपीओ खरीद लिया। यह 17 सितंबर को एप में दिखने लगा लेकिन इसके साथ ही इन्हें ट्रेडिंग अकाउंट में करीब 72.11 लाख रूपए माइनस में दिखा। जब अंकुश ने इसके विषय में पूछताछ की तो इन्हें उक्त रकम जमा करने के लिए बोला गया। उक्त रकम जमा नहीं करने पर इनके द्वारा जमा की गई पूरी रकम डूब जाने की बात भी कही गई। इसके बाद अंकुश झारिया को अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी का अहसास हुआ और उन्होंने अंजनिया पुलिस से संपर्क किया।
सायबर सेल ने जुटाए अहम सुराग
एसपी रजत सकलेचा ने बताया कि 30 सितंबर को अंजनिया चौकी में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। साइबर सेल से मिले सुरागों के आधार पर एसआई लाखन सिंह राजपूत के नेतृत्व में पुलिस टीम गुजरात रवाना हुई। इस टीम ने गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, मेहसाणा में रुककर स्थानीय साइबर सेल व मुखबिरों के माध्यम से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर मंडला लाया गया।
एसपी ने बताया कि ये शातिर आरोपी व्हाटसअप व टेलीग्राम ग्रुप में लोगों को जोड़कर ट्रेडिंग व इंवेस्टमेंट के नाम से ठगी करते हैं। इन साइबर ठगों पर देश के दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, उडीसा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश सहित 16 राज्यों में 48 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें 6.96 करोड़ से भी अधिक की ठगी की गई है।
मजदूरों के नाम पर खोलते खाते
ये शातिर आरोपी गरीब मजदूर वृद्ध लोगों के बैंकों में खाता खुलवाकर उनकी चेक बुक में उनके हस्ताक्षर करवाकर खुद रखते थे। फिर लोगों को कंपनी के आइपीओ खरीदने व ऑनलाइन आईपीओ खरीदने का झांसा देकर उक्त खातों में पैसा जमा कराते थे। इसके लिए इन्होंने बड़े शहरों में फर्जी कॉल सेंटर बना रखा था। इस पैसे को तुरंत निकाल लिया जाता था। देश के कई राज्यों में इनकी टीमें काम कर रही हैं। एक टीम फर्जी कॉल सेंटर चलाती है तो दूसरी टीम पैसा विड्रॉल कराती है। इसमें कई फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
मंडला पुलिस की बड़ी उपलब्धि
एसपी ने कहा कि करीब एक सप्ताह की कड़ी मेहनत व विपरीत परिस्थितियों में गुजरात राज्य में साइबर सेल के सहयोग से इन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। यह मंडला पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि है। उक्त स्पेशल टीम में चौकी प्रभारी अंजनियां उप निरीक्षक लाखन सिंह राजपूत, सहायक उप निरीक्षक अशोक चौधरी, प्रधान आरक्षक भूपेन्द्र धुर्वे, आरक्षक सुनील सिंह, कीर्ति कुमार, विलेन्द्र नायक, अंचल बघेल और साइबर सेल की विशेष भूमिका रही।
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