Jabalpur Bhedaghat News: पति से परेशान पत्नी ने लगाई नर्मदा में छलांग, हवलदार एवं स्थानीय लोगों ने बचाई जान
Jabalpur Bhedaghat News: जबलपुर। अपने पति से परेशान एक महिला जबलपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भेड़ाघाट के धुआंधार पर आत्महत्या करने पहुंच गई। उसने वहां उफनती नर्मदा में छलांग लगा दी परन्तु वहां घूम रहे हवलदार एवं अन्य स्थानीय लोगों ने उसे बचा लिया। बताया जा रहा है कि महिला अपने पति के साथ हर दिन होने वाले झगड़े से परेशान थी।
इस वजह से कूदी थी भेड़ाघाट पर
पति से परेशान होकर भेड़ाघाट पहुंची 28 वर्षीय आराधना सोनी पाटन थाना क्षेत्र के ग्राम नीची की रहने वाली है। दो मासूम बच्चों की मां आराधना ने आत्महत्या के इरादे से धुआंधार जलप्रपात में छलांग (Jabalpur Bhedaghat News) लगाई थी। आराधना का पति नागेश सोनी (उम्र 36 साल) पेशे से ट्रक ड्राईवर है। पति शराब पीकर घर आता है और पत्नी आराधना से घरेलू कलह करता है, जिसकी वजह से दोनों के बीच हमेशा झगड़ा होता रहता है।
आराधना के दो बच्चे हैं। बड़ा बच्चा तीन वर्ष का है जबकि छोटा बच्चा महज डेढ़ साल का है। आराधना विवाह के बाद से ही पति की प्रताड़ना सह रही थी। परन्तु अब और प्रताड़ना बर्दास्त नहीं कर पाई और खुदकुशी करने की ठान कर घर से भेड़ाघाट धुआधार पहुंच कर नर्मदा नदी में छलांग लगा दी। हालांकि समय रहते लोगों ने उसे देख लिया और बचा लिया।
हवलदार हरिओम ने फिर बचाई जिंदगी
भेड़ाघाट थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक हरिओम ने खुदकुशी करने के लिए नर्मदा में कूदी महिला आराधना को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया। बरगी बांध के गेट खुले होने के कारण उफनती नर्मदा नदी में धुआधार के ऊपरी हिस्से में जैसे ही आराधना सोनी ने छलांग लगाई, उसे कूदते देख प्रधान आरक्षक हरिओम वैश्य भी उफनती नर्मदा में कूद गया। उसने तेज बहाव में बहती-डूबती महिला को पकड़ कर स्थानीय गोताखोरों और पर्यटकों की मदद से बाहर निकाल लिया। इससे महिला की जान बच गई। पुलिस हवलदार हरिओम वैश्य इस तरह से अब तक कई व्यक्तियों की जान बचा चुके हैं।
बस से पहुंची थी महिला भेड़ाघाट
प्राप्त जानकारी के अनुसार आराधना बस में बैठकर पाटन से भेड़ाघाट पहुंची थी। भेड़ाघाट चौक से टैक्सी लेकर वह धुआंधार पहुंची। यहां पर छलांग लगाने से पहले काफी देर तक चट्टानों पर बैठकर रोती रही। कुछ दुकानदारों ने महिला को उदास, निराश और रोते हुए देखा तो उससे वजह पूछी। परन्तु वह किसी से कुछ नहीं बोली और धुआंधार के ऊपरी सुनसान जगह पर बैठे रहने के बाद अचानक उफनती नर्मदा नदी में छलांग लगा दी।
महिला को समझाया, परिजनों को सौंपा
आराधना की जान बचाने के बाद पुलिस आरक्षक हरिओम वैश्य और अन्य लोगों ने उसे समझाया। बच्चों की खातिर जीने और उनकी परवरिश करने की बातें कहीं, तब महिला को थोड़ी हिम्मत मिली। इस दौरान महिला के मायके और ससुराल पक्ष के परिजन भी भेड़ाघाट पुलिस की सूचना पर थाना (Jabalpur Bhedaghat News) पहुंच गये, जहां आराधना को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
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