Jabalpur Collector Order: जबलपुर में थिनर, व्हाइटनर, कफ सिरप बेचने पर लगी रोक! यहां पढ़ें पूरा सरकारी आदेश
Jabalpur Collector Order: जबलपुर। जबलपुर में रजिस्टर्ड डॉक्टर के नए प्रिस्क्रिप्शन के बिना अब कोई भी मेडिकल स्टोर्स संचालक कॉरेक्स कफ सिरप की बिक्री नहीं कर सकेगा। इसके अलावा संपूर्ण जिले में बोनफिक्स, व्हाइटनर, वाहनों के पंचर बनाने में उपयोग होने वाले सॉल्यूशन क्रीम एवं थिनर जैसे उत्पाद नाबालिगों को बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब सरकारी आदेशों के अनुसार किशोर उम्र वाले नाबालिग बच्चों द्वारा नशे के रूप में इस्तेमाल की जा रही इन सामग्रियों को दुकानदार नहीं बेच पाएंगे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शुक्रवार को इस संबंध में धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के विरूद्ध वैधानिक कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
धारा 163 के तहत लागू किया प्रतिबंधात्मक आदेश
जनसाधारण के लिये इस्तेमाल होने वाली कॉरेक्स कफ सिरप को खासी की दवा के रूप में कम बल्कि नाबालिग बच्चे और किशोर उम्र के युवा नशे के रूप में जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। यही वजह है कि अब जबलपुर में कॉरेक्स कफ सिरप डॉक्टर के नए प्रिस्क्रिप्शन के बगैर नहीं बेचा जा सकेगा। इसके अलावा कलेक्टर दीपक सक्सेना (Jabalpur Collector Order) ने बोनफिक्स, व्हाइटनर, वाहनों के पंचर बनाने में उपयोग होने वाले सॉल्यूशन क्रीम एवं थिनर के नशे में बेजा इस्तेमाल की लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुये इनकी बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब जबलपुर जिले की सीमा में कोई भी दुकानदार जन साधारण में इस्तेमाल होने वाले और सहजता से उपलब्ध हो रही ऐसी सामग्रियों को अब से नाबालिग बच्चों को नहीं बेच सकेंगे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इसके लिये शुक्रवार को बाकायदा धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुये प्रतिबंधात्मक आदेश तक जारी कर दिया है।
नशे की गिरफ्त में आकर बच्चे हो रहे टीबी-कैंसर के शिकार
बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना (Jabalpur Collector Order) ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करके सामाजिक सरोकार की दिशा में सार्थक पहल की है। मसलन अब तक आसानी से बाजार में कॉरेक्स कफ सिरप, बोनफिक्स, व्हाइटनर, वाहनों के पंचर बनाने वाले सॉल्यूशन क्रीम एवं थिनर सर्वसाधारण के लिये उपलब्ध थे, लेकिन अब नाबालिग बच्चों को विक्रय किए जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अभी कम उम्र के बच्चों द्वारा अज्ञानतावश इन सामग्रियों का नशे के रुप में धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके दुष्प्रभाव बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में रूकावट के रूप में सामने आते है। इससे वे टीबी और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा नशे के आदी होने के कारण नाबालिग बच्चे एवं किशोर उम्र युवा अपराधिक वारदात में लिप्त हो रहे हैं। नशे के बढ़ते चलन के कारण इनके सड़क दुर्घटनाओं से मृत्यु सहित कई तरह की घटनाएं दुर्घटनाएं देखने मिल रही हैं।
सामाजिक संस्थाएं और शासन प्रशासन स्तर पर चलाएं जा रहे जागरूकता अभियान
जबलपुर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड और झुग्गी झोपड़ी बाहुल्य सहित शहर के अन्य इलाकों में सड़कों पर घूमने वाले बच्चे बड़ी संख्या में सुलोचन और बोनफिक्स का नशा करते रोज देखे जा रहे थे। ये स्कूलों में पढ़ने लिखने की बजाय भिक्षावृत्ति, बाल मजदूरी और पन्नी कचरा बीनकर बेचने जैसे काम करते हैं और चंद पैसे जुटाने के बाद उससे नशे का सामान खरीदकर नशा करने लगते हैं। यदाकदा इनकी फोटो और वीडियो भी प्रशासनिक स्तर पर खूब वायरल हुए हैं। सामाजिक संगठन और शासन स्तर पर बच्चों को नशे से बचाने के लिये कई तरह के जन जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं। बावजूद इसके लिये बच्चों में नशे की लत चिंताजनक बनी हुई है। लिहाजा जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना (Jabalpur Collector Order) की सख्ती और सामाजिक चिंतन की दिशा में नशे के रूप में इस्तेमाल होने वाली कॉरेक्स कफ सिरप, बोनफिक्स, व्हाइटनर, वाहनों के पंचर बनाने वाले साल्यूशन क्रीम एवं थिनर की विक्री पर अंकुश लगाकर इस दिशा में उचित निर्णय लिया गया है।
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